गाजियाबाद के म्युनिसिपल कमिश्नर का चार्ज लेने के बाद बोले आईएएस अधिकारी पहले बेसिक्स को करूंगा ठीक, भ्रष्टाचार को लेकर रहेगा जीरो टोलरेंस

– आईएएस महेंद्र सिंह तंवर ने संभाला चार्ज, विभिन्न कार्यालयों का किया निरीक्षण
– नये म्युनिसिपल कमिश्नर ने अधिकारियों के साथ की बैैठक, ली विभागीय जानकारी
– नगर निगम की आमदनी बढ़ाने के लिए टैक्स वसूली पर दिया जाएगा जोर
– मिलकर काम करेंगे पॉलिटिकल और एडमिनिस्ट्रेटिव एक्जयूकेटिव

उदय भूमि ब्यूरो
गाजियाबाद। कुछ नया करने से पहले बेसिक्स ठीक करूंगा। यदि बेसिक्स ठीक हो जाएगा तो बाद की चीजें आसान हो जाती हैं। पब्लिक एमनेटीज को कैसे दुरूस्त किया जाये और शहरवासियों को अधिक से अधिक सुविधाएं मुहैया कराई जाएं। इस पर सबसे अधिक फोकस रहेगा। गाजियाबाद नगर निगम के म्युनिसिपल कमिश्नर का चार्ज लेने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए महेंद्र सिंह तंवर ने यह बातें कहीं। उन्होंने कहा कि स्वच्छता को लेकर लगातार काम करने की जरूरत है। जब तक शहर स्वच्छ नहीं होगा तब तक किसी अन्य लक्ष्य को हासिल नहीं किया जा सकता। स्वच्छता को लेकर मेहनत करेंगे और उम्मीद है कि अच्छा करेंगे।

गाजियाबाद के नवनियुक्त म्युनिसिपल कमिश्नर महेंद्र सिंह तंवर का स्वागत करते नगर निगम के प्रवर्तन दल प्रभारी कर्नल दीपक सरन।

म्युनिसिपल कमिश्नर का चार्ज लेने के बाद उन्होंने सबसे पहले अधिकारियों से मुलाकात की। इस दौरान नगर निगम के अधिकारियों, कर्मचारी संघ एवं पार्षदों ने बुके देकर नवनियुक्त म्युनिसिपल कमिश्नर का स्वागत किया। सामान्य बातचीत और परिचय के बाद म्युनिसिपल कमिश्नर ने निगम मुख्यालय स्थित विभिन्न विभागों का निरीक्षण किया। वह ग्राउंड फ्लोर से लेकर पांचवीं मंजिल तक सभी कार्यालयों में गये और जानकारी ली। इस दौरान म्युनिसिपल कमिश्नर के साथ अपर नगर आयुुक्त आर.एन. पांडे, अपर नगरायुक्त प्रमोद कुमार, जीएम जल वीके सिंह, एकाउंट ऑफिसर एके मिश्रा, चीफ इंजीनियर मोइनुद्दीन, मुख्य पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी डॉ. अनुज कुमार सिंह, एग्जयूकेटिव इंजीनियर देशराज सिंह, मनोज प्रभात सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

नगर निगम मुख्यालय का निरीक्षण करते नवनियुक्त म्युनिसिपल कमिश्नर महेंद्र सिंह तंवर।

म्युनिसिपल कमिश्नर के रूप में चुनौतियां और लक्ष्य को लेकर बातचीत करते हुए महेंद्र सिंह तंवर ने कहा कि वह इससे पहले शाहजहांपुर में चीफ डेवलपमेंट ऑफिसर (सीडीओ) के पद पर थे। सीडीओ का कार्य ग्रामीण क्षेत्र में विकास कराना होता है, उसी तरह शहर में विकास कार्य करना और नागरिक सुविधाओं का विस्तार करना म्युनिसिपल कमिश्नर का दायित्व होता है। नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार और अनियमितताओं पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टोलरेंस नीति अपनाई जाएगी। किसी को भी इस बात की छूट नहीं रहेगी कि वह मनमानी कर सके। मैंने आपको पहले ही बताया कि मेरा पहला लक्ष्य बेसिक्स को ठीक करना है। ऐसे में जहां भी जो लीकेज या लूपहोल होगा उसे सबसे पहले दुरूस्त किया जाएगा। सिस्टम में सुधार और गाजियाबाद नगर निगम की कार्यप्रणाली को दुरुस्त करना प्राथमिकता है। नगर निगम में चरम पर मौजूद राजनीति और म्युनिसिपल कमिश्नर एवं मेयर के बीच विवादों के पूर्व के इतिहास को लेकर पूछे गये सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि पॉलीटिकल एग्जयूकेटिव होते हैं। पॉलीटिकल और एडमिनस्ट्रिेटिव एग्जयूकेटिव को जनहित के लिए मिलकर काम करना होता है। हर चीज की एक सीमा होती है और सभी को उस सीमा में रहकर सरकार की नीतियों और मंशा के अनुरूप जनहित का कार्य करना होता है। पॉलीटिकल इंटरफेयरेंस और पॉलीटिकल इंस्ट्रक्शन में अंतर होता है। महेंद्र सिंह तंवर ने कहा कि टैक्स विभाग में विशेष ध्यान देने की जरूरत है। काफी संख्या में कॉमर्शियल बिल्डिंग हैं और उसके अनुरूप टैक्स वसूली नहीं है तो उसे ध्यान से देखा जाएगा। शहर में डंपिंग ग्राउंड नहीं होने के कारण कूड़ा निस्तारण को लेकर होने वाली समस्या के संबंध में उन्होंने कहा कि इसे लेकर जानकारी प्राप्त करेंगे और योजना को पूरा किया जाएगा। जलभराव को लेकर पूछे गये सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि समस्या दूर कराई जाएगी कि आखिर जलभराव की समस्या क्यों है।

2015 बैच के आईएएस हैं महेंद्र सिंह तंवर
2015 बैच के आईएएस अधिकारी महेंद्र सिंह तंवर मूल रूप से हरियाणा के रोहतक जिले में कलानौर तहसील के कहनौर गांव के रहने वाले हैं। इनकी स्कूली शिक्षा भिवानी में हुई। टेक्सटाइल्स इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री हासिल की। 2005 से 2009 तक नोएडा में प्राइवेट सेक्टर में कार्यरत रहे। इसके बाद लगा कि प्राइवेट सेक्टर के बजाय पब्लिक सेक्टर में काम किया जाये। प्रतियोगिता परीक्षा के माध्यम से वर्ष-2012 में रक्षा मंत्रालय में असिस्टेंट सेक्शन आॅफिसर नियुक्त हुए। इसके बाद ये दिल मांगे मोर की तर्ज पर सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरू कर दी। वर्ष 2015 में आएएस के लिए चयनित हुये। बहराइच में ट्रेनिंग हुई। इसके बाद ऐटा के एसडीएम बने। गाजियाबाद के म्युनिसिपल कमिश्नर के पद पर तैनाती से पहले शाहजहांपुर में सीडीओ के पद पर तैनात थे।