एक दिन की अपर मुख्य अधिकारी बनी बुंलदशहर की शिवानी-फरियादियों की समस्याओं को सुनकर निस्तारण के दिए निर्देश

बुंलदशहर। मिशन शक्ति अभियान फेज-4 के अंर्तगत महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जिला पंचायत विभाग ने कक्षा 10 की छात्रा शिवानी को एक दिन का सांकेतिक रूप से अपर मुख्य अधिकारी बनाया। शिवानी ने दफ्तर की कार्यप्रणाली समझी और कई फाइलों का निपटारा किया। कई आदेश भी जारी किए। शिवानी ने कहा कि इससे उन्हें आत्मविश्वास मिला है। आगे सिविल सर्विसेज की तैयारी कर अफसर बनेंगी। मिशन शक्ति अभियान के तहत दसवीं और 12वीं की मेधावी बेटियों ने अलग-अलग विभागों में एक दिन की सांकेतिक अधिकारी बनकर कुर्सी संभाली।

शासनादेश के तहत विभागों में एक दिन का अधिकारी बनने का मौका मिला तो बेटियों चेहरे पर खुशी तो थोड़ी झिझक भी। सुबह दस बजे से अधिकारियों की कार में विभाग के कर्मचारी उनको स्वयं घर से लेने गए और कार्यालय लेकर पहुंचे और ढाई घंटे कार्यालयों में अधिकारी के रूप में कामकाज देखा। अधिकारी बनने का पहला अनुभव पाकर एक आत्मविश्वास भी बढ़ा। ढाई घंटे कामकाज देखने के बाद कर्मचारियों ने घर तक छोड़ा भी। मिशन शक्ति अभियान के तहत शुक्रवार को बुलंदशहर निवासी कक्षा 10 की छात्रा शिवानी को एक दिन के लिए सांकेतिक रूप से अपर मुख्य अधिकारी बनाया गया। जिला पंचायत अपर मुख्य अधिकारी धर्मजीत त्रिपाठी ने शिवानी को अपर मुख्य अधिकारी का चार्ज देकर बधाई देने के उपरांत कुछ फाइलें प्रस्तुत कर काम करने का तरीका समझाया। जिससे प्रभावित होकर शिवानी ने कहा आज अपर मुख्य अधिकारी बनने पर ये अनुभूति हुई है कि आगे चलकर हम भी अधिकारी बन सकते हैं।

इस दौरान शिवानी ने फरियादियों की समस्याओं को सुना। उन्होंने कहा सरकार की यह पहल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के साथ जिले की बेटियों के लिए शुभ संदेश है। सरकार द्वारा महिलाओं तथा बच्चों की सुरक्षा, सम्मान के लिए मिशन शक्ति चलाया जा रहा है। एक दिन का अपर मुख्य अधिकारी बनकर मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। शिवानी के अपर मुख्य अधिकारी बनने के उपरांत अपर मुख्य अधिकारी धर्मजीत त्रिपाठी एवं जिलापंचायत समस्त स्टाफ ने शुभकामनाएं देते हुए उत्साहवर्धन किया गया। अपर मुख्य अधिकारी धर्मजीत त्रिपाठी ने बताया कि शिवानी ने पत्रावली निरीक्षण व डाक संबंधी कार्य निपटाए। इसके लिए संबंधित अफसरों को निर्देश दिए गए। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि निर्धारित कार्यक्रम के अंतर्गत सभी कार्यक्रमों को मानक अनुरूप संचालित करें ताकि महिलाओं में सुरक्षा एवं आत्मसम्मान की भावना जागृत हो सके।