पोओएस मशीन के नाम पर करोड़ो की ठगी करने वाले पांच गिरफ्तार

-फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल कर करते थे ठगी

गाजियाबाद। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर फर्जी ट्रेडिंग कंपनी खोलकर, पीओएस (डेबिट व क्रेडिट कार्ड से भुगतान में काम आने वाली मशीन) के नाम पर करोड़ो रूपए की ठगी करने वाले गिरोह के पांच शातिर ठगों को घंटाघर कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार किया है। जिनके कब्जे से पुलिस ने फर्जी आईडी, लेट हैड, क्रेडिट एवं डेबिट कार्ड बरामद किया है। मंगलवार को अपने कार्यालय में एसपी सिटी प्रथम निपुण अग्रवाल ने सीओ प्रथम महिपाल सिंह की मौजूूदगी में घटना का खुलासा करते हुए बताया कि घंटाघर कोतवाली एसएचओ संदीप सिंह, एसआई सचिन कुमार तोमर, पवेन्द्र सिंह की टीम ने मुखबिर की सूचना पर वैष्णो मंदिर के पीछे रेलवे स्टेशन के पास से अमजद अल्वी पुत्र युसुफ निवासी इस्लामनगर, राहुल पुत्र अनिल कुमार निवााी पंचवटी, रवि कुमार पुत्र अनिल कश्यप निवासी गौशाला फाटक विजयनगर, फिरोज पुत्र युसुफ निवासी इस्लामनगर, मोमीन खान पुत्र इस्लाम निवासी बैंरगपुर उर्फ नई बस्ती दादरी गौतमबुद्धनगर को गिरफ्तार किया गया। जिनके कब्जे से 1 पोओएस मशीन, मोहर, 20 लेटर पैड, 10 क्रेडिट कार्ड, तीन आधार कार्ड, दो चैक बुक, पैन कार्ड रसीद एवं अन्य कागजात बरामद किया गया। मोमीन गिरोह का सरगना है जबकि अमजद पूर्व में एक बैंक में काम करता था और क्रेडिट कार्ड बनवाता था। राहुल, रवि व फिरोज बैंकों से पैसा निकालने में मदद करते थे। इनका एक फरार साथी राकेश है जो एक बैंक के क्रेडिट कार्ड बनवाता है और उसी ने ठगी के लिए फर्जी प्रोफाइल पर क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराए थे। एसपी सिटी ने बताया कि यह गैंग विभिन्न कंपनियों के बैंक खातों में मौजूद मोटी रकम का ट्रांजेक्शन, जाली दस्तावेजों के सहारे बनाई गई फर्जी टे्रडिंग कंपनी बनाकर करता था। इस गोरखधंधे में वह स्वाइप मशीन का भी उपयोग करता था। 13 जून को इंडिया ट्रानजेक्ट सर्विस लिमिटेड के अधिकारी राजपाल आदित्य ने 16 आरोपितों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इंडिया ट्रानजेक्ट सर्विस लिमिटेड कंपनी का नाम देश के सभी सरकारी एवं निजी बैंको जरूरतानुसार उन व्यापारियों जिनका बैंक में खाता है, उनको पोओएस मशीन एवं संबधित सेवाएं उपलब्ध कराता है। पोओएस मशीन का इस्तेमाल क्रेडिट एवं डेबिट कार्य से भगुतान करते है। मोमीन ने तुराबनगर में एमके इंटरप्राइजेज के नाम से एक फर्म खोली और इसमें पानी के डिस्पेंसर व बोतलों का काम किया। इसके बाद उसने बैंक में पीओएस मशीन लगाने के लिए आवेदन किया। मोमीन खान ने अपने साथी के साथ मिलकर फर्जी फर्म बनाकर पोओएस मशीन के माध्यम से फर्जी तरीके से बनाए गये के्रडिट से एमके इन्टरप्राइजेज के अंकाउट से लगभग 32 लाख रूपए 46 ट्राजेक्शन के द्वारा निकाल कर धोखाधड़ी की गर्ई। जिसके बाद मोमीन खान फर्जी आईडी आधार कार्ड पर बैंको में खाता खोलकर डेबिट एवं के्रडिट कार्ड प्राप्त कर पोओएस मशीन के माध्यम से स्क्रेच कराकर एवं बाद में बैंक को यह सूचना देता था कि तकनीकि कमी से भुगतान का पैसा उपभोक्ता के खाते से कट गया है, लेकिन फर्म के खाते में नही आया है। उन रूपयों को आरोपी खाते से निकाल लेते थे। इस कंपनी की लाइेबेल्टी इंडिया ट्रानजेक्ट सर्विस ट्रांसफर कंपनी की हो जाती है। इस तरह से आरोपी 32 लाख रूपए की ठगी कर चुके है। बाद आरोपी आए रूपयों को आपस में बांट लेते थे। एसपी सिटी ने बताया पकड़े गये आरोपी करोड़ो की ठगी कर चुके है। जिनका अपराधिक इतिहास खंगाला जा रहा है। आरोपियों ने कुछ दिन पहले दुर्गा ट्रैैडर्स के नाम पर भी फर्जी फर्म बनार्ई थी।