विद्युत विभाग की लाख कोशिशों के बाद भी बिल जमा नहीं कर रहे उपभोक्ता, 530 करोड़ बकाया

गाजियाबाद। विद्युत विभाग की लाख कोशिश के बाद भी बिजली उपभोक्ता बिजली के बकाया बिलों का भुगतान नहीं कर पा रहे है। विद्युत वितरण निगम द्वारा पिछले एक महीने में बिजली उपभोक्ताओं पर 92 हजार से ज्यादा तकादा कालिंग, कनेक्शन काटने का अभियान चलाने और 500 से ज्यादा जगहों पर बिजली चोरी पकड़े जाने के बावजूद निगम का उपभोक्ताओं पर बकाया घटने के बजाए ओर बढ़ गया है। विद्युत निगम का जिले में जुलाई माह में उपभोक्ताओं पर जहां करीब 120 करोड़ रुपए का बकाया था। वहीं, अब बढ़कर 530 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। जिले में 10 लाख से ज्यादा उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति करने के लिए निगम हर महीने 400 करोड़ रुपए से ज्यादा की बिजली खरीदता है। लेकिन कुछ जगहों पर बिजली चोरी और कुछ क्षेत्रों में उपभोक्ताओं द्वारा समय से बिजली बिलों का बिल जमा नहीं कराए जाने के चलते निगम पर पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड का बकाया बढ़ता जा रहा है।

पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के चीफ इंजीनियर नीरज स्वरूप ने बताया कि जिले के सभी जोन में 10 हजार से ज्यादा उपभोक्ता चिन्हित किए गए हैं। इनके खिलाफ तहसील से रिकवरी सर्टिफिकेट जारी होने के बाद भी यह उपभोक्ता बिलों के बकाया भुगतान जमा नहीं किया है। इसके अलावा शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के चार लाख से ज्यादा उपभोक्ता भी बिलों को जमा करने में लेटलतीफी कर रहे हैं। चीफ इंजीनियर का कहना है कि सभी अधिकारियों को अधिक से अधिक बिजली बिलों की बकाया वसूली के लिए निर्देशित किया गया हैं। जिन उपभोक्ताओं पर लंबे समय से बकाया चला आ रहा है और जमा नहीं कर रहे है। उनके खिलाफ तहसील से रिकवरी सर्टिफिकेट जारी कराने की कार्रवाई की जा रही है।

दरअसल, विद्युत वितरण निगम के चेयरमैन आशीष गोयल ने सितंबर माह में उपभोक्ताओं से बकाया वसूली करने के लिए इसमें तेजी लाने और बिजली व्यवस्था में सुधार करने के लिए सभी अधिकारियों को निर्देशित किया था। उसके बाद निगम ने कई जगहों पर बकाया वसूली अभियान चलाया। तकादा कॉलिंग और तहसील से रिकवरी कराए जाने की कार्रवाई भी की गई। लेकिन इसका कोई ज्यादा फायदा नहीं हुआ। ऐसे में अब विद्युत वितरण निगम की ओर से बकाया वसूली में तेजी लाने के लिए प्रत्येक उपखंड पर तैनात अधिकारी को रोजाना अभियान चलाकर शत-प्रतिशत वसूली करने के लिए निर्देश दिए गए हैं। ताकि बकाएदारों से वसूली की जा सके।