राज शरण शाही बने ABVP के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष

जबलपुर/ गोरखपुर। राज शरण शाही को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ( ABVP ) का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है। अखिल भारतवर्षीय विद्यार्थी परिषद का जबलपुर में चल रहे राष्ट्रीय अधिवेशन में रविवार को यह निर्णय लिया गया। वर्तमान में वह विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य हैं और पूर्व में लगातार 5 वर्षों से अधिक समय तक गोरक्ष प्रांत के अध्यक्ष रहे हैं। राज शरण शाही छात्र जीवन से ही विद्यार्थी परिषद से जुड़े रहे हैं और इन्हें हमेशा विद्यार्थी परिषद के समर्पित और निष्ठावान सदस्यों में गिना जाता है। राज शरण शाही को ABVP का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाए जाने पर गोरखपुर, लखनऊ सहित उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से और विशेषकर गोरक्ष प्रांत से ढेरों बधाइयां मिल रही हैं। सेंट एंड्रयूज पीजी कॉलेज गोरखपुर के पूर्व महामंत्री, बहुचर्चित छात्र नेता, पीसीएस अधिकारी एवं राज शरण के छोटे भाई जयशंकर शाही ने प्रसन्नता जाहिर कर ढेरों शुभकामनाएं दी हैं। मंगलवार को लखनऊ आगमन पर राजशरण शाही का स्वागत एवं अभिनंदन होगा।

राज शरण शाही ने नई जिम्मेदारी मिलने पर संगठन की मजबूती के लिए प्रभावी प्रयास करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी परिषद को राष्ट्रीय स्तर पर देश के अधिक से अधिक छात्रों से जोड़ने और छात्रों में राष्ट्रीयता का भाव जागृत करने के लिए और प्रभावी ढंग से काम करेंगे। राज शरण शाही इसके पहले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) में राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य की जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे थे। वह पूर्व में गोरखपुर स्थित दिग्विजय स्रातकोत्तर महाविद्यालय के शिक्षा विभाग में प्रोफेसर थे और वर्तमान में अंबेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ में प्रोफेसर के पद पर तैनात हैं।

Rajsaharan Sahi AVBP
ABVP के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राज शरण शाही के साथ गोरखपुर प्रांत के संगठन मंत्री आनंद गौरव।

आनंद गौरव को गोरखपुर प्रांत के संगठन मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई है। राज शरण शाही लंबे समय से एबीवीपी के साथ जुड़े हैं। विद्यार्थी और युवा वर्ग भी उन्हें काफी पसंद करता है।

अधिवेशन के अंतिम दिन 4 प्रस्तावों पर मुहर लगी

उधर, मध्य प्रदेश के जबलपुर में  चल रहा AVBP का  67वां अधिवेशन कई मायनों में महत्वपूर्ण रहा है और यहां कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। अधिवेशन के अंतिम दिन 4 प्रस्तावों पर मुहर लगी। इसमें शिक्षा परिसर में खेलों को महत्व देने पर बल दिया गया। कबड्डी, खो—खो और मलखंब आदि को पाठ्यक्रमों में शामिल करने तथा गीता को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने का फैसला लिया गया।

योग एवं आत्मरक्षा की गतिविधियों को स्कूलों में अनिवार्य रूप से लागू हो

बैठक में निर्णय लिया गया कि कोरोना संक्रमण काल में विद्यार्थियों के शिक्षण के नुकसान की भरपाई आभासी कक्षाओं के जरिए की जाए। ऑनलाइन शिक्षा अधिकतम 2 घंटे से ज्यादा न हो। पाठ्यक्रम ऐसा तैयार किया जाए ताकि विद्यार्थियों पर अनावश्यक दबाव न बने। इसके अलावा लॉकडाउन के दौरान शिक्षा से वंचित विद्यार्थियों के लिए विशेष योजना बनाकर उन्हें दोबारा जोड़ा जाए।

विद्यार्थी परिषद ने दूसरे प्रस्ताव में आजादी के अमृत महोत्सव में पर्यावरण को संरक्षित करने पर बल दिया। ग्लोबल वार्मिंग की विश्व व्यापी समस्या है। इसलिए प्रदूषण को रोकने के उपाय पर काम किया जाना चाहिए। इसके अलावा स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के घरों को स्मारक में तब्दील किया जाना चाहिए। मानसिक स्वास्थ्य को देखकर योग एवं आत्मरक्षा की गतिविधियों को विद्यालयों में अनिवार्य रूप से लागू किया जाए। स्कूलों में ओलिंपियाड का आयोजन किया जाए। स्कूल एवं कॉलेज में खेल शिक्षकों की नियुक्ति की जाए।