कार के अंदर तकिए के बीच छिपा रखा था 201 किलो गांजा, क्राइम ब्रांच ने दबोचा

-उड़ीसा से गांजा लेकर मेरठ, मुज्जफ्फर नगर और दिल्ली एनसीआर में करते थे सप्लाई
-1 करोड़ का गांजा समेत दो अन्तर्राज्यीय तस्कर गिरफ्तार

गाजियाबाद। उड़ीसा से कार में गांजा भरकर एनसीआर में सप्लाई करने वाले दो अन्तर्राज्यीय तस्करों को क्राइम ब्रांच की टीम ने गिरफ्तार किया है। जिसके कब्जे टीम ने करोड़ रुपए का गांजा बरामद किया है। पकड़े गए तस्कर पहले मोबाइल कंपनी के टॉवरो पर ठेकेदार का काम और दुसरा बाइक रिपेयरिंग का काम करते थे। जिसमें एक तस्कर लूट के मामले में पूर्व में जेल जा चुका है और जेल से छूटने के बाद उडीसा से गांजा तस्करी करने लगा। जो कि पिछले करीब 1 साल से गांजा तस्करी का कारोबार कर रहे है।

शनिवार को गांजा तस्करी का खुलासा करते हुए एडीसीपी (क्राइम) सच्चिदानंद ने एसीपी क्राइम अजित कुमार रजक की मौजूदगी में बताया कि क्राइम ब्रांच प्रभारी अब्दुर रहमान सिद्दीकी की टीम ने शुक्रवार रात को ओएफएम गेट (ऑर्डिनेन्स फैक्ट्री मुरादनगर) के पास से उडीसा से कार में गांजा तस्करी कर रहे अन्तर्राज्यीय अंकुर चौधरी पुत्र प्रमोद निवासी श्रद्धापुरी हरिनगर कंकरखेडा मेरठ और वाहिद पुत्र अलीहसन निवासी ग्राम खरदौनी इंचौली मेरठ को गिरफ्तारी किया है। जिनकी निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त फोर्ड फिएस्टा कार में छिपाकर रखी गई 1 करोड रुपए कीमत का 201 किलोग्राम गांजा बरामद किया है।

उन्होंने बताया पकड़े गए तस्कर उड़ीसा से गांजा लेकर दिल्ली, एनसीआर, हरियाणा और पश्चिमी यूपी में सप्लाई के लिए लाए थे। उन्होंने बताया अंकुर चौधरी बीसीए पास है और पूर्व में जियो के के मातहत बिजली का काम करता था। इस बीच उसका संपर्क रौशन से हुआ। जिसके बाद अंकुर और उसका साथी वाहिद उड़ीसा से गांजा लाकर मेरठ, मुरादनगर और आसपास के क्षेत्रों में सप्लाई करने लगा। जब उसमें कमाई ज्यादा होने लगी तो खुद वाहिद के साथ सीधे संपर्क कर गांजा लेकर आने लगा। वाहिद अनपढ़ है और मेरठ में बाइक रिपेयरिंग का काम करता है। जो कि वर्ष 2016 में अपने साथियों के साथ पूर्व में लूट मामले में मेरठ से जेल जा चुका है। जेल से छूटने के बाद अंकुर चौधरी के सम्पर्क मे आया था।

एसीपी क्राइम अजित कुमार रजक ने बताया पकड़े गए आरोपी उड़ीसा से ट्रेन, बस व कार में गांजा तस्करी करते थे। गांजे को यह तकिए के अंदर या फिर सोफा कवर के बीच में बंडल बनाकर छिपा देते थे। जिसके बाद उन्हें बोरों में भरकर डिमांड अनुसार मेरठ, मुज्जफ्फर नगर, गाजियाबाद और दिल्ली में सप्लाई करते थे।
यह लोग गांजा लोड करके उडीसा से जब चलते तो अपने फोन बन्द कर लेते। किसी से कोई संपर्क नहीं करते थे। जब तक कि माल को उसके तयशुदा जगह पर ना पहुँच जाए, तब तक फोन बंद रहता था।
जो कि पिछले करीब 1 साल से गांजा तस्करी का कारोबार कर रहे है। मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ क्राइम ब्रांच की टीम लगातार कार्रवाई को अंजाम दे रही है।