टोल प्लाजा के लिए एक जनपद एक पास की उठी मांग

उदय भूमि ब्यूरो
पिलखुवा।
हापुड़ जनपद में अब तीन टोल प्लाजा है जनपद वासियों को  दूसरे जनपद में जाने मैं  प्रत्येक टोल प्लाजा पर अपने ही जनपद में  टोल चुकाना होता है। पिलखुवा के आस-पास यदि रामा अस्पताल में भी लोग अपना इलाज कराने जाएं। तो उनको टोल चुकाना पड़ रहा है।  इससे लोगों में रोष है लोगों का मानना है कि एक जनपद एक पास  की व्यवस्था होनी चाहिए। उदय भूमि ने जब कुछ लोगों से  टोल प्लाजा के संबंध में विचार सांझा किए। तो उनकी प्रतिक्रिया  कुछ इस प्रकार थी। यहां एक छोटे जनपद में तीन-तीन टोल प्लाजा बना दिए गए हैं। आने जाने में लोगों को अपनी इतनी जेब ढीली करनी पड़ती है। कि वह इतना कमा भी नहीं पा रहे हैं। शासन और प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। छिजारसी टोल प्लाजा गढ़मुक्तेश्वर टोल प्लाजा तथा अल्लाह बख्शपुर टोल प्लाजा और कुराना स्थित टोल प्लाजा से रोजाना जनपद के लोग गुजरते हैं। यहां केवल एक टोल प्लाजा का लोकल पास बनाया जाता है। अन्य दो टोल प्लाजा पर यह काम नहीं करता। जिससे लोगों में रोष है। जनपद वासियों ने एक जनपद एक पास के लिए आंदोलन की रणनीति बनानी प्रारंभ कर दी है। नगर पालिका परिषद के पूर्व चेयरमैन भारत कुमार कहते हैं। कि यदि पिलखुवा शहर से अपने इलाज के लिए केवल 3 किलोमीटर रामा हॉस्पिटल तक ही जाना पड़े तो उन्हें गाड़ी में दोनों तरफ से आने जाने पर ढाई सौ रुपए टोल देना पड़ता है। जबकि गाजियाबाद से आने वाले को कोई टोल नहीं देना पड़ता। आसपास के  लिए यह टोल जनता पर बहुत बड़ा भार है। सरकार को चाहिए कि गरीबों को राहत मिले। भारतीय किसान संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष मनोज सिंह तोमर ने बताया भाजपा जनपद हापुड़ के लोगों का आर्थिक शोषण कर रही है। उन्हें जिधर भी जाना होता है। टोल देना होता है जिससे उनकी जेब ढीली हो रही है। आमदनी के स्रोतों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। जनहित में जनपद के सभी टोल प्लाजा पर एक लोकल पास की व्यवस्था होनी चाहिए। जिससे उन्हें अनावश्यक खर्चों के लिए भुगतान न करना पड़े। डूहरी निवासी अजीत तोमर कहते हैं कि शासन को जनपद हापुड़ के स्थाई निवासियों को टोल प्लाजा पर शुल्क से मुक्ति होनी चाहिए। लेकिन यहां तो मुक्ति दूर तीनों टोल प्लाजा पर एक पास भी नहीं चलता। इससे जनपद वासियों का आर्थिक शोषण हो रहा है। शासन को एक टोल प्लाजा डिस्टिक बुलंदशहर एक टोल प्लाजा डिस्टिक हापुड़ तथा एक टोल प्लाजा डिस्टिक गाजियाबाद में करना चाहिए था। लेकिन तीनों टोल प्लाजाओं को एक ही जनपद में किए जाने से हापुड़ जनपद की लोगों को बहुत परेशानी हो रही है। यह सरकार द्वारा हापुड़ का विकास नहीं विनाश है। इसे रोज झेलना पड़ता है। गीता स्टडी सर्कल के डायरेक्टर यजुवेंद्र तोमर कहते हैं। कि केवल एक्सप्रेसवे की लाइनों पर टोल टैक्स वसूली होनी चाहिए। जबकि लोकल के लिए टोल माफ रहना चाहिए। आज खेतों पर जाने तथा अस्पताल में इलाज कराने के लिए भी टोल चुकाना पड़ रहा है। जो तर्कसंगत नहीं है।