कोरोना काल में बेहाल हुए ठेली-पटरी वालों के फिर से बहुरेंगे दिन, मदद को आगे आई सरकार, पुन: रोजगार शुरू करने के लिए मिलेगा 10 हजार का ऋण

5 लाख से ज्यादा आए आवेदन, अब तक एक लाख को लाभ

उदय भूमि ब्यूरो
नई दिल्ली। कोविड-19 (कोरोना वायरस) के दौर में काम-काज प्रभावित होने से बेहाल स्ट्रीट वेंडर्स (पथ विक्रेताओं) को निराश होने की जरूरत नहीं है। रोजगार को पटरी पर लाने के लिए वह केंद्र सरकार से 10 हजार रुपए का ऋण ले सकते हैं। ऋण की समय से अदायगी करने पर 7 प्रतिशत की दर से ब्याज में सब्सिडी भी मिलेगी। अब तक 5 लाख से ज्यादा स्ट्रीट वेंडर्स ऋण लेने को आवेदन कर चुके हैं। एक लाख से अधिक आवेदकों को ऋण का भुगतान कर दिया गया है। कोरोना काल में मुश्किलों में घिरे स्ट्रीट वेंडर्स के लिए केंद्र सरकार ने विशेष माइक्रो क्रेडिट सुविधा दी है। इसे पीएम स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) नाम दिया गया है। इस योजना के तहत 24 मार्च 2020 अथवा उससे पहले से कार्यरत स्ट्रीट वेंडर्स को ऋण मिलेगा। इस योजना का मकसद लॉक डाउन में मिली रियायतों के बाद फेरी विक्रेताओं को रोजगार को पुन: शुरू करने का मौका देना है। इसके अंतर्गत सरकार किफायती दर पर काम के लिए ऋण देती है। गली-गली घूमकर, फुटपाथ या रास्ते पर ठेला लगाकर सब्जी, फल, तैयार खाने की चीजें, चाय, पकौड़े, ब्रेड, किताबें, कॉपियां इत्यादि बेचने वाले वेंडर्स को योजना का लाभ मिलेगा। इसके अतिरिक्त नाई की दुकान, मोची, पान की दुकान, लॉन्ड्री की सेवाएं भी इसमें शामिल हैं। योजना में 10 हजार रुपए का ऋण दिया जाएगा। यदि आप ऋण को समय से पहले वापस करते हैं तो सरकार आपको 7 प्रतिशत की दर से ब्याज में सब्सिडी देगी। सब्सिडी की राशि 3 माह में एक बार आपके खाते में जमा की जाएगी।