नगर आयुक्त डॉ. नितिन गौड़ ने तमिलनाडू में परखी नालों के पानी का शोधन तकनीक

-एफएसएसएम के तहत चार दिवसीय प्रशिक्षण में तमिलनाडु के शहर त्रिची का लिया जायजा

गाजियाबाद। स्वच्छ भारत मिशन नगरीय-2.0 के तहत तमिलनाडू में सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट एवं इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमन सेटलमेंट के तहत आयोजित प्रशिक्षण में उच्चाधिकारियों एवं विशेषज्ञों के साथ नगर आयुक्त डॉ. नितिन गौड़ ने भी नालों के पानी को शोधन करने की तकनीक को परखा। तमिलनाडू में चार दिवसीय प्रशिक्षण के चलते वहां के कई शहरों में प्रशिक्षण किया जा रहा है। तमिलनाडु में एफएसएसएम के तहत चार दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान नगरीय निकाय निदेशक नेहा शर्मा, नगर आयुक्त डॉ. नितिन गौड़, आरसीयूईएस के अपर निदेशक एके गुप्ता, नगर आयुक्त अयोध्या एवं एसबीएम के उपनिदेशक सुनील कुमार यादव, जौनपुर के अधिशासी अधिकारी संतोष मिश्रा,राजपूती बेस चुनार,निहालचंद ललितपुर,खुर्जा नगर पालिका से विनोद कुमार, पीएमयू से रितु मिश्रा, विपिन पटेल ,पीएमयू भरत वर्मा आदि ने प्रशिक्षण में भाग लिया।

प्रशिक्षण के दौरान नालों-नालियों में एकत्र पानी का शुद्धिकरण किया जाने को लेकर उसे देखा गया। वहीं, आसपास के वातावरण के शुद्धिकरण, साफ-सफाई को ओर अधिक सुदृढ़ बनाने पर विस्तृत जानकारी के लिए चर्चा की गई। फेशल स्लूज एंड सैप्टिक मैनेजमेंट (एफएसएसएम) तकनीक से नालों-नालियों एवं सीवर आदि के पानी का शोध करना है। इसके साथ ही इसकी कार्य प्रक्रिया में अधिक सुदृढ़ीकरण लाना आदि की जानकारी दी गई। इससे इसके आसपास रहने वाले लोगों को एक अच्छा वातावरण देने में मदद मिलेेगी। इसके अलावा तमिलनाडू के त्रिची डोमेस्टिक क्लोरीनेशन यूनिट का भी टीम ने जायजा लिया।

नगरीय निकाय निदेशक नेहा शर्मा एवं नगर आयुक्त डॉ. नितिन गौड़ ने टीम के साथ प्रशिक्षण के दौरान तमिलनाडु के शहर त्रिची का भी जायजा लिया। यहां पर किस प्रकार एफ एसएसएम प्रक्रिया का इस्तेमाल करते हुए कार्य किया जा रहा है। इसका प्रेजेंटेशन किया गया। इस पर किस प्रकार से आमजन के सहयोग से कार्य किया जा सकता हैं। इसको लेकर सेंटर के विशेषज्ञों के साथ चर्चा की गई। नगर आयुक्त डॉ. नितिन गौड़ ने बताया कि तमिलनाडू में प्रशिक्षण के दौरान नालों-नालियों में एकत्र पानी को शोध करने की तकनीक को परखा गया। ताकि इसको यहां पर भी लागू किया जा सकें। गाजियाबाद नगर निगम सीमा क्षेत्र में सफाई व्यवस्था, धूल मुक्त सड़कें, नालों की सफाई एवं कूड़ा-कचरे का निस्तारण करने की व्यवस्था को ओर अधिक सुदृढ़ करने के लिए नई तकनीक से आगे इन पर कार्य किया जा सकेगा।