झुका चीन, भारत से खरीदेगा एक लाख टन चावल

खाद्य संकट गहराने पर बीजिंग की बदली टोन

मुंबई। भारत-चीन के बीच लंबे समय से जारी तनाव के बीच अच्छी खबर सामने आई है। कोरोना काल में चीन को गंभीर खाद्य संकट से जूझना पड़ रहा है। ऐसे में बीजिंग ने भारत से एक लाख टन चावल खरीदने का निर्णय लिया है। पिछले 3 दशक में चीन ने पहली बार भारत से चावल का आयात करने का मन बनाया है। इसके पहले वह गुणवत्ता में कमी की बात कर भारत से चावल खरीदने से कतराता रहा था। भारत ने चीन को कम दाम पर टूटा चावल बेचने का ऑफर भी दिया है। समाचार एजेंसी रायटर्स के मुताबिक भारत के व्यापारियों ने लगभग एक लाख टन चावल चीन को निर्यात करने हेतु समझौता किया है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा चावल निर्यात देश है। इसके इतर चीन विश्व का सबसे बड़ा चावल आयातक है। चीन सालाना 40 लाख टन चावल का आयात करता है। हालांकि वह लंबे वक्त से भारत से चावल आयात नहीं कर रहा था। चीन ने इसके लिए चावल की गुणवता का हवाला दिया था। हालांकि अब जब खाद्य संकट बढ़ा है तो बीजिंग गुणवत्ता का मुद्दा छोडक़र भारत से चावल आयात करने को राजी हो गया है। रिपोर्ट के मुताबिक चीन भारत से एक लाख टन टूटा चावल दिसंबर से फरवरी के मध्य खरीदेगा। इसके लिए 300 डॉलर प्रति टन कीमत तय की गई है। बता दें कि चीन और भारत के रिश्ते पिछले कुछ माह से अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहे हैं। लद्दाख में सीमा विवाद उत्पन्न कर चीन निरंतर भारत को परेशान कर रहा है। तनाव के कारण दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने हैं। चीन की मनमानी के आगे झुकने की बजाए भारत ने सख्त रूख अपना रखा है। इसके चलते सर्दी के मौसम में भी भारतीय जवान दुर्गम क्षेत्रों में दिन-रात मुस्तैद हैं। चीन को भारत से कड़ी चुनौती मिल रही है।