सरकारी विभागों पर निगम का 211 करोड़ संपत्ति टैक्स बकाया

-संपत्तिकर की वसूली के लिए बकाएदारों को फिर से नोटिस जारी

गाजियाबाद। आखिर नगर निगम छोटे हो या बड़े टैक्सदाता से संपत्ति कर वसूलने में कुर्की तक की कार्रवाई करने से गुरेज नहीं करता है, मगर केंद्र और प्रदेश सरकार के सरकारी विभागों पर पिछले दो साल से संपत्तिकर का बकाया चला हुआ आ रहा है। मगर इनके खिलाफ कैसे कार्रवाई और संपत्ति कर कैसे जमा कराया जाए। यह नगर निगम अधिकारियों के बूते से बाहर दिख रहा है। सरकारी विभागों की बात करें तो इन पर नगर निगम का संपत्ति कर 211 करोड़ रुपए से अधिक का बकाया होने के बाद भी यह सरकारी विभाग संपत्ति कर बकाया जमा नहीं कर रहे हैं। ऐसे में संपत्ति टैक्स की वसूली करना नगर निगम के लिए चुनौती बना हुआ है।

सरकारी विभागों पर 211 करोड़ 99 लाख 8067 रुपए बकाया जमा न होने से विकास कार्य एवं योजनाएं कैसे पूरी हो पाएंगी। इन बकाएदारों की सूची में दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) से लेकर रेलवे विभाग, जीडीए, विद्युत विभाग समेत अन्य विभाग शामिल हैं। इन विभागों द्वारा वित्तीय वर्ष-2020 से लेकर अभी तक बकाया जमा नहीं किया हैं। नगर निगम के टैक्स विभाग के अधिकारी अब संपत्तिकर की वसूली के लिए बकाएदारों को फिर से नोटिस जारी कर रहे हैं। ताकि जल्द सरकारी विभागों के कार्यालय में भी नगर निगम के अधिकारी वसूली करने के लिए पहुंच सकें। नगर निगम में फंड की कमी होने से इसका असर अब योजनाओं पर भी पड़ रहा है।

बायोडायवर्सिटी पार्क का निर्माण कार्य रोक दिया गया। औद्योगिक क्षेत्रों में सभी सड़कों का निर्माण पूरा नहीं हो सका। पथ प्रकाश की व्यवस्था दुरूस्त करने के लिए स्ट्रीट लाइट नहीं खरीदी जा सकी। बकाया भुगतान न होने की वजह से ठेकेदार भी टेंडर डालने से कतरा रहे हैं। नगर निगम के सभी पांचों जोन क्षेत्र की बात करें तो सबसे ज्यादा बकाया निगम के वसुंधरा जोन क्षेत्र में 115 करोड़ रुपए से अधिक का संपत्ति कर बकाया है।जबकि सिटी जोन क्षेत्र में 65 करोड़ रुपए से अधिक का बकाया है। जबकि मोहननगर जोन क्षेत्र में 47 करोड़ रुपए से अधिक का संपत्ति कर बकाया है।

नगर आयुक्त डॉ. नितिन गौड़ भी संपत्ति कर बकाया जमा कराने के लिए टैक्स विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर लगातार समीक्षा भी कर रहे है। वहीं सभी जोनल प्रभारियों को संपत्ति कर की वसूली तेजी से करने के निर्देश दे चुके हैं। नगर निगम के मुख्य कर निर्धारण अधिकारी डॉ. संजीव सिन्हा का कहना है कि केंद्र और प्रदेश सरकार के सरकारी विभागों पर निगम का करीब 211 करोड़ 99 लाख 8067 रुपए संपत्ति कर बकाया है। इन विभागों को अब वसूली करने के लिए नोटिस जारी किए जा रहे है। सरकारी विभागों से वसूली में तेजी लाने के लिए सभी जोनल प्रभारियों को निर्देश दिए गए है। इसके अलावा नोटिस जारी कर डिमांड भी भेजी जा रही है। मगर सरकारी विभागों द्वारा संपत्ति कर का बकाया जमा नहीं किया जा रहा हैं।

नगर निगम के पांच जोन:
कविनगर जोन-29.27 करोड़ बकाया, डिमांड-36.68 करोड़, मोहननगर जोन-बकाया-45.93 करोड़, डिमांड-29.83 करोड़, वसुंधरा जोन-बकाया-112.41 करोड़,डिमांड-85.41 करोड़,विजयनगर जोन-बकाया-11.13 करोड़,डिमांड-14.27 करोड़,सिटी जोन-बकाया-61.89 करोड़,डिमांड-39.27 करोड़ रुपए वित्तीय वर्ष-2023-24 की है।

सरकारी विभागों पर संपत्तिकर बकाया:
डीएमआरसी-54,56,09171करोड़, हिंडन एयरफोर्स-20,96,64 हजार। मानव संसाधन विकास केंद्र-115565016,रेलवे विभाग-85474864, सीआईएसएफ-25660665,केंद्रीय लोक निर्माण विभाग-18263801,दूर संचार विभाग राजनगर-11085534,एएलटीटीसी कमला नेहरूनगर-9748392,प्रधान डाकघर नवयुग मार्केट-7955833,नार्दन इंडिया टैक्सटाईल रिसर्च सेंटर-5403020 समेत कुल केंद्र सरकार के सरकारी विभाग पर 103,44,30,296 रुपए बकाया हैं।

प्रदेश सरकार के सरकारी विभाग:
विद्युत विभाग-924569925, जिलाधिकारी कार्यालय व जिला पंचायत अध्यक्ष-61101833,जीडीए-58453937,नलकूप खंड-6285659,जिला गन्ना अधिकारी-5621781,विद्यालय कॉलेज-4271266,उत्तर प्रदेश लघु उद्योग निगम-4092066,संयुक्त जिला अस्पताल संजयनगर-3570336,पीडब्ल्यूडी निर्माण खंड-2,बकाया-3386020, कृषि बीज केंद्र-1781353,उप श्रमायुक्त-1705403,जिला महिला चिकित्सालय-1106207,लोक निर्माण विभाग-621985 समेत कुल 107,65,67,771 रुपए समेत संपत्ति कर सरकारी विभागों पर बकाया हैं। इन्हें अब नोटिस भेजे जा रहे हैं।