संघ प्रमुख मोहन भागवत के गाइड बने सीएम योगी आदित्यनाथ बोले विश्व शांति की गारंटी है सनातन धर्म

  • हरियाणा के रोहतक में बाबा मस्तनाथ मठ में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए सीएम योगी
  • सरसंघचालक मोहन भागवत, स्वामी रामदेव सहित देशभर के संत एक मंच पर आए
  • सीएम योगी ने कहा, भारत की संत शक्ति कभी पलायन का रास्ता नहीं अपनाती
  • हर चुनौती से जूझने का जज्बा रखती है संत शक्ति, हमारा उद्देश्य केवल लोक कल्याण : योगी आदित्यनाथ
  • जनजागरण से एक भारत श्रेष्ठ भारत के संकल्प को सिद्ध कर रहे संतगण : योगी

उदय भूमि संवाददाता
रोहतक। उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और योग गुरू स्वामी रामदेव बृहस्पतिवार को हरियाणा पहुंचे। यहां उन्होंने रोहतक स्थित श्री बाबा मस्तनाथ मठ में ब्रह्मलीन महंत चांदनाथ योगी की स्मृति में शंखढाल व मूर्ति स्थापना एवं प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में हिस्सा लिया। सीएम योगी आदित्यनाथ और संघ प्रमुख मोहन भागवत की मुलाकात में काफी गर्मजोशी दिखी। श्री बाबा मस्तनाथ मठ में आयोजित देशमेला कार्यक्रम में योगी आदित्यनाथ का अलग अंदाज दिखाई पड़ा। देश भर से जुटे संतों के इस बड़े कार्यक्रम में अयोध्या में निर्माणधीन राम मंदिर की गूंज रही। योगी आदित्यनाथ संघ प्रमुख मोहन भागवत के गाइड बने और राम मंदिर के मॉडल के बारे में उन्हें विस्तृत जानकारी दी।

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत, योगगुरु स्वामी रामदेव, स्वामी चिदानंद महाराज और बाबा मस्तनाथ मठ के महंत बाबा बालकनाथ सहित देशभर से आए हजारों की संख्या में संतों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि नाथ संप्रदाय भारत की सनातन परंपरा का वाहक है। सनातन धर्म एकं सद् विप्रा बहुधा वदन्ति के बोध वाक्य का सत्य है। उस सत्य तक पहुंचने के लिए हमारे पंथ, उपसना विधि, संप्रदाय, मत अपने आप को समर्पित किये हुए हैं। रास्ते अलग अलग हो सकते हैं, लेकिन मंजिल एक है और ये मंजिल है सत्य सनातन धर्म की पुनर्स्थापना के कार्य को एकजुट होकर पूरी मजबूती के साथ स्थापित करना।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण हो रहा है। जिन्हें सनातन पर विश्वास नहीं था वो श्रीराम मंदिर के नाम से ही भागते थे। मगर जिन्हें सनातन धर्म पर विश्वास था उन्हें अपने कर्म पर विश्वास था। जो लोगों के लिए असंभव था आज नये भारत ने उसे संभव बना दिया है। पूरी दुनिया में वर्तमान में संघर्ष चल रहा है, मगर विश्व शांति की गारंटी केवल सनातन धर्म और भारत ही है। दुनिया में संकट के समय हर देश, हर धर्मावलम्बी और हर पीड़ित भारत की ओर आशा की नजरों से देख रहा है। उसे भरोसा है कि भारत उसकी आस और विश्वास बनेगा। आज का ये समारोह उसी अभियान को मजबूती प्रदान करता है। ये नाथ संप्रदाय के पवित्र संतों की साधना स्थली है। आज बाबा चांदनाथ जी के संकल्पों को महंत बालकनाथ योगी तत्परता और दूरदर्शिता के साथ आगे बढ़ा रहे हैं, जो अभिनंदनीय और सराहनीय है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज भारत में दुनिया की सबसे बड़ी आबादी सभी प्रकार के मौलिक अधिकारों के साथ जी रही है। उत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम तक आज भी भारत पूरी मजबूती के साथ एक भारत श्रेष्ठ भारत के रूप में अपने आप को स्थापित कर रहा है, तो उसके पीछे गांव गांव में जनजागरण कर रहे हमारे पूज्य संतजन हैं, जो अपने ईष्ट की अराधना के साथ ही सनातन धर्म की पुनर्प्रतिष्ठा के लिए अपना सर्वस्व समर्पित कर देते हैं। चाहे राममंदिर आंदोलन हो या कोई अन्य जनआंदोलन, संतों ने हमेशा एक आह्वान पर उसमें बढ़चढ़ कर भाग लिया। आज इस समारोह में उपस्थित देशभर से आये हजारों संतगण इस बात को प्रदर्शित करते हैं कि यहां न जाति का भेद है और न ही मत और पंथ का। जो बोलते हैं कि भारत अनेक मत और उपासना विधियों का देश है उन्हें यहां मौजूद सभी धाराओं के संतजनों की एकता को देखना चाहिए।

मोहन भागवत बोले सनातन सर्वत्र है
आरएसएसराष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि सनातन सर्वत्र है, जो आत्मा के रूप में शरीर में निवास करता है। सनातन हमेशा बना रहेगा। संस्कृति व धर्म सनातन पर आधारित है। सनातन में सभी मतों व संप्रदायों का समावेश है। हमारे लिए देश, धर्म व संस्कृति ही सर्वोपरि है। मनुष्य को सत्य, पवित्रता, सामूहिक पुरुषार्थ व समर्पण को अपने आचरण में शामिल करने का संकल्प लेना चाहिए। भक्त प्रहलाद की कहानी का उल्लेख करते हुए संघ प्रमुख ने सनातन के महत्व को समझाया। उन्होंने कहा कि सनातन के आधार पर दुनिया चलती है। जो सनातन को खत्म करना चाहते हैं, उनपर करुणा आती है, गुस्सा नहीं होता। कोरोना काल में भी सनातनी संस्कृति देखने को मिली, जब लोगों ने अपनी जान की परवाह किए बिना जनकल्याण की सेवा में जुट गए। भागवत ने कहा कि सनातन धर्म ही हिन्दू राष्ट्र है। भारत में अनेकता में एकता का अनूठा संगम देखने को मिलता है। सनातन के आधार पर ही यह विश्व संचालित हो रहा है। योग गुरु स्वामी रामदेव ने कहा कि भारत ऐसा देश है जिसने युद्ध नहीं बल्कि योग दिया है। भारत 2047 को महाशक्ति बनाने का इंतजार नहीं करना 2035 में आर्थिक और सामाजिक महाशक्ति बन जाएगा। लेकिन इसके लिए हमने संकल्प के साथ काम करना पड़ेगा। इस अवसर पर चिन्ना जियर स्वामी, स्वामी चिदानंद महाराज, स्वामी निर्मलानंद जी महाराज, स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज, बाबा बालकनाथ जी महाराज, हरिचेतनानंद जी महाराज, ब्रह्मदेव जी महाराज, डॉ चिन्मय पांड्या, आचार्य लोकेश मुनि, नाथ संप्रदाय के नरहरिनाथ, महंत शेरनाथ, केंद्रीय मंत्री डॉ वीके सिंह, रामलाल सहित बड़ी संख्या में योगेश्वरगण और षड्दर्शन से जुड़े संतजन मौजूद रहे।