केदारनाथ यात्रा में तीर्थ पुरोहितों की होती हैं अहम भूमिका: मयूर दीक्षित

-केदारनाथ यात्रा की तैयारियों को लेकर डीएम ने की प्रशासनिक अधिकारी एवं तीर्थ पुरोहितों के साथ बैठक
-दर्शन करने वाले यात्रियों का पंजीकरण करना अनिवार्य, टोकन व्यवस्था होगी लागू

रुद्रप्रयाग। केदारनाथ यात्रा को सुव्यवस्थित संचालित करने में तीर्थ पुरोहितों की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण होती हैं। जिसे नजरअंदाज नही किया जा सकता हैं। ऐसे में जिला प्रशासन स्तर पर चल रही तैयारियों में भी तीर्थ पुरोहितों का सहयोग जरुरी हैं। बिन इनके सहयोग से तीर्थ यात्रा को सफल नही बनाया जा सकता हैं। तीर्थ यात्रा पर आने वाले भक्तों को किसी भी प्रकार की कोई परेशानी न हो। उक्त बातें बुधवार को केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों के साथ आयोजित बैठक में जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कहीं। उन्होंने कहा यात्रा की सफलता के लिए इस बार शासन ने दर्शन करने वाले यात्रियों का पंजीकरण करना अनिवार्य किया है। केदारनाथ धाम में आने वाले तीर्थ यात्रियों को टोकन व्यवस्था के आधार पर ही दर्शन कराए जाएंगे और टोकन प्राप्त करने के लिए काउंटर लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि केदारनाथ धाम में विशिष्ट राज्य अतिथियों एवं गणमान्यों के लिए दर्शन कराने के लिए प्रोटोकॉल अधिकारी एवं मंदिर समिति की ओर से नोडल अधिकारी नामित होंगे, जिनके माध्यम से उन्हें दर्शन कराए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि तीर्थ पुरोहितों के विशिष्ट जनों को दर्शन कराने के लिए केदार सभा के लेटर पैड़ के अनुसार ही दर्शन की व्यवस्था की जाएगी। यात्रा को सुव्यवस्थित ढंग से संचालित करने के लिए सभी स्वच्छता का विशेष ध्यान रखेंगे। इसके साथ ही संचालित होने वाले होटल, ढाबों में सभी सामग्री के रेट लिस्ट अनिवार्य रूप से लगाए जाएंगे। बैठक में स्वास्थ्य, खाद्य सामग्री ढुलान व्यवस्था, विद्युत, पेयजल अलाव जलाने की व्यवस्था, मंदिर प्रांगण में साफ-सफाई, शौचालय, बैरिकेटिंग, जूते-चप्पल के नियत स्थान एवं काउंटर लगाए जाने आदि व्यवस्थाओं के संबंध में चर्चा की गई। धाम में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य संबंधी व्यवस्था को लेकर यात्रा मार्ग में चिकित्सक व फार्मेसिस्ट की तैनाती सहित उनकी मानीटरिग के लिए आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने सुरक्षा के दृष्टिगत पुलिस, स्वास्थ्य, आपदा, सड़क, विद्युत, पेयजल, संचार, सफाई आदि व्यवस्था को विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए। पशुपालन विभाग को यात्रा रूट पर संचालित होने से पूर्व घोड़े-खच्चरों का रजिस्ट्रेशन, स्वास्थ्य परीक्षण व अनिवार्य रूप से बीमा करवाए जाने के लिए रोस्टरवार शिविर लगाने के लिए निर्देशित किया।

जिलाधिकारी ने यात्रा मार्ग पर पेयजल व्यवस्था, लीकेज पाइप लाइन व स्टैंड पोस्ट रिपेयरिग संबंधी व्यवस्था को लेकर जल-संस्थान, धाम में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों के साथ ही यात्रा को लेकर नियमित विद्युत आपूर्ति सुचारू करने के लिए विद्युत विभाग, यात्राकाल में शटल व्यवस्था व जाम से नियंत्रण के लिए परिवहन विभाग तथा केदारनाथ धाम यात्रा के दौरान भक्तों की ओर से दिए जाने वाले भंडारे को लेकर आवश्यक तैयारियों के लिए पुलिस विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया। जिलाधिकारी ने तीर्थ पुरोहितों को आश्वस्त किया कि उनके द्वारा जो भी समस्याएं एवं सुझाव बताए गए हैं, उन पर आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।

बैठक में तीर्थ पुरोहितों ने बताया कि केदारनाथ धाम में सुरक्षा व्यवस्था का विशेष ध्यान रखा जाए तथा ड्यूटी पर लगाए गए पुलिस कार्मिकों को उचित प्रशिक्षण देते हुए सभी के साथ पुलिस मित्र जैसा व्यवहार करने की अपेक्षा की तथा आपदा से प्रभावित तीर्थ पुरोहितों के लिए आवासीय उचित टैंट व्यवस्था की भी मांग की गई। इसके साथ ही केदार सभा कार्यालय निर्माण की भी मांग की गई। इस मौके पर अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी केदारनाथ योगेंद्र सिंह, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशीष रावत, तहसीलदार ऊखीमठ दीवान सिंह राणा, केदार सभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी, पूर्व अध्यक्ष किशन बगवाड़ी, श्रीनिवास पोस्ती, महामंत्री राजेंद्र तिवारी, सदस्य संतोष त्रिवेदी, धीरेंद्र प्रसाद शुक्ला, विष्णुकांत कुर्मांचली, अंकित सेमवाल, पंकज शुक्ला, भारत भूषण आदि मौजूद रहे।