निगम कार्यकारिणी उपाध्यक्ष राजीव शर्मा की तलाशी लेने पर एलआईयू से हुई नोकझोंक

गाजियाबाद। नगर निगम की बोर्ड बैठक को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए निगम प्रशासन की ओर से पुलिस फोर्स के कड़े प्रबंध कराए गए थे। निगम सदन में जाने के लिए जहां डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर मशीन (डीएफएमडी) मशीन से चेक होने के बाद अंदर सदन में पार्षदों को जाने दिया गया। वहीं, गेट से लेकर अंदर तक पुलिस फोर्स का कड़ा पहरा रहा। मामला उस वक्त गरमा गया जब नगर निगम कार्यकारिणी उपाध्यक्ष राजीव शर्मा बैग लेकर बोर्ड बैठक में आ रहे थे। उन्हें मुख्यालय के गेट पर पहले तो एसीपी रवि कुमार सिंह ने पूछताछ की। इनके बाद एलआईयू इंस्पेक्टर ने राजीव शर्मा की सदन में जाते हुए उनकी तलाशी ले डाली। तलाशी लिए जाने पर राजीव शर्मा और एलआईयू इंस्पेक्टर की बीच जमकर नोकझोंक भी हुई। सदन में जाने के बाद कार्यकारिणी उपाध्यक्ष राजीव शर्मा ने महापौर सुनीता दयाल के समक्ष कहा कि कोई क्रिमिनल नहीं है। जो पार्षदों की पुलिस तलाशी ले रही है। महापौर ने इस पर खेद जताया और अधिकारियों से बात करने का आश्वासन दिया। बोर्ड बैठक में पार्षदों ने निगम अधिकारियों के खिलाफ जमकर हमलावर होते हुए कहा कि 30-30 लाख रुपए के भी वार्डों में पूरे काम नहीं हो पाए।

जबकि सपा सरकार के कार्यकाल में पूर्व नगर आयुक्त अब्दुल समद के कार्यकाल में 1-1 करोड़ रुपए के वार्डों में कार्य हुए थे। बोर्ड बैठक में हाउस टैक्स के मामले में महापौर की अध्यक्षता में कमेटी गठन का निर्णय लिया गया। ये भी तय किया गया कि जो पूर्व में भी पार्षद रह चुके है, उन्हें भी कमेटी में शामिल किया जाए। बैठक के दौरान नगर निगम कार्यकारिणी उपाध्यक्ष राजीव शर्मा ने सवाल खड़ा किया कि सदन के सामने ये स्पष्ट किया जाए कि किस दर से टैक्स में बढ़ोतरी की जा रही है। उनका तर्क था कि जनता में भ्रांति पूर्ण स्थिति है। नगर आयुक्त ने कहा कि जीआईएस संस्था के माध्यम से संपत्तियों का सर्वे कराया जा रहा है। 2 लाख 40 हजार प्रॉपर्टी में से 1 लाख 40 हजार सपंत्तियों का सर्वे पूरा हो गया है। जिस एजेंसी के द्वारा सर्वे किया जा रहा है, उसमें खामी को देखते हुए 17 पेज का शासन को लेटर भेजा गया है। संबंधित एजेंसी की कार्यशैली में इसके बाद भी सुधार नहीं है। विजय नगर के बसपा पार्षद नरेश जाटव ने भी विजय नगर जोन के अधिकारियों के द्वारा सहयोग न किए जाने का मुद्दा उठाया।

ट्रेड लाइसेंस के लिए लाएंगे बॉयलॉज:
नगर निगम कार्यकारिणी उपाध्यक्ष राजीव शर्मा का ट्रेड लाइसेंस का विरोध करते है। वहीं, नगर आयुक्त ने सदन में कहा कि ट्रेड लाइसेंस के लिए बॉयलॉज लाया जाएगा। ट्रेड लाइसेंस शहर में ट्रेड लाइसेंस की 39 मदों में होटल, लॉजिंग, रेस्टोरेंट, ढाबा,नर्सिंग होम, निजी अस्पताल, प्रसूति गृह, पैथोलॉजी सेंटर, देशी, विदेशी शराब, बियर बार, ऑटो रिक्शा आदि की ट्रेड लाइसेंस शुल्क की दरें निर्धारित भी कर दी गई हैं। हालांकि इसका पार्षदों द्वारा विरोध किया गया। दरअसल, नगर निगम सीमा क्षेत्र में व्यापार करने वाले व्यापारियों को नगर निगम से ट्रेड लाइसेंस लेना पड़ेगा। इसका बॉयलाज तैयार किया जाएगा। इस पर व्यापारियों से आपत्तियां मांगी जाएंगी, जिसका निस्तारण कर गजट का प्रकाशन कराया जाएगा, उसके बाद लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा।

नगर निगम के मुख्य कर निर्धारण अधिकारी डॉ. संजीव सिन्हा का कहना है कि 16 दिसंबर 1997 को शासन द्वारा दिए गए निर्देश पर नगर निगम द्वारा 39 मदों में ट्रेड लाइसेंस जारी किया जाता है। इनमें मुख्य रूप से होटल, लाज, रेस्टोरेंट, ढाबा, नर्सिंग होम, अस्पताल, प्रसूति गृह, पैथोलॉजी सेंटर, डेंटल क्लीनिक, फाइनेंस कंपनी, इंश्योरेंस कंपनी, शराब की दुकान, बीयर बार, आईस फैक्ट्री, ऑटो रिक्शा, मिनी बस आदि शामिल हैं। इन मदों में सदन के निर्णय के तहत दरों को निर्धारित कर ट्रेड लाइसेंस शुल्क लेकर लाइसेंस दिए जाते हैं। इसके अतिरिक्त भी नगर निगम सीमा क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के व्यावसायिक प्रतिष्ठान संचालित किए जा रहे हैं, जिनको चिन्हित करते हुए नियमानुसार ट्रेड लाइसेंस शुल्क जमा कराकर लाइसेंस दिए जाने का प्रस्ताव है।

नगर निगम की बोर्ड बैठक में रखे जाने वाले ट्रेड लाइसेंस शुल्क की दरें भी निर्धारित की गई है। इसके तहत जिम (सामान्य)-फीस-2000 रुपए। जिम वातानुकूलित-3 हजार रुपए, ब्यूटी पार्लर(सामान्य)-2000 रुपए, ब्यूटी पार्लर (वातानुकूलित)-3000 रुपए, कोचिंग, प्रशिक्षण संस्थान-2000 रुपए, चार्टर्ड एकाउंटेंट कार्यालय-4000 रुपए, स्पा सेंटर-3000 रुपए, सामान्य ज्वेलरी शॉप-3000 रुपए, ब्रांडेड ज्वेलरी शॉप-5000 रुपए, ब्रांडेड कपड़ा शोरूम-4000 रुपए, सभी ब्रांडेड शूज शोरूम-4000 रुपए,स्पोर्ट्स एकेडमी एकल गेम-10 हजार रुपए, स्पोट्र्स एकेडमी एक से अधिक गेम-20 हजार रुपए शुल्क रखा गया हैं।