ग्रेटर नोएडा की हर छोटी बड़ी समस्या पर रहेगी CEO एनजी रवि कुमार की नजर शहर को पांच जोन में बांट कर देंगे सुविधाएं

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार शहर की सुविधाओं को दुरुस्त करने में जुटे हैं। वह हर छोटी-बड़ी समस्या पर खुद नजर रख रहे हैं और उसी के अनुरूप कार्ययोजना बनाकर अमल करा रहे हैं। नागरिक सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए शहर को पांच जोन में बांटेंगे। पहले चरण में सफाई और सीवर प्रबंधन को दुरुस्त किया जाएगा।

ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार शहर की सुविधाओं को दुरुस्त करने में जुटे हैं। वह हर छोटी-बड़ी समस्या पर खुद नजर रख रहे हैं और उसी के अनुरूप कार्ययोजना बनाकर अमल करा रहे हैं। नागरिक सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए शहर को पांच जोन में बांटेंगे। पहले चरण में सफाई और सीवर प्रबंधन को दुरुस्त किया जाएगा। इन सुविधाओं के लिए हर जोन के लिए अलग कंपनी काम करेगी। अभी तक शहर में इन सुविधाओं को मुहैया कराने के लिए कई-कई कंपनियां काम कर रही हैं। इससे गुणवत्ता पर असर पड़ता है।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने बताया कि वर्तमान में शहर को आठ वर्क सर्किल में बांटकर नागरिक सुविधाएं मुहैया कराता है। इसमें कई कंपनियां सीवर रखरखाव, सड़क सफाई और घर-घर कचरा एकत्र जैसे कार्यों का प्रबंधन करती हैं। मुख्य सड़कों और सर्विस सड़कों की सफाई भी अलग-अलग कंपनी करती हैं। एक ठेकेदार सड़क साफ़ करता है तो दूसरा घरों से कचरा उठाता है। सफाई ठेकेदार कचरा सड़क पर फेंक देता है। ऐसे में यह तय करना मुश्किल होता है कि जुर्माना किस पर लगाया जाए। समन्वय करने में भी कठिनाई आती है। इसको देखते हुए सीईओ ने बड़े बदलाव की तैयारी शुरू कर दी है। शहर को पांच क्षेत्रों में विभाजित करके और एकीकृत सेवाएं प्रदान करने का लक्ष्य तय किया है।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने शहर को पांच क्षेत्रों में विभाजित किया है। यह ग्रेटर नोएडा वेस्ट से शुरू होता है। पहले जोन में सेक्टर-1, 2, 3, 4, 16, गौड़ सिटी आदि क्षेत्र शामिल किए गए हैं। दूसरे जोन में दादरी-सूरजपुर-छलेरा रोड तक फैला हुआ है। इसमें हबीबपुर, सूरजपुर गांवों के अलावा इकोटेक सेक्टर-1, 2, 3 , 4 आदि शामिल है। तीसरे जोन में डीएससी रोड और नॉलेज पार्क-4 के बीच के क्षेत्र को कवर करता है। इसमें प्राधिकरण कार्यालय और सेक्टर अल्फा, बीटा, ईटा आदि शामिल है। चौथा ज़ोन कासना तक है। इसमें ओमिक्रॉन, ओमेगा, पाई, सिग्मा, परी चौक, जेपी ग्रीन्स आदि शामिल है। पांचवें जोन में नए विकसित औद्योगिक क्षेत्र शामिल हैं। इसमें ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के साथ इकोटेक एक्सटेंशन-1, 4, 5, 6, 10, 11, आदि टेकजोन-2 शामिल है।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने सबसे पहले सीवर प्रबंधन को पांच जोन में पुनर्गठित करने का निर्देश दिया जा चुका है। प्रत्येक जोन को एक ठेकेदार मिलेगा। इसी तरह सफाई के लिए भी योजना बनी है। एक जोन में एक ही कंपनी काम करेगी। तय कंपनी को अपने जोन में मुख्य सड़कें, सर्विस रोड, सेक्टर, बाजारों से कचरा उठाना आदि शामिल रहेगा। इससे चयनित कंपनी की जवाबदेही सुनिश्चित की जा सकेगी। प्राधिकरण प्रत्येक जोन के लिए एक वरिष्ठ प्रबंधक नियुक्त करेगा। वह ओएसडी को और ओएसडी एसीईओ को रिपोर्ट करेगा। अधिकारियों ने कहा कि इस नई प्रणाली का उद्देश्य सेवाओं को सुव्यवस्थित करना है। साथ ही प्रबंध कंपनियों को उनके काम के लिए जवाबदेह बनाना है। अधिकारियों ने बताया कि सीवर, सफाई के बाद गंगाजल आपूर्ति और स्ट्रीट लाइट को व्यवस्थित किया जाएगा। इसमें भी एक काम के लिए एक जोन में एक कपंनी ही काम कर सकेगी।