5वें आयुर्वेद दिवस पर देश को 2 खास सौगात

प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को समर्पित किए नए संस्थान

नई दिल्ली। 5वें आयुर्वेद दिवस पर देश को 2 महत्वपूर्ण सौगात मिली हैं। आयुर्वेद अध्यापन एवं अनुसंधान संस्थान जामनगर और राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान जयपुर को राष्ट्र को समर्पित कर दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को इन दोनों संस्थानों का शुभारंभ किया। आयुर्वेद अध्यापन एवं अनुसंधान संस्थान जामनगर को संसद के कानून के जरिए राष्ट्रीय महत्व के संस्थान (आईएनआई) का दर्जा मिला है। जबकि राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान जयपुर को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा मानद विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया है। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने आयुर्वेद को भारत की विरासत बताया। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद के विस्तार में समूची मानवता की भलाई समाई हुई है। उन्होंने कहा कि भारत के पास आरोग्य से जुड़ी कितनी भव्य विरासत है, मगर यह भी उतना ही सही है कि ये ज्ञान ज्यादातर किताबों और शास्त्रों में रहा है। इस ज्ञान को आधुनिक जरूरतों के अनुसार विकसित करना आवश्यक है। देश में अब पुरातन चिकित्सीय ज्ञान-विज्ञान को 21वीं सदी के आधुनिक विज्ञान से प्राप्त जानकारी के साथ जोड़ा जा रहा है। नए शोध किए जा रहे हैं। 3 साल पहले अखिल भारतीय आयुर्वेदिक संस्थान की स्थापना की गई थी। उन्होंने कहा कि कहते हैं कि कद बढऩे पर दायित्व भी बढ़ता है। प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि इस साल संसद के मानसून सत्र में 2 ऐतिहासिक आयोग भी बनाए गए हैं, जिसमें भारतीय चिकित्सा प्रणाली हेतु राष्ट्रीय आयोग और होम्योपैथी के लिए राष्ट्रीय आयोग शामिल है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भारत की मेडिकल एजुकेशन में इंटीग्रेशन की एप्रोच को प्रोत्साहित किया गया है। 21वीं सदी का भारत अब समग्रवादी तरीके से सोचता है। स्वास्थ्य से जुड़ी चुनौतियों को भी अब समग्र दृष्टिकोण के साथ सुलझाया जा रहा है। देश में आज सस्ते और प्रभावी उपचार के साथ निवारक स्वास्थ्य देखभाल कल्याण पर अधिक ध्यान दिया गया है।