– मोदीनगर की एसडीएम सौम्य पांडे मां की ममता के साथ निभा रही फर्ज का दायित्व
– डिलवरी के सिर्फ 22 दिन बाद नवजात बेटी को गोद में लेकर पहुंची कार्यालय, किया काम
विजय मिश्र (उदय भूमि ब्यूरो)
गाजियाबाद। मोदीनगर की उप-जिलाधिकारी (एसडीएम) सौम्या पांडेय ने कोरोना काल में कर्तव्यनिष्ठा का अनूठा उदाहरण पेश किया है। वह अपनी नवजात बेटी के साथ घर के अलावा दफ्तर की जिम्मेदारी भी बखूबी संभाल रही हैं। मातृत्व प्रेम और जिम्मेदारी के बीच अनोखा तालमेल कायम कर वह कामकाजी महिलाओं के लिए मिसाल बन गई हैं। मोदीनगर एसडीएम सौम्या पांडेय सोमवार को एकाएक सुर्खियों में आ गईं। सौम्या ने 22 दिन पहले बेटी को जन्म दिया है। इसके बावजूद कोरोना काल में भी वह घर के अलावा आॅफिस की जिम्मेदारी को संभालने में कतई पीछे नहीं हटी हैं। मां बनने के सिर्फ 22 दिन बाद वह दफ्तर आकर काम-काज में जुट गई। बेटी को गोद में लिए दफ्तर में काम करते सौम्या का फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस बावत पूछने पर उन्होंने कहा कि वर्तमान समय जिम्मेदारी से काम करने का है। ऐसे में वह अपने दोनों दायित्वों को बखूबी ढंग से निभाना चाहती हैं। मूल रूप से प्रयागराज की रहने वाली सौम्या पांडेय आईएएस अधिकारी हैं। वह गाजियाबाद जनपद के मोदीनगर में एसडीएम के पद पर तैनात हैं। सौम्या पांडे ने नियुक्ति के बाद से अपने फर्ज को ईमानदारी के साथ निभाया है। सोशल मीडिया पर इस आईएएस अधिकारी को खूब सराहना मिल रही है। सोशल मीडिया पर यूजर्स उनकी कर्तव्यनिष्ठा को काफी सराह रहे हैं।
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कला से है विशेष लगाव
कत्थक नृत्य में भी सौम्या निपुण हैं। उन्हें कई सम्मान मिल चुके हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी उन्हें पुरस्कृत कर चुके हैं। सौम्या कहती हैं कि किसी भी कामयाबी में परिवार का महत्वपूर्ण योगदान होता है। उनके आईएएस आॅफिसर बनने के पीछे परिजनों का सहयोग रहा है। गाजियाबाद जिला प्रशासन को भी वह अपना परिवार मानती हैं। मोदीनगर में एसडीएम की जिम्मेदारी निभाते समय वह किसी भी फरियादी की अनदेखी नहीं करतीं।
कोरोना काल में भी दिखाई बहादुरी
जनपद गाजियाबाद में कोविड-19 (कोरोना वायरस) का प्रकोप चरम पर है। कोरोना से बचने को बच्चों, गर्भवती महिलाओं, बीमारों और बुजुर्गों को घर से बाहर न निकलने की सलाह दी गई है। सिर्फ बेहद जरूरी काम होने पर उन्हें घर से बाहर निकलने को कहा गया है। इस सबके बाद भी एसडीएम मोदीनगर सौम्या पांडेय का काम के प्रति लगाव प्रशंसनीय है।