देश में मां काली पर कोहराम

देश में हिंदू समाज की धार्मिक आस्थाओं को ठेस पहुंचाने का सिलसिला रूक नहीं रहा है। हिंदू देवी-देवताओं का उपहास उड़ाने और बेहूदगी भरे बयान देने का ट्रेंड चल पड़ा है। ताजा विवाद डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘काली’ के पोस्टर को लेकर उभरा है। फिल्म का आपत्तिजनक पोस्टर जारी करने के बाद पहले फिल्ममेकर लीना मणिमेकलई ने और बाद में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद महुआ मोइत्रा ने बेहूदगी भरा बयान देकर बेशर्मी की हद कर दी। सांसद महुआ मोइत्रा के समर्थन में अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर भी उतर आए हैं। ऐसे में यह मुद्दा और ज्यादा गरमा गया है। भारत में हिंदू देवी-देवताओं को लेकर पहले भी आपत्तिजनक टिप्पणियां होती रही हैं।

देवी-देवताओं के चरित्र पर भी हमले होते रहे हैं। भाजपा से निष्कासित पूर्व प्रवक्ता नुपूर शर्मा की पैगम्बर मोहम्मद विवाद पर आपत्तिजनक टिप्पणी पर देश-विदेश में बवंडर मच गया, मगर नुपूर को किन परिस्थितियों में विवादित बयान देना पड़ा, उस पर आलोचकों ने मुंह बंद कर रखा है। ज्ञानवापी मस्जिद विवाद में शिवलिंग को लेकर बार-बार विवादास्पद बातें कहे जाने पर नुपूर शर्मा का पारा भी चढ़ गया था। जिस कारण उन्हें आवेश में आकर वह सब कहना पड़ा, जो उन्हें नहीं बोलना चाहिए था। डॉक्यूमेंट्री फिल्म काली के विवादस्पद पोस्टर पर देशभर में संग्राम छिड़ गया है। पोस्टर में मां काली को सिगरेट पीते दिखाया गया था।

इसके अलावा उनके एक हाथ में एलजीबीटी समुदाय का सतरंगा झंडा भी दिखाई दे रहा है। यह डॉक्यूमेंट्री फिल्म फिल्ममेकर लीना मणिमेकलई की है। वह मदुरै के दक्षिण में स्थित सुदूर गांव महाराजापुरम की रहने वाली हैं। लीना की व्यक्तिगत जिंदगी भी काफी उतार-चढ़ाव भरी रही है। लीना ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर काली का पोस्टर रिलीज किया था। जिस पर विवाद होने के बाद उन्होंने अपनी गलती मानने की बजाए शर्मनाक हरकत को जायजा ठहराने की हरसंभव कोशिश की। लीना का यह कहना कि वह किसी से नहीं डरतीं, और ज्यादा शर्मनाक कृत्य है।

माना जा रहा है कि डॉक्यूमेंटी फिल्म को देश-विदेश में प्रचारित करने के मकसद से उन्होंने यह घृणित कदम उठाया है। फिल्ममेकर लीना के खिलाफ दिल्ली, उत्तर प्रदेश और मुंबई में एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं। उन पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया गया है। इस विवाद के गहराने पर ट्विटर को भी हरकत में आना पड़ा। ट्विटर ने फिल्म काली के पोस्टर पर रोक लगा दी है। फिल्ममेकर लीना मणिमेकलई द्वारा लगाई गई आग अभी काबू में भी नहीं आ पाई थी कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सांसद महुआ मोइत्रा ने बेशमी की हदें पार कर डाली। लीना के बाद महुआ के बयान पर विवाद खड़ा होना स्वभाविक बात है।

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने डॉक्यूमेंट्री फिल्म काली के पोस्टर पर कहा था कि काली के अनेक रूप हैं। मेरे लिए काली का मतलब मांस और शराब स्वीकार करने वाली देवी है। लोगों की अलग-अलग राय होती है। मुझे इसे लेकर कोई परेशानी नहीं है। बयान पर बखेड़ा होने के बावजूद सांसद मोइत्रा के तेपर नरम नहीं पड़े हैं। उन्होंने कहा है कि सभी संघियों के लिए झूठ बोलना आपको बेहतर हिंदू नहीं बना देगा। मैंने कभी किसी फिल्म या पोस्टर का समर्थन नहीं किया। ना धूम्रपान शब्द का उल्लेख किया। उधर, सांसद महुआ मोइत्रा के समर्थन में कांग्रेस नेता शशि थरूर उतर आए हैं। उन्होंने मोइत्रा के समर्थन में ट्वीट कर कहा कि महुआ मोइत्रा ने वही कहा जो हर हिंदू जानता है।

मां काली को लेकर अपमानजनक बातें करने वालों को ज्ञानवर्द्धन करने की जरूरत है। दरअसल देवी काली को आदि शक्ति के तामसिक रूप में धर्मग्रंथों में दर्शाया गया है। जब माता पार्वती अपने रौद्र रूप को धारण करती हैं तो वह क्रोधवश काली का रूप ले लेती हैं। यानी यहां धार्मिक दृष्टि से यह बताया गया है कि देवी पार्वती ही सौम्य रूप में गौरी होकर सृष्टि को आनंद प्रदान करती हैं। साथ वह शिव के साथ सृष्टि का संचालन करती हैं, मगर जब आसुरी शक्ति का प्रभाव बढ़ जाता है और गौरी को क्रोधित किया जाता है तो वह गौरी से काली बन जाती हैं, मगर मां काली की कहानी बस इतनी नहीं है। देवी भागवत पुराण में बताया गया है कि सृष्टि के आरंभ में आदि शक्ति ने अपने शरीर से ही सत्वगुणी भगवान विष्णु को प्रकट किया, रजोगुणी ब्रह्मा को और तमोगुण से शिव को उत्पन्न किया।

इसके बाद इनके गुण अनुसार तीन देवियों को प्रकट किया। सत्वगुण से प्रधान देवी लक्ष्मी को भगवान विष्णु के लिए रज गुण प्रधान सावित्री देवी को ब्रह्मा के लिए और माता आदि शक्ति स्वयं तमोगुण से स्वयं को महाकाली रूप में प्रकट किया और शिव के साथ सृष्टि के संचालन के काम को संभाला। देवी भागवत पुराण में देवी काली को दस महाविद्याओं में प्रमुख बताया गया है। देवी काली को ही कालरात्रि भी कहा जाता है जो स्फटिक की माला धारण करती हैं और दुष्टों का संहार करने के लिए आतुर रहती हैं एवं भक्तों की प्रत्येक कामना पूर्ण करने के लिए हमेशा तत्पर रहती हैं।