सिकंदराबाद के झाझर में चला यमुना प्राधिकरण का पीला पंजा 232 करोड़ कीमत की जमीन को कराया कब्जामुक्त

  • सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह के निर्देश पर ओएसडी शैलेंद्र सिंह के नेतृत्व में चला अतिक्रमण हटाओ अभियान
  • यमुना प्राधिकरण ने लोगों को चेताया अवैध कॉलोनी बसाने वाले कॉलोनाइजर्स के झासे में आने से बचें
  • कॉलोनाइजर द्वारा 1 लाख 54 हजार वर्ग मीटर क्षेत्रफल में अवैध रूप से बनाई जा रही थी कॉलोनी
  • अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान प्राधिकरण और राजस्व अधिकारियों के साथ काफी संख्या में पुलिसकर्मी रहे मौजूद

उदय भूमि ब्यूरो
ग्रेटर नोएडा। यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने अधिसूचित एरिया में अवैध रूप से प्लॉटिंग करने और अवैध निर्माण करने वालों के खिलाफ सख्त रुख अख्तियार किया है। सीईओ के निर्देश पर ओएसडी शैलेंद्र सिंह के नेतृत्व में यमुना प्राधिकरण ने शुक्रवार को अवैध निर्माण के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए बुलंदशहर सिकंदराबाद तहसील के झाझर गांव में 15.43 हेक्टेयर जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया। अतिक्रमण मुक्त कराई गई जमीन की अनुमानित कीमत लगभग 232 करोड़ रुपये आंकी जा रही है। सीईओ ने प्राधिकरण अधिकारियों को अवैध रूप से प्लॉटिंग करने वाले कॉलोनाइजर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का निर्देश दिया है। सीईओ ने लोगों से भी अपील की है कि वह यमुना प्राधिकरण के अधिग्रहित एवं अधिसूचित क्षेत्र में कॉलोनाइजर के ­ाांसे में आने से बचें।

यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. अरुणवीर सिंह के निर्देश पर ओएसडी शैलेन्द्र कुमार सिंह के नेतृत्व में प्राधिकरण के परियोजना विभाग एवं भूलेख विभाग के अधिकारीगण उपजिलाधिकारी सिकन्द्राबाद, पुलिस अधीक्षक सिकंदराबाद, थानाध्यक्ष ककोड़, चौकी इंचार्ज झाझर शुक्रवार दोपहर झाझर गांव पहुंचे। यहां पर कई कालोनाइजर्स द्वारा यमुना प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र में अवैध रूप से प्लॉटिंग की जा रही थी। यहा पर कई जगहों पर बाउंड्री कराई गई थी और कई स्थानों पर अवैध रूप से मकान बनाया जा रहा था। प्राधिकरण की बिना अनुमति के किये गये अवैध निर्माण प्लाटिंग के विरूद्ध उत्तर प्रदेश इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट एक्ट 1976 की धारा-10 के अन्तर्गत सक्षम अधिकारी द्वारा पारित आदेश के अनुपालन में व्यापक स्तर पर  ध्वस्तीकरण की कार्यवाही की गयी।

प्राधिकरण द्वारा ग्राम झाझर में कुल क्षेत्रफल 15.4503 हेक्टेयर यानी 154503 वर्गमीटर भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया गया। अतिक्रमण मुक्त कराई गई जमीन की मार्केट वैल्यू लगभग 231.75 करोड रुपये आंकी जा रही है। यमुना प्राधिकरण ने चेतावनी देते हुए कहा कि अधिग्रहित एवं अधिसूचित क्षेत्र में यदि किसी व्यक्ति या संस्था द्वारा किसी प्रकार की कोई खरीद-फरोख्त की जाती है तो उसमें होने वाले किसी भी प्रकार की लाभ हानि के लिए वह व्यक्ति एवं संस्था स्वयं जिम्मेदार होगा। प्राधिकरण की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।

प्राधिकरण द्वारा इन खसरा नंबरों की जमीन पर की गई कार्रवाई

खसरा संख्या / क्षेत्रफल-  585, 586/ 0.35400, 577/ 0.9273, 563/1/ 0.7460, 563/2/0.0380, 768/0.0104, 768म/0.0041, 768म / 0.0041, 768म / 0.0041, 768म/0.0023 हे0, 245/0.6910, 271/0.0380, 272/0.2850, 273/0.4680, 289/0. 7460, 291 / 0.6830, 290 / 0.2780, 308म / 0.7260, 308म / 0.1687, 308म/0.0843, 308म / 0.0843 हे0, 585 / 1.3660, 586 / 0.3920 हे0, 728 / 0.8350 हे0, 768म/1/0.5607, 768म / 1म/0.1088 हे0, 763 / 2.7190, 6553 / 1.5050, 655ब / 0.1260 हे0, 768/0.3738, 768/0.3738, 768/0.3738, 768/0.3738।