डोनाल्ड समर्थकों का बवाल, अमेरिका शर्मसार

संसद में घुसकर हंगामा, हिंसा में 4 की मौत

नई दिल्ली। अमेरिका में सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया से पहले जमकर बवाल मच गया। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों ने कैपिटल हिल (वाशिंगटन) में खूब उपद्रव किया। हथियारबंद प्रदर्शनकारियों ने जबरन कैपिटल हिल में घुसकर तोड़-फोड़ कर दी। ऐसे में सीनेटरों को बाहर कर विरोध-प्रदर्शन किया गया। इस बीच हरकत में आए सुरक्षा बलों ने जैसे-तैसे स्थिति को संभाला। हिंसा में 4 नागरिकों की मौत हो चुकी है। जानकारों का मानना है कि अमेरिका के 220 साल के इतिहास में इस प्रकार की घटना पहली बार देखने को मिली है। इस घटना ने अमेरिका के गौरवमयी लोकतांत्रिक इतिहास को कलंकित करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी है। दुनियाभर के देशों ने अमेरिकी घटनाक्रम की कड़ी निंदा की है। वाशिंगटन के कैपिटल हिल में इलेक्टोरल कॉलेज की प्रक्रिया चल रही थी। इसके तहत जो बाइडेन को राष्ट्रपति बनाए जाने का रास्ता साफ होना था। इलेक्टोरल कॉलेज की प्रक्रिया के विरोध में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों ने पहले वॉशिंगटन में मार्च निकाला। बाद में कैपिटल हिल पर हल्ला बोल दिया। समर्थकों ने ट्रंप को सत्ता में बनाए रखने और मतों की दोबारा गिनती कराने की मांग की। ट्रंप के उग्र समर्थकों को रोकने के लिए सुरक्षा बलों को लाठीचार्ज करने के अलावा आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। वाशिंगटन पुलिस का कहना है कि इस हिंसा में अब तक 4 प्रदर्शनकारियों की मौत हो चुकी है। इनमें से एक महिला की मौत पुलिस की गोली लगने से हुई है। कैपिटल हिल एरिया को खाली कराए जाने के दौरान ट्रंप समर्थक हथियारों से लैस थे। वाशिंगटन में हिंसा के बाद पब्लिक इमरजेंसी लागू कर दी गई है। वाशिंगटन के मेयर का कहना है कि इमरजेंसी को 15 दिन के लिए बढ़ाया गया है। उधर, नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन, उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस और पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी इस प्रकरण की निंदा की है। हिंसा के लिए डोनाल्ड ट्रंप को जिम्मेदार ठहराया गया है। जो बाइडेन ने कहा कि ट्रंप को तुरंत देश से माफी मांगनी चाहिए। साथ अपने समर्थकों को समझाना चाहिए।