लॉकडाउन में नौकरी जाने के बाद बन गये लुटेरे

-लाखों के माल समेत जीआरपी ने दबोचे पांच लुटेरे, सैकड़ो यात्रियों को बनाया निशाना

गाजियाबाद। लॉकडाउन में नौकरी छूटने पर वह लुटेरा बन गया। कीमती मोबाइल एवं सामान लूटने वाला गिरोह खड़ा कर लिया। राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) एवं आरपीएफ की संयुक्त टीम ने एक ऐसे ही गिरोह का पर्दाफास किया है। जो लॉकडाउन में नौकरी छूट जाने के बाद गिरोह बनाकर ट्रेनों में यात्रियों के साथ लूटपाट करने को ही अपना रोजगार बना लिया। लुटेरे सिर्फ बिहार जाने वाली ट्रेनों को ही अपना निशाना बनाते थे। आंनद विहार से प्लेटफार्म का टिकट लेकर बिहार जाने वाली टे्रनों में चढ जाते थे और फिर यात्रियों को झांसे में लेकर किमती सामान लूट व चोरी कर फरार हो जाते थे। जीआरपी ने पांच शातिर लुटेरों को किमती सामान समेत गिरफ्तार किया है।
गाजियाबाद रेलवे स्टेशन पर शुक्रवार को जीआरपी सीओ सुदेश कुमार गुप्ता ने आरपीएफ के सहायक सुरक्षा आयुक्त नरेंद्र वाष्र्णेय की मौजूदगी में घटना का खुलासा करते हुए बताया कि जीआरपी प्रभारी अमीराम सिंह, एसआई बब्लू सिंह, राजेन्द्र सिंह, जितेन्द्र सिंह की संयुक्त टीम ने मुखबिर की सूचना पर चेकिंग के दौरान साहिबाबाद स्थित हेवल्स व पीएमडी फैक्ट्री दीवार के पाछे से चांद उर्फ दिलशाद पुत्र वसीम अहमद निवासी पाईप लाइन मण्डौली मंदिर लोनी बोर्डर, मौहम्मद मसूद पुत्र मौहम्मद हलीम निवासी सीलमपुर दिल्ली, तारिक पुत्र जमीर निवासी सीलमपुर, फैजान पुत्र जाबूल निवासी लोनी बोर्डर, हसीब खान पुत्र अकालू खान निवासी बुराड़ी दिल्ली को गिरफ्तार किया। जिनकी निशानदेही पर दो ट्रॉली बैग, मंगलसूत्र, दो पायल, एप्पल कंपनी का आईपैड, डोंगल जिओ कंपनी, ट्रॉली बैग में साड़ी, सेण्डल, बच्चों के कपड़े, कान की झुमकी, 1600 रूपए, तीन मोबाइल, लेडिज अंगूठी, चाकू बरामद किया गया। बरामद सामान की कीमत करीब दो लाख रूपए बताई जा रही है। जीआरपी प्रभारी अमीराम सिंह ने बताया चांद उर्फ दिलशाद गिरोह का सरगना है। जो पिछले करीब एक साल से ट्रेनों में यात्रियों के सामान की चोरी एवं लूट की वारदात को अंजाम दे रहा था। आरोपी आंनद विहार से प्लेटफार्म लेकर आंनद विहार से बहार जाने वाली टे्रनों को अपना निशाना बनाते थे। सगरना पूर्व में इंदिरापुरम से जेल जा चुका है। पकड़े गये आरोपी वारदात को अंजाम देने से पहले ट्रेन में रैकी करते थे। उसके बाद आउटर पर ट्रेन धीमी होते ही सामान पर हाथ साफ कर भाग जाते थे। इस गिरोह के निशाने पर सबसे ज्यादा सप्तक्रांति एक्सप्रेस, फैजाबाद एक्सप्रेस, वैशाली एक्सप्रेस, कटिहार एक्सप्रेस, सदभावना एक्सप्रेस जैसी ट्रेनें रहती थीं। ट्रेन में सवार होकर यात्रियों से घुल मिल जाते थे। लॉकडाउन में नौकरी जाने के बाद लूटपाट को ही आरोपियों ने अपना रोजगार बना लिया था। आरपीएफ के सहायक सुरक्षा आयुक्त नरेन्द्र वाष्र्णेय ने बताया कि संयुक्त गश्त के दौरान मुखबिर की सूचना पर इन बदमाशों की घेराबंदी की है। यह गिरोह ट्रेनों में सक्रिय था।