नगर निगम की बैठक में खूब हुआ हंगामा पार्षद और अधिकारी रहे आमने-सामने

-कार्यकारिणी बैठक में पूरक बजट सहित 4 प्रस्ताव को मिली हरी झंडी

विजय मिश्रा (ब्यूरो)
उदय भूमि
गाजियाबाद। नगर निगम की बैठक और हंगामा एक दूसरे के पर्यायवाची बन चुके हैं। शनिवार को हुई नगर निगम की कार्यकारिणी बैठक भी खूब हंगामेदार रही। संभावित रूप से यह नगर निगम की अंतिम बैठक थी, ऐसे में उम्मीद की जा रही थी कि बैठक खुशनुमा माहौल में होगा और पार्षद एवं अधिकारियों का एक दूसरे के प्रति सकारात्मक भाव देखने को मिलेगा। लेकिन बैठक में इसके उलट स्वरूप देखने को मिला। भ्रष्टाचार, निगम अधिकारियों की कार्यशैली सहित कई अन्य मुद्दों पर पार्षद और अधिकारी एक दूसरे से उलझते रहे। लगभग एक घंटे चली बैठक में कार्यकारिणी सदस्यों ने अधिकारियों पर आरोपों की झाड़ी लगा दी। नगर आयुक्त डॉ. नितिन गौड़ ने भी सदस्यों की बातों का प्रतियुतर दिया और कहा कि नगर निगम में नियमानुसार ही काम होंगे। यदि नगर निगम के पूर्व में हुए किसी फैसले को लेकर कार्यकारिणी सदस्यों को आपत्ति है तो उस पर फिर से विचार होगा। बैठक में पूरक बजट सहित 4 प्रस्ताव को भी हरी झंडी दे दी गई।

मेयर आशा शर्मा की अध्यक्षता एवं नगर आयुक्त डॉ. नितिन गौड़ की मौजूदगी में शनिवार सुबह 11 बजे कार्यकारिणी की बैठक शुरू हुई। बैठक की शुरूआत ही विवाद से हुआ। बैठक में जैसे ही बजट को पढऩे का काम शुरू हुआ कार्यकारिणी के एक सदस्य ने आपत्ति जताते हुए कहा कि पार्षद के कहने से कोई विकास कार्य नहीं हो रहा, सफाई व्यवस्था बेहाल है पार्षदों का काम केवल सदन में बजट पास करना रहा गया है। इसके बाद कार्यकारिणी सदस्य एलिवेटेड रोड को लेकर हंगामा करने लगे। सदस्यों ने आरोप लगाया कि बिना कार्यकारिणी और बोर्ड की सहमति के एलिवेटेड रोड को नगर निगम ने टेकओवर कर लिया। इस पर नगर आयुक्त डॉ नितिन गौड़ ने कहा कि यदि पूर्व में हुए फैसले से सदस्यों को आपत्ति है तो हम जीडीए को पत्र लिखेंगे और दोबारा से इस प्रस्ताव को कार्यकारिणी और बोर्ड में पास कराया जाएगा। नगर आयुक्त ने कहा कि जहां कूड़ा नहीं उठ रहा है उन वार्ड में जांच कराकर रिपोर्ट तैयार की जाएगी और कार्रवाई होगी।

कुछ पार्षदों ने दिवाली पर स्ट्रीट लाइट नहीं लगने, 225 विकास कार्यों के टेंडर खोलकर विकास कार्य नहीं कराने का मामला उठाया। कार्यकारिणी सदस्य पार्षद राजकुमार नागर ने बोर्ड बैठक में पास हुए जीआईएसएस के नोटिस नहीं भेजने के प्रस्ताव के बाद भी नोटिस भेजने और लोगों को परेशान करने का मामला उठाया। इस पर मुख्य कर निर्धारण अधिकारी ने बताया कि नोटिस नहीं भेजे जा रहे हैं, केवल डिमांड जारी किए जा रहे हैं। बैक डेट में पत्रावलियों पर साइन कराने का मामला भी सदस्यों ने उठाया। कार्यकारिणी ने प्रतिबंधित कुत्तों के पालने को लेकर बायलॉज बनाने और निगम के स्कूलों में आउट सोर्स शिक्षकों का वेतन बढ़ाकर 14 हजार करने का निर्णय लिया।

कार्यकारिणी बैठक में कार्यकारिणी उपाध्यक्ष अभिषेक चौधरी, सदन सचिव शिवपूजन यादव, सदन सह सचिव संजीव सिन्हा, कार्यकारिणी सदस्य राजकुमार नागर, जाकिर सैफी, यशपाल पहलवान, मोहमद दिलशाद, हरवीर सिंह, मिनल रानी, कलहन, पार्वती रावत, ललित कश्यप, पूनम त्यागी, अभिनव जैन, अपर नगर आयुक्त अरूण कुमार यादव, चीफ इंजीनियर एनके चौधरी, उद्यान प्रभारी डॉ. अनुज सिंह, एकाउंट आफिसर राजेश गौतम, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथिलेश कुमार, जलकल महाप्रबंध आनंद त्रिपाठी, अधिशासी अभियंता देशराज सिंह, अधिशासी अभियंता फरीद अख्तर जैदी, अधिशासी अभियंता योगेंद्र यादव, सदन लिपिक विनोद त्यागी, अमित शर्मा बृजमोहन सिंघल आदि मौजूद रहे।

पार्षद जाकिर सैफी ने मेयर आशा शर्मा से भ्रष्टाचार समाप्त करने की लगाई गुहार
कार्यकारिणी की बैठक से पहले शहर की समस्याओं पर चर्चा की गई। पार्षद जाकिर अली सैफी ने महापौर आशा शर्मा को संबोधित करते हुए कहा कि आज वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जन्मतिथि है, दोनों ने देश की प्रगति के लिए उल्लेखनीय कार्य किया है। आप भी कुछ ऐसा करो की भ्रष्टाचार पर लगाम लग जाए। नगर निगम से भ्रष्टाचार पूरी तरह से समाप्त हो सके। महापौर ने कहा कि भ्रष्टाचार के संबंध में पार्षद साक्ष्य उपलब्ध कराएं, संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई होगी।

आर्थिक संकट से जूझ रहा है नगर निगम
गाजियाबाद नगर निगम पर आर्थिक संकट मंडरा रहा है। कार्यकारिणी की बैठक शुरू होने पर नगर आयुक्त डा. नितिन गौड़ ने बताया कि नगर निगम के पास 2022-2023 में प्रारंभिक अवशेष 452 करोड़ रुपये थे, इस साल अब तक 948 करोड़ रुपये की आय विभिन्न मदों से हुई है। जबकि इनमें से 1,344 करोड़ रुपये अब तक खर्च हो चुके हैं। 56 करोड़ रुपये बचे हैं, इनमें से भी 43 करोड़ रुपये नगर निगम म्यूनिसिपल बांड में खर्च किए जाएंगे। महज 13 करोड़ रुपये बचेंगे, जबकि नगर निगम के पास 20 करोड़ रुपये का फंड होना चाहिए। जिससे कि सैलरी, नजारत सहित अन्य कार्य हो सकें। इस वजह से अभी विकास कार्य कराने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। 15वें वित्त आयोग से 122 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं, जिनसे साफ-सफाई सहित अन्य कार्य कराए जाएंगे।

वायो सॉलिड वेस्ट प्लांट लेकर पार्षदों ने पूछा सवाल
कार्यकारिणी बैठक के दौरान कुछ पार्षदों ने इस बात को लेकर भी सवाल उठाए कि निगम के अधिकारी ये भी स्पष्ट करें कि वायो सॉलिड वेस्ट प्लांट निगम के द्वारा किस जमीन पर बनाया जा रहा है। पार्षदों ने आरोप लगाया कि डूंडाहेड़ा में नगर निगम की बेशकीमती जमीन पर प्राइवेट बिल्डरों द्वारा टावरों का निर्माण कर दिया गया। हालांकि संपत्ति विभाग के अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि पूरे प्रकरण की शासन स्तर से जांच करायी जा रही है। बैठक के दौरान सदस्यों ने इस बात को लेकर भी नाराजगी जतायी कि एनएच 24 से लेकर विजय नगर के बीच छह करोड लागत से जो सड़क बनाई गई है, लेकिन बरसात के दौरान पानी नाले में जाए ऐसी व्यवस्था नहीं की गई है। इससे बरसात में सड़क क्षतिग्रस्त हो सकता है।