मौसा से 20 लाख की फिरौती के लिए भाई का किया अपहरण, पकड़े जाने के डर से कर दी हत्या

मौसेरा भाई समेत तीन हत्यारोपी गिरफ्तार, घटना में प्रयुक्त चाकू बरामद

गाजियाबाद। 20 लाख रूपए के लिए 10 वर्षीय मासूम बच्चे की हत्या करने वाले मौसेरे भाई समेत तीन आरोपियों को खोड़ा पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपियों रूपए के लिए पहले मासूम बच्चे का अपहरण किया, फिर जेल जाने के डर अपहरण के कुछ घंटे बाद ही चाकू से गोदकर उसकी निर्मम हत्या कर दी। पकड़े गए तीनों आरोपी नाबालिग हैं। इसमें दो 10वीं और एक 12वीं का छात्र है।

गुरूवार को सिहानीगेट थाने में घटना का खुलासा करते हुए एसपी सिटी प्रथम निपुण अग्रवाल ने एसपी क्राइम दीक्षा शर्मा की मौजूदगी में बताया कि खोड़ा थाना क्षेत्र में वंदना एन्क्लेव निवासी अजीत कुमार प्राइवेट नौकरी करते हैं। उनका बेटा हर्ष सिंह उर्फ कान्हा (10) कक्षा 4 में न्यू सैनिक स्कूल में पढ़ता था। 11 अप्रैल की शाम घर के बाहर खेलते वक्त वह लापता हो गया। 12 अप्रैल को परिजनों ने खोड़ा थाना में गुमशुदगी दर्ज कराई थी। 13 अप्रैल की शाम हर्ष सिंह उर्फ कान्हा की लाश नोएडा के सेक्टर-54 स्थित खरगोश पार्क में पड़ी मिली।

एसपी क्राइम दीक्षा शर्मा ने बताया कि प्रियांशु पुत्र सरोज सिंह निवासी वन्दना एंकलेव खोड़ा, राजू उर्फ राजकुमार पुत्र नोज दास निवासी आदर्श निकेतन दीपक विहार खोड़ा, आकाश पुत्र अशोक कुमार निवासी राजीव विहार खोड़ा कॉलोनी को गिरफ्तार किया गया है। प्रियांशु, मृतक हर्ष सिंह का मौसेरा भाई है। प्रियांशु ही हर्ष को पार्क में घुमाने के बहाने से दीपक विहार में ले गया। यहां पर पार्क में आकाश व राजकुमार स्कूटी लेकर पहुंच गऐ और फिर तीनों हर्ष को नोएडा सेक्टर-54 के जंगल में लेकर पहुंच गए। जब हर्ष को तीनों के इरादे ठीक नही लगे तो वह उनसे छूटकर भागने का प्रयास करने लगा।

जब उन्हें लगा कि अगर हर्ष अगर भाग गया और सभी को पता चल गया तो पुलिस उन्हें पकड़ लेगी। इसी डर से तीनों ने उसे पकड़ लिया। प्रियांशु ने हाथ और राजकुमार ने पैर पकड़े, जबकि आकाश ने पेट पर चाकू से वार कर हर्ष की हत्या कर दी। शव को बोरे में भरकर जंगल में फेंककर तीनों अपने-अपने घर पहुंच गये। उन्होंने बतााया कि प्रियांशु को इस बात का पता था कि उसके मौसा अजीत कुमार के पास बहुत पैसा है। अगर वह उसका किडनैप कर फिरौती मांगेंगे तो वह उन्हें आसानी से मिल जाएगी।

आरोपियों की मंशा थी कि अगर फिरौती के 20 लाख रूपए मिल गये तो उसे तीनों बराबर में बाट लेंगे। आरोपी राजकुमार ने इस काम में इसलिए उनका साथ दिया, क्योंकि उसको रुपयों की जरूरत थी। रूपए मिलने के बाद तीनों मौज-मस्ती करते। अपने शौक को पूरा करने के लिए अपहरण की योजना बनाई थी।