उत्तर प्रदेश में आएगा बदलाव, सत्ता से रूखसत होगी सरकार

लेखक: इकबाल वाहिद
उद्यमी एवं समाजसेवी
(लेखक राजनैतिक एवं सामाजिक विषयों पर बेबाकी से अपनी राय रखतें हैं। सामाजिक एवं धार्मिक कार्यों से जुड़े रहते हैं। यह लेख उदय भूमि में प्रकाशन के लिए लिखा है। यह लेखक के निजी विचार हैं।)
भाजपा सरकार की गलत नीतियों के कारण उत्तर प्रदेश आगे बढ़ने की बजाए काफी पिछड़ गया है। पिछले पांच साल में यह सरकार प्रत्येक मोर्चे पर विफल रही है। ज्वलंत मुद्दों का निदान करने को कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया गया। जिन मुद्दों पर बात की जानी चाहिए, उनसे मुंह फेरा जा रहा है। बेवजह मुद्दे उठाकर जनता को गुमराह करने की कोशिश हो रही है। विधान सभा चुनाव में भाजपा को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। उत्तर प्रदेश की जनता आज भाजपा सरकार से हताश व परेशान है। सत्ता में आने से पहले भाजपा ने जनता से लोक-लुभावने वायदे किए थे, मगर सत्ता में आने के बाद उन सभी वायदों को दरकिनार कर दिया गया।
जनता अब खुद को ठगा सा महसूस कर रही है। भाजपा सरकार में मनमाने तरीके से कानून बनाकर उन्हें लागू किया गया। आने वाले समय में जनता इन्हें माफ नहीं करेगी और करारा जवाब देते हुए सत्ता से बाहर करने का काम करेगी। जनता को न्याय के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही है। चुनाव में जनता इन्हें माफ नहीं करेगी और करारा जवाब देकर सत्ता से बाहर करने का काम करेगी। पिछले पांच साल से जनता को न्याय के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ी हैं। सरकारी कार्यालयों में कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई।
सरकार की गलत नीतियों से महंगाई आसमान छू रही है। पेट्रोल-डीजल से लेकर रसोई गैस, सरसों के तेल और सब्जियों के बढ़ते भाव ने घरेलू बजट बिगाड़ दिया है। यह सरकार सिर्फ जनता को लूटने का कार्यक्रम चला रही है। भाजपा की नीतियों से कृषि की अर्थव्यवस्था पूरी तरह बर्बाद हो गई है। किसानों की कर्ज माफी, उनकी आय दोगुनी करने तथा उपज की उत्पादन लागत का डेढ़ गुना दाम देने के झूठे वादों से उनके वोट ले लिए और फिर कारपोरेट के पास उन्हें बंधक बनाने की साजिश को अंजाम दे दिया। सच तो यह है कि किसान आज भगवान भरोसे ही जिंदा है। अर्थव्यवस्था की स्थिति खराब हो चुकी है। बेरोजगारी व भ्रष्टाचार निरंतर बढ़ रहा है।
उधोग-धंधे बड़ी संख्या में बंद हो गए हैं। ईंधन और जरूरी सामान की कीमतें आम आदमी के लिए बोझ बन गई हैं। गलत नीतियों का परिणाम आने वाले समय में सरकार को भुगतना पड़ेगा। जनता का मनोबल गिरा हुआ है। लोगों में हताशा है और जिंदगी दूभर हो गई है। सामाजिक सद्भााव को बिगाडऩा भाजपा का एजेंडा है। समाज में नफरत फैलाना और जातियों के बीच दूरी पैदा करना इस पार्टी की रणनीति और राजनीति दोनों है। समाज में भाईचारा की मजबूती कायम रखने में भाजपा अड़चनें पैदा करती है। किसानों के अलावा नौजवान भी परेशान हैं।
उन्हें रोजगार नहीं मिल रहा। युवाओं का भविष्य अंधकारमय है। भाजपा अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकती है। धर्म के नाम पर तनाव व नफरत का माहौल बनाया जा रहा है। सत्ता में आने के बाद से सरकार ने सिर्फ कोरी घोषणाएं की हंै। विकास के दावे दिखावा हैं। पांच साल में जनता सब-कुछ जान चुकी है। वह अब बदलाव लाना चाहती है। दस मार्च के बाद उत्तर प्रदेश में निश्चित रूप से बदलाव देखने को मिलेगा। सरकारी की मनमानी के एक नहीं कई उदाहरण सामने हैं। जिस कारण पीडि़तों को न्याय नहीं मिल पाया। यूपी में विकास की गति अवरूद्ध हुई है।
अपराध नियंत्रण के दावों में दम नहीं है। भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिला है। सत्ता से जुड़े लोगों ने खूब मजे किए हैं। प्रदेशभर में सरकार विरोधी माहौल जगह-जगह देखने को मिल रहा है। यह विरोध सरकार को सत्ता से बाहर करने का काम करेगा। उत्तर प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के लिए ज्यादा दिनों तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा। अपनी गलत नीतियों की वजह से सरकार खुद सत्ता से बेदखल होने वाली है।