त्रिपुरा में ब्रू समुदाय को बसाने का विरोध तेज
त्रिपुरा। पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा में शरणार्थियों को बसाने की सरकार की योजना का विरोध शुरू हो गया है। स्थानीय नागरिकों ने शनिवार को सड़कों पर उतर कर जमकर हंगामा किया। उग्र प्रदर्शनकारियों ने यातायात बाधित कर कुछ वाहनों को फूंक दिया। स्थिति को संभालने के लिए पुलिस बल को आंसू गैस के गोले तक छोडऩे पड़े। उत्तर त्रिपुरा जिले के डोलुबरी गांव में हिंसक प्रदर्शन देखने को मिले हैं। डोलुबरी गांव में मिजोरम से ब्रू शरणार्थियों के पुनर्वास का जबरदस्त विरोध हो रहा है। ब्रू शरणार्थियों को त्रिपुरा में बसाने की सरकार की योजना के खिलाफ स्थानीय नागरिक सड़कों पर उतर आए। प्रदर्शनकारियों ने सरकार विरोधी प्रदर्शन कर हंगामा किया। इस दरम्यान भारी पुलिस बल को तैनात करना पड़ा है। पुलिस बल ने प्रदर्शनकारियों को खदेडऩे के लिए आंसू गैस के गोले भी दागे हैं।प्रदर्शनकारियों ने डोलुबरी गांव में कुछ वाहनों में भी आग लगा दी, जिससे काफी संपत्ति को नुकसान पहुंचा है। इसके अतिरिक्त प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग को भी जाम कर दिया। हालात को काबू में करने के लिए पुलिस को ठोस कदम उठाने पड़े हैं। पुलिस का कहना है कि प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। ब्रू जनजाति का विवाद काफी पुराना है। इस समुदाय के नागरिक पड़ोसी राज्य मिजोरम के रहने वाले हैं। उधर, बू्र-रियांग और बहुसंख्यक मिजो समुदाय के बीच 1996 में सांप्रदायिक दंगा हो गया था। जिसके कारण उन्हें पलायन करना पड़ा था। इसके बाद मिजोरम में हिंसक झड़पों के बाद ब्रू समुदाय के नागरिक त्रिपुरा के शरणार्थी शिविरों में चले गए। लंबे समय से ब्रू समुदाय के नागरिक त्रिपुरा के शरणार्थी शिविरों में रहने को मजबूर हैं। हालांकि अब इस समुदाय के नागरिकों को स्थायी तौर पर त्रिपुरा में बसाए जाने की योजना है। त्रिपुरा के कुछ संगठन ब्रू शरणार्थियों को स्थायी तौर पर बसाने की योजना का खुलकर विरोध कर रहे हैं।