भिखारी की दरियादिली, कोरोना से बचाव के लिए दान दी 90 हजार रुपये, सीएम राहत कोष में 9 बार दिया दान

सगे बेटों ने किया किराना, भीख मांग कर गुजारा

मदुरै। कोरोना काल में भिखारी पूल पांडियन ने अनूठी मिसाल पेश की है। खुले आसमान के नीचे सड़कों पर रहकर गुजर-बसर करने के बावजूद पांडियन ने पिछले 3 माह के भीतर मुख्यमंत्री राहत कोष में 90 हजार रुपए का दान दिया है। इसके पहले वह सरकारी विद्यालयों को विद्यार्थियों की सुविधा के लिए रकम दान कर चुके हैं। जिलाधिकारी टी.जी. विनय ने पांडियन को इस कार्य के लिए पुरस्कृत किया है। पूल पांडियन मदुरै की सड़कों पर रहकर जिंदगी काट रहे हैं। वह भीख मांगकर अपनी आजीविका चलाते हैं। इसके बाद भी पांडियन के मन में देश एवं सेवा के प्रति बेहद सम्मान है। कोरोकाल में पूल पांडियन ने सरकार की मदद करने का फैसला लिया। सबसे पहले उन्होंने 18 मई को 10 हजार रुपए डोनेट किए। इसके बाद से वह कलेक्टर कार्यालय में 8 बार और आ चुके हैं। उन्होंने अपनी तरफ से हर बार 10 हजार रुपए का दान दिया है। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पुरस्कृत होने वालों की लिस्ट में पूल पांडियन का नाम भी शामिल किया गया था। हालांकि उन्हें इसके लिए खोजा नहीं जा सका। चूंकि वह एक स्थान पर नहीं रहते हैं। पांडियन जब 8वीं मर्तबा पैसा देने के लिए कलेक्टर ऑफिस पहुंचे थे। तदुपरांत उन्हें सीधे कलेक्टर के कमरे में ले जाया गया। जहां कलेक्टर ने उन्हें पुरस्कृत किया। पांडियन मूल रूप से तूतीकोरिन जिले के रहने वाले हैं। दोनों बेटों द्वारा देखभाल करने से इनकार करने पर पांडियन ने पेट भरने के लिए भीख मांगना शुरू कर दिया था। इससे पहले वह फर्नीचर और पेयजल सुविधा की खातिर सरकारी स्कूलों को पैसे दान कर चुके हैं।