उगते सूर्य को अर्घ्य, महापर्व छठ का समापन

घाटों पर उमड़ी व्रतियों की भीड़, प्रसाद का वितरण

पटना। उदीयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पण करने के साथ शनिवार को 4 दिवसीय महापर्व छठ का समापन हो गया। सुबह-सवेरे छठ घाटों पर श्रद्धालुओं की जबरदस्त भीड़ उमड़ी। उगते सूर्य को अर्घ्य देकर श्रद्धालुओं ने अपने परिवार, देश एवं समाज की खुशहाली की कामना की। ऐसे में छठ घाटों पर सुरक्षा प्रबंध काफी कड़े रहे। बिहार की राजधानी पटना में गंगा घाटों पर पहुंच कर व्रतियों ने उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया। बिहार केे विभिन्न क्षेत्रों में छठ पर्व को लेकर जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। पटना चंपारण  मुजफ्फरपुर समस्तीपुर दरभंगा मधुबनी भागलपुर  कटिहार  सहरसा  में  घाटों पर  विशेष सज्जा  की गई थी। अर्घ्य देने के बाद प्रसाद ग्रहण करने का सिलसिला शुरू हो गया। छठ व्रतियों ने छठ मैया का प्रसाद ग्रहण कर व्रत तोड़ा। उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए श्रद्धालु तड़के छठ घाटों पर पहुंचने लगे थे। इसके साथ महापर्व छठ का समापन हो गया। देश के विभिन्न हिस्सों के अलावा बिहार और पश्चिम बंगाल में यह पर्व धूमधाम से मनाया गया। कोरोना संक्रमण के कारण श्रद्धालुओं को काफी एहतियात बरतना पड़ा। दिल्ली में छठ पर्व पर सार्वजनिक आयोजनों पर रोक रही। छठ घाटों पर ज्यादा भीड़ न उमड़े, इसका ख्याल रखा गया। शुक्रवार की शाम छठ घाटों पर डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया गया था। इसके पहले वीरवार को खरना व्रत था। अंत:करण की शुद्धि के लिए खरना व्रत रखा गया। गुड़, अरवा चावल एवं दूध से बने रसिया का शाम को छठ मैया को भोग लगाया गया। छठ पर्व नदियों-तालाबों के किनारे घाट बनाकर मनाया गया। बता दें कि महापर्व छठ बुधवार को नहाय-खाय के साथ आरंभ हुआ था। पहले दिन पटना में गंगा घाट पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई थी। छठ पर्व के मद्देनजर पटना में गंगा घाट पर चेंजिंग रूम, अस्थाई शौचालय सहित सभी जरूरी इंतजाम किए गए थे। ग्रामीण क्षेत्रों में  लोगों ने तालाब के किनारे उगते सूर्य को अर्घ्य दिया। छठ घाटों पर वाहनों को ले जाने की अनुमति नहीं थी। पटना के दानापुर से पटना सिटी तक गंगा के घाटों पर एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के अलावा सुरक्षा बलों व गोताखोरों की तैनाती की गई थी। विभिन्न कॉलोनियों में अस्थाई छठ घाटों पर उगते सूर्य को अर्घ्य दिया गया।