बिहार में भाजपा नेता से बदसलूकी के मामले में डीजीपी ने दिया कार्रवाई का आश्वासन

 – भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य राकेश मिश्र ने डीजीपी से की मुलाकात

उदय भूमि संवाददाता
मधुबनी। भाजपा बिहार प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य राकेश मिश्र के साथ सहायक अवर निरीक्षक (एएसआई) शंभू कुमार झा द्वारा बदसलूकी किए जाने के मामले में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। भाजपा नेता ने इस संबंध में मुख्यमंत्री से भी लिखित शिकायत की थी और पिछले दिनों रिमाइंडर लेटर भी लिखा था। राकेश मिश्र ने डीजीपी से मुलाकात की और उन्हें शिकायती पत्र के साथ पूरे घटनाक्रम केेे बारे में विस्तार से बताया। डीजीपी ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए भाजपा नेता को उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।
ज्ञात हो कि भाजपा बिहार प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य राकेश मिश्र ने जनपद मधुबनी के घोघरडीहा थाने में तैनात सहायक अवर निरीक्षक (एएसआई) शंभू कुमार झा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। आरोप है कि एएसआई भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं और चढ़ावा नहीं मिलने पर मनमर्जी से काम करने के साथ-साथ बदसलूकी भी करते हैं। विगत 23 फरवरी को घोघरडीहा थाना परिसर में एएसआई ने भाजपा नेता राकेश मिश्र के साथ अभद्रता की थी। भाजपा नेता ने जब एएसआई को मर्यादित भाषा में बात करने को कहा तो उसने उग्र रूप धारण कर लिया। एएसआई ने भाजपा नेता को लॉकअप में बंद करने और जेल भेजने तक की धमकी दी। एएसआई के रवैये से आहत राकेश मिश्र ने पूरे प्रकरण की शिकायत मुख्यमंत्री नीतिश कुमार और उप-मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद से की। भाजपा नेता ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा था कि पूरे प्रकरण की जांच कराकर आरोपी एएसआई के खिलाफ कार्रवाई की जाए। एएसआई शंभू कुमार झा की वजह से आम जनता के बीच पुलिस और सरकार की साख खराब हो रही है। भाजपा नेता द्वारा सीएम से शिकायत किए जाने के बाद भी पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई को लेकर कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई थी। इसके बाद उन्होंने पुन: सीएम को पत्र भेजकर मामले में संज्ञान लेने की अपील की और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) से मुलाकात कर उन्हें पूरे मामले से अवगत कराया। राकेश मिश्र ने बताया कि  डीजीपी ने कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। बता दें कि बिहार में बिगड़ती कानून व्यवस्था के कारण पुलिस महकमा पहले ही विपक्ष के निशाने पर है। बिहार में सत्तापक्ष के नेताओं के साथ भी पुलिस का रवैया अच्छा नहीं है। पुलिस का यह रवैया सरकार के लिए अच्छेेे संकेत नहीं हैं। इस तरह की घटनाओंं से जहां सत्ता पक्ष के कार्यकर्ताओं का मनोबल कमजोर होगा वही, आम जनता में भी यह संदेश जा रहा है कि जब पुलिस सत्ता धारियों की नहींं सुन रही हैै तो फिर आम जनता की क्या सुनेगी।