गलवान में भारतीयों के हाथों मारे गये थे 60 चीनी सैनिक

-अमेरिकी अखबार ने खोली ड्रैगन की पोल

बीजिंग। भारत और चीन के सैनिकों के बीच करीब 3 माह पहले लद्दाख की गलवान घाटी में हिंसक झड़प पर अमेरिकी अखबार ने बेहद चौंकाने वाला खुलासा किया है। अखबार न्यूजवीक की रिपोर्ट के मुताबिक इस खूनी संघर्ष में 60 चीनी सैनिकों की जान गई थी।
अखबार का दावा है कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की शह पर यह हिंसी हुई थी। बता दें कि चीन ने आज तक इस मामले में हताहत अपने सैनिकों की संख्या के बारे में कोई सटीक जानकारी नहीं दी है। कुछ दिन पहले चीन से संबंधित वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल था। इस वीडियो में कतारबद्ध तरीके से कब्र दिखाई गई थीं। दावा किया गया था कि यह कब्र चीन के उन सैनिकों की हैं, जो गलवान घाटी में भारतीय सेना के साथ संघर्ष में मारे गए थे। अमेरिकी अखबार न्यूजवीक की रिपोर्ट को सोशल मीडिया पर खूब पढ़ा जा रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन अपनी विफलताओं से और अधिक आक्रोशित है। ऐसे में इसके दूरगामी नतीजे निकल सकते हैं। इस हार से बौखलाए राष्ट्रपति जिनपिंग चीनी सेना में विरोधियों को बाहर कर अपने वफादारों को ऊंचे ओहदों पर बैठा सकते हैं। शी जिनपिंग भारत के खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिए भी उत्तेजित हैं। नतीजन निकट भविष्य में सीमा पर तनाव और बढ़ सकता है। अखबार ने लिखा है कि नवंबर 2012 में शी जिनपिंग के चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का महासचिव बनने के बाद से भारत से सटी सीमा पर चीनी सैनिकों की आक्रामकता बढ़ी है। जिनपिंग चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के सेंट्रल मिलिट्री कमीशन के अध्यक्ष और पार्टी महासचिव भी हैं। भारत और चीन में सीमा का निर्धारण न होने से चीनी सैनिक घुसपैठ हेतु इसका फायदा उठाते हैं। फाउंडेशन फॉर डिफेंस ऑफ डेमोक्रेसीज के क्लिओ पास्कल के हवाले से अमेरिकी अखबार ने लिखा कि रूस ने मई में चीन के कारनामों के बारे में भारत को बता दिया था। रूस के मुताबिक चीन तिब्बत के क्षेत्र में पहले से युद्धाभ्यास कर रहा था।