सर्दी में गर्मी के लिए शराब का सेवन है खतरनाक कई गुणा बढ़ जाता है हार्ट अटैक का खतरा स्वास्थ मंत्रालय भारत सरकार के डिप्टी कमिश्नर डॉ. सुशील कुमार विमल ने बचाव को लेकर दी महत्चपूर्ण जानकारी

राष्ट्रीय दैनिक समाचार पत्र उदय भूमि से बातचीत में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि हमारे समाज में लोगों के बीच यह मिथक है कि शराब पीने के बाद शरीर का तापमान बढ़ जाता है जिससे हमें गर्मी महसूस होती है। लेकिन सच्चाई यह है कि जब हम अधिक मात्रा में शराब का सेवन करते हैं तो शरीर का आंतरिक तापमान कम हो जाता है और धमनियां सिकुड़ जाती हैं। शरीर में ब्लड प्रेसर ( रक्तचाप )  बढ़ जाता है। अगर समय रहते शरीर के तापमान को नियंत्रित नहीं किया तो अकाल मृत्यु भी हो सकती है। सर्दियों में खतरनाक रक्त के थक्के बनने और प्लाक के फटने की संभावना अधिक रहती है जो दिल के दौरे का कारण बनती है।

उदय भूमि ब्यूरो
नई दिल्ली। यदि आप सर्दियों में ठंड से बचने और बॉडी को गर्म करने के लिए शराब का सेवन कर रहे हैं तो अलर्ट हो जाये। ठंड भगाने का यह नुस्खा आपकी सेहत के लिए खतरनाक है और जानलेवा हो सकता है। स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार के डिप्टी कमिश्नर डॉ. सुशील कुमार विमल ने लोगों को खतरे से आगाह करते हुए शराब और धूम्रपान से परहेज करने की अपील की है। डॉ. विमल का कहना है कि लोगों के बीच यह आम धारणा है कि शराब के सेवन से शरीर को गर्मी मिलती है और ठंड से बचाव होता है। लेकिन शराब का सेवन जितना अधिक किया जाएगा सर्दियों में हार्ट अटैक का खतरा उतना ही अधिक बढ़ जाता है। राष्ट्रीय दैनिक समाचार पत्र उदय भूमि से बातचीत में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि हमारे समाज में लोगों के बीच यह मिथक है कि शराब पीने के बाद शरीर का तापमान बढ़ जाता है जिससे हमें गर्मी महसूस होती है। लेकिन सच्चाई यह है कि जब हम अधिक मात्रा में शराब का सेवन करते हैं तो शरीर का आंतरिक तापमान कम हो जाता है और धमनियां सिकुड़ जाती हैं। शरीर में ब्लड प्रेसर ( रक्तचाप )  बढ़ जाता है। अगर समय रहते शरीर के तापमान को नियंत्रित नहीं किया तो अकाल मृत्यु भी हो सकती है। सर्दियों में खतरनाक रक्त के थक्के बनने और प्लाक के फटने की संभावना अधिक रहती है जो दिल के दौरे का कारण बनती है।
विगत कुछ दिनों से राजधानी दिल्ली सहित देश के विभिन्न हिस्सों में शीतलहर चल रही है। दिल्ली में ठंड के साथ प्रदूषण भी लोगों की सेहत पर खराब असर डाल रहा है। कई अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि सर्दी में हार्ट अटैक का खतरा 33 प्रतिशत बढ़ जाता है। ऐसे में अधिक खाना शराब का सेवन व धूम्रपान सेहत पर भारी पड़ सकता है। सर्दियों के मौसम में लोग अल्कोहल या शराब का सेवन ज्यादा करने लगते है। लोग मानते हैं कि शराब बॉडी को गर्म रखता है। लेकिन विशेषज्ञों की मानें तो शराब बॉडी को कुछ समय के लिए बेशक गर्म रखता हो लेकिन उसके बाद जब ठंड का सामना करना पड़ता है तो इसके साथ तालमेल बैठाने में शरीर को बहुत दिक्कत होती है। इस कारण से दिल का दौड़ा यानी हार्ट अटैक आने की संभावना बढ़ जाती है।

स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार के डिप्टी कमिश्नर डॉ. सुशील कुमार विमल ने बताया कि सर्दियों में ब्लड प्रेसर (रक्तचाप) के रोगियों का अनुपात बढ़ जाता है। क्योंकि कुछ सामान्य लोग उच्च रक्तचाप ( हायपरटेंसिव) की श्रेणी में परिवर्तित हो जाते हैं। सर्दियों में रक्तचाप कई कारणों से बढ़ जाता है जैसे तापमान में गिरावट, शारीरिक गतिविधि की कमी या वायु प्रदूषण आदि। जब तापमान गिरता है तो धमनियां संकीर्ण हो जाती हैं, जिसके कारण हृदय को अधिक काम करना पड़ता है, जिससे रक्तचाप बढ़ जाता है, खासकर बुजुर्गों में, उच्च रक्तचाप में वृद्धि के कारण दिल का दौरा और हृदय संबंधी समस्याएं पैदा हो सकती है। ठंड में सेहत का विशेष ख्याल रखने और हार्ट अटैक से बचने का सलाह देते हुए डॉ. विमल कहते हैं कि शराब एवं धूम्रपान से बचें और कैफीन का सेवन सीमित करें। 
शराब और कैफीन के सेवन से बचें क्योंकि ये शरीर की गर्मी को बाहर करते हैं जिससे उच्च रक्तचाप हो सकता है। खूब सारा पानी और अन्य हाइड्रेटिंग खाद्य पदार्थ पियें। घर के अंदर पर्याप्त हीटिंग होनी चाहिए, गरम कपड़े पहनने चाहिए और कपड़ों में बहुस्तरीय कपड़े होने चाहिए। एक जैकेट या एक ही कपड़े से शरीर की गर्मी को बाहर लूज करता है जिससे आपको ठंड का एहसास होता है और रक्तचाप बढ़ जाता है।
डॉ. विमल ने बताया कि सर्दियों में खानपान का भी ध्यान रखना चाहिये। अधिक सब्जियां, फल, कम वसा वाले डेयरी उत्पाद और मध्यम मात्रा में लीन मीट, मछली और व्होल ग्रेन्स लेना चाहिए। नमक का उपयोग कम से कम करना चाहिये। व्यायाम हल्के से मध्यम मात्रा में करना चाहिए, क्योंकि ज्यादा व्यायाम आपकी समस्या को और भी गंभीर बना सकता है। लोगों को विटामिन डी की खुराक लेनी चाहिए यह सर्दियों में महत्वपूर्ण है। क्योंकि इस मौसम में विटामिन डी का स्तर कम हो जाता है, जिससे रक्तचाप बढ़ जाता है। इसके अलावा जहां तक संभव हो गंभीर प्रदूषण स्तर वाले क्षेत्रों से बचना चाहिए क्योंकि प्रदूषण शरीर में एंडोथेलियम हार्मोन के स्राव को ट्रिगर कर सकता है जो रक्तचाप बढ़ा सकता है।