सुधर जाएं नहीं तो कच्ची शराब बनाने वालों की जगह होगी जेल: राकेश कुमार सिंह

पैसे और शराब से वोट खरीदने वालों पर भारी पड़ेगी जीएसटी व आबकारी विभाग की टीम
15 लीटर अवैध कच्ची शराब बरामद और 50 लीटर लहन नष्ट
खेतों, बगीचे एवं तालाबों किनारे व घरों में होने अवैध शराब के निर्माण पर आबकारी विभाग की नजर

लखनऊ। लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है और मुफ्त की शराब सिर चढ़कर बोलने लगी है। वोटरों को लुभाने के लिए उन पर माल-असबाब लुटाने की परंपरा कोई आज की नहीं है, इसकी जड़ें दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश में गहरी गड़ी हैं। जब चुनाव में कुछ अभिजात्य और पैसे वाले लोग खड़े होते थे तब वोटरों को वोट देने के बदल या तो उन्हें नोट दिया जाता है या फिर उन्हें शराब बांटी जाती है या फिर दोनों ही बांटने की परंपरा है। शराब का सुरूर चढ़े तो हिला देता है, लेकिन ज्यादा चढ़े तो गिरा देता है। मधुशाला की मुहब्बत में आज हजारों परिवार तबाह हो गए हैं। लेकिन न तो इसे पीने वाले मानते हैं और न ही इसे बेचने वाले पीछे रहते हैं। पर्दे के पीछे दबे छिपे क्या-क्या होता होगा इसका सिर्फ अंदाजा ही लगाया जा सकता है। पर्दे के आगे और पर्दे के पीछे जैसे-जैसे जनतंत्र की जड़ें मजबूत हुईं और दुनिया भर में फैलीं वैसे-वैसे वोटरों को लुभाने के तौर तरीकों को एक नया रूप दिया जाने लगा। जो काम पहले खुलेआम किया जाता था अब वो पर्दे के पीछे होने लगा है। अब हाल ये है कि मतदान से पूर्व वोटरों को रिझाने के लिए प्रत्याशियों के समर्थक अपने हर तरीके पैंतरे अंजामते है।

शहरी क्षेत्र के वोटरों को अंग्रेजी शराब तो ग्रामीण क्षेत्र के वोटरों को कच्ची शराब या फिर देसी शराब बांटी जाती है। चुनावों के दौरान मतदाताओं से बार-बार नैतिकता में अपील की जाती है कि उम्मीदवारों से शराब और पैसा मत लेना क्योंकि इससे जनतंत्र की बुनियाद कमजोर होती है। मगर आज भी यह लोभ कहीं न कहीं अपने लोकतंत्र की बुनियाद को कमजोर करने काम कर रहा है। लोकसभा चुनाव को सकुशल संपन्न कराने और नोट व शराब बांटने की परंपरा को तोड़ने के लिए एक तरफ जहां जीएसटी विभाग अपनी निगरानी कर रहा है तो वहीं शराब की परंपरा को खत्म करने के लिए आबकारी विभाग फुल प्रूफ मैदान में उतर चुकी है। बाहरी राज्यों से होने वाली शराब तस्करी को रोकने के बाद अब ग्रामीण क्षेत्र में तैयार हो रही कच्ची शराब के धंधे को जड़ से खत्म करने के लिए काम किया जा रहा है। क्योंकि चुनाव को लेकर अभी से ग्रामीण क्षेत्र में कच्ची शराब की भट्टी सुलगने लगी है। जिससे भारी मात्रा में कच्ची शराब का स्टॉक कर प्रत्याशियों की डिमांड पर उन्हें पहुंचाया जा सकें। ऐसे में इसे रोकना आबकारी विभाग के लिए बड़ी चुनौती है। वहीं सूत्रों की मानें तो शाम होते ही शराब बांट कर मतदाताओं को पक्ष में मतदान के लिए प्रलोभन देने का काम अभी से शुरु हो गया है। शाम होते ही क्षेत्रों में संभावित प्रत्याशी के गुर्गे घूम कर मतदाताओं से संपर्क साध रहे हैं। वहीं शराब के साथ मतदाताओं को पैसों में लुभाने के लिए भी टटोला जा रहा हैं।

बाग व खेतो के बीच सुलगाते है कच्ची शराब की भट्टी

लखनऊ के देहात क्षेत्र के तस्कर इतने शातिर है कि उन्हें कच्ची शराब का निर्माण करने के लिए नदी का सहारा नहीं लेना पड़ता। अपने इस अवैध धंधे को चमकाने के लिए तस्कर पुलिस की नाक के नीचे घरों, बाग, खेत या फिर झाडिय़ों के बीच ही छोटी भट्टी सुलगा देते है और कच्ची शराब का निर्माण करना शुरु कर देते है। इसका खुलासा आबकारी विभाग की कार्रवाई में हो चुका है। जिसमें आबकारी विभाग की टीम ने काफी हद तक सफलता भी हासिल की है। जिस क्षेत्र में आबकारी विभाग की कार्रवाई हुई है, वहां भले ही अवैध शराब का धंधा कम हो गया हो, मगर पूरी तरह से अभी खत्म नहीं हुआ है। क्योंकि कम समय में ज्यादा कमाई का लालच आज भी देहात के तस्करों को ज्यादा आसान लग रहा है। लेकिन अब उनका धंधा ज्यादा दिन तक नहीं चलने वाला है। जिला आबकारी अधिकारी ने देहात क्षेत्र में होने वाले कच्ची शराब के नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए अपना एक्शन प्लान तैयार कर लिया है और रणनीति के तहत तैयार की गई आबकारी विभाग की टीमें गिद्ध की तरफ कच्ची शराब के धंधे पर अपनी नजर बनाए हुए है। इसी क्रम में आबकारी विभाग की टीम ने एक बार फिर चुनाव से पहले दबिश देकर कच्ची शराब के धंधे को खत्म कर दिया।

जिला आबकारी अधिकारी राकेश कुमार सिंह ने बताया जनपद में अवैध शराब के खिलाफ आबकारी विभाग की टीमें लगातार कार्रवाई कर रही है। साथ ही शराब तस्करों के ठिकानों पर दबिश के साथ-साथ छापेमारी की कार्रवाई भी कर रही है। शुक्रवार को अवैध शराब के निर्माण, परिवहन एवं बिक्री और तस्करी के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत आबकारी निरीक्षक सेक्टर-5 अखिल गुप्ता, आबकारी निरीक्षक सेक्टर-10 गुंजन सक्सेना, आबकारी निरीक्षक प्रवर्तन-2 एवं स्टॉफ नंद किशोर, योगेन्द्र नाथ सिंह, सुनील मिश्रा, चांदनी सिंह, अरुण प्रताप सिंह लखनऊ की संयुक्त टीम द्वारा थाना गोसाईंगंज अंतर्गत ग्राम बस्तियां, पच्चे गॉव, तथा सीथौली कलां में खेतों, बगीचों एवं तालाबों के किनारे के संदिग्ध स्थानों पर दबिश और छापेमारी की गई। दबिश के दौरान मौके से लगभग 15 लीटर अवैध कच्ची शराब बरामद किया गया और 50 लीटर लहन को मौके पर ही नष्ट कर दिया गया। आबकारी अधिनियम की सुसंगत धाराओं में दो अभियोग पंजीकृत किए गए।

ग्राम प्रधान और सभासद बन रहे आबकारी विभाग का हथियार

जिला आबकारी अधिकारी ने बताया बाहरी राज्यों से होने वाली शराब तस्करी रोकने के लिए आबकारी विभाग की टीमें दिन-रात वाहनों की चेकिंग कर रही है। फिलहाल बाहरी राज्यों से होने वाली तस्करी पर रोकने के लिए विभाग सफलता हासिल कर चुका है। देहात क्षेत्र में हो रहे कच्ची शराब के निर्माण को भी जड़ से खत्म करने पर काम किया जा रहा है। प्रतिदिन अभियान चलाकर आबकारी विभाग की टीमें देहात क्षेत्र में चोरी-छिपे खेतों, बगीचों एवं तालाबों के किनारे व घरों में होने वाले अवैध शराब के निर्माण को रोकने के लिए लगातार दबिश दे रही है और लोगों को भी अवैध शराब के खिलाफ जागरूक करने का काम कर रही है। ग्राम प्रधानों को भी अपनी कार्रवाई में जोड़ा जा रहा है। क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र में होने वाले कच्ची शराब के अवैध कारोबार की जानकारी सबसे पहले ग्राम प्रधान को होती है। आबकारी विभाग की टीमें अब ग्राम प्रधान और सभासदों के साथ मिलकर कार्रवाई कर रही है। आबकारी विभाग की कार्रवाई को देखकर लोग भी जागरूक हो रहे है और खुद भी उनके क्षेत्र में होने वाली अवैध शराब के निर्माण की जानकारी आबकारी विभाग को दे रहे है। जिससे आबकारी विभाग को भी कार्रवाई करने में आसानी हो रही है। विभाग का काम कार्रवाई करना ही नहीं है, बल्कि लोगों के बीच विश्वास कायम कर अवैध शराब के खिलाफ जागरूक करना भी है। लोगों की जागरूकता से ही इस अवैध धंधे को पूरी तरह से खत्म किया जाएगा।