ग्रेटर नोएडा। नोएडा, ग्रेटर नोएडा एवं यमुना प्राधिकरण द्वारा औद्योगिक भूखंडों का आवंटन नीलामी के जरिए किया जा रहा है। तीनों प्राधिकरण के इस कदम के विरोध में विभिन्न औद्योगिक संगठन उतर आए हैं। इन संगठनों ने नीलामी के माध्यम से औद्योगिक भूखंडों के आवंटन की प्रक्रिया की मुखालफत की है। इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन, लघु उद्योग भारती और इकोटेक-12 इंडस्ट्री एसोसिएशन ने संयुक्त रूप से तीनों प्राधिकरण पर उद्यमियों का सहयोग करने की बजाय व्यापार करने का आरोप लगाया है।
इन संगठनों का कहना है कि इससे प्रापर्टी डीलरों को बढ़ावा मिलेगा। इस नीति पर पुनर्विचार करने की मांग की गई है। यदि यह नीति वापस नहीं हुई तो उद्यमियों के सामने दूसरे राज्यों में जाना मजबूरी हो जाएगी। औद्योगिक संगठनों ने मंगलवार को पत्रकार वार्ता कर अपनी नाराजगी का इजहार किया। आईआईए के अध्यक्ष विशारद गौतम, उपाध्यक्ष जेड रहमान, राजीव सूद, बीआर भाटी, अमित शर्मा, केपी सिंह, संजय भाटी आदि ने नीलामी के जरिए औद्योगिक भूखंड आवंटित करने का पुरजोर विरोध किया।
आईआईए के उपाध्यक्ष जेड रहमान ने कहा कि कि गौतम बुद्ध नगर जिले में नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण हैं। तीनों प्राधिकरण ने उद्योगों के लिए जमीन नीलामी के लिए जरिये देने की घोषणा की है। इससे उद्यमियों को कोई लाभ नहीं मिलेगा। बल्कि इससे निवेशकों और प्रॉपर्टी डीलरों को फायदा मिलेगा। यह नीति उद्यमियों के हित में नहीं है। आईआईए के अध्यक्ष विशारद गौतम ने कहा कि इस नीति से एमएसएमई उद्योगों का क्या होगा।
अगर उद्यमियों को फैक्ट्री लगाने के लिए जमीन नहीं मिलेगी तो वह दूसरे राज्यों की ओर रुख करेंगे। अगर राज्य में उद्योग नहीं लगेंगे तो रोजगार कहां से मिलेंगे। सरकार उद्यमियों को राहत देती है, लेकिन यहां तो उसके उलट हो गया है। उन्होंने कहा कि अगर इस नीति पर पुनर्विचार नहीं किया गया तो उद्यमी को दूसरे राज्यों में जाना मजबूरी बन जाएगी। उन्होंने कहा कि इस नीति को वापस लिया जाए। अगर प्राधिकरणों ने इस नीति को वापस नहीं लिया तो वह सरकार के पास जाएंगे। ताकि यह नीति वापस हो सके।