पड़ोसी अंकल ने की शर्मनाक करतूत, बच्ची से की दरिंदगी

गाजियाबाद। इंदिरापुरम कोतवाली क्षेत्र में घर में नाबालिग भाई-बहन के साथ मौजूद छह वर्षीय मासूम बच्ची के साथ पड़ोसी अंकल ने डिजिटल दुष्कर्म किया। पीडि़ता की मां ने आरोपी के खिलाफ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है।
इंदिरापुरम कोतवाली क्षेत्र में एक महिला 14 व 6 साल के बेटी और 9 साल के बेटे के साथ रहती है। उसके पति की मौत हो गई है। वह एक निजी अस्पताल में नर्सिंग का कार्य करती है। शनिवार रात को वह नाईट ड्यूटी पर थी। रविवार सुबह जब घर वापस पहुंची तो बच्चे उससे लिपट कर रोने लग गए। किसी तरह महिला ने बच्चों को ढांढ़स बंधाया। जिसके बड़ी बेटी ने बताया कि पड़ोसी युवक ने बहन के साथ रात में डिजिटल दुष्कर्म किया। यह सुनकर उसके होश उड़ गए। जब वह पड़ोसी के कमरे में गई तो पता चला कि वह रात से ही फरार है। महिला ने घटना की सूचना पुलिस को दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने बच्ची को चिकित्सीय परीक्षण के लिए भेज कर मामले की छानबीन शुरू की।

इंदिरापुरम थाना प्रभारीदेवपाल सिंह पुंडीर ने बताया कि पीडि़ता की मां ने आरोपी के खिलाफ नामजद शिकायत दी है। जिसके आधार पर रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है, आरोपी की तलाश की जा रही है। जल्द ही आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा। दरअसल लोगों को डिजिटल दुष्कर्म सुनने में लगता होगा कि इंटरनेट के माध्यम से किया जाने वाला दुष्कर्म। मगर यह ऐसा बिल्कुल भी नही है। अंग्रेजी शब्दकोश में डिजिट का मतलब हाथ पैर की अंगुलियां या अंगूठे होते हैं। अगर कोई व्यक्ति यदि किसी बच्ची, युवती या महिला की सहमति के बिना अंगुलियों या अंगूठे से उसके गुप्तांग को छेड़ता है तो वह डिजिटल दुष्कर्म कहलता है।

इस अपराध को वर्ष 2013 के आपराधिक कानून संशोधन के माध्यम से भारतीय दंड संहिता में शामिल किया गया था। जिसे निर्भया अधिनियम भी कहा जाता है। साल-2013 के बाद दुष्कर्म का मतलब सिर्फ संभोग तक ही सीमित नहीं है, अब इसमें कई नियम जुड़ चुके हैं। डिजिटल दुष्कर्म के ज्यादतर मामले में आरोपित पीडि़ता का ही करीबी होता है। करीबी का मतलब पड़ोसी या फिर रिस्तेदारों के नाम ज्यादातर सामने आते है। कानून के अनुसार, डिजिटल अपराध में अपराधी को पांच साल जेल की सजा और कुछ मामलों में यह सजा 10 साल या आजीवन कारावास तक हो सकती है।