ठेंगे पर शिक्षा विभाग का आदेश, बिना मान्यता के चल रहा स्कूल

-शिक्षा विभाग के नोटिस के बाद भी नही हुआ कोई असर

गौतम बुद्धनगर। दिल्ली से सटे गौतमबुद्धनगर में बिना मान्यता के स्कूल का संचालन कर सैकड़ों छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा हैं। सिस्टम की लाचारी कहें या फिर शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत, कारण चाहे कुछ भी हो। लेकिन सच्चाई यहीं है कि नियमों को ताख पर रख बिना किसी खौफ के सेक्टर-81 गांव सालारपुर नोएडा स्थित शिवशक्ति एजुकेशन एकेडमी का संचालन हो रहा है। शिक्षा विभाग भी दिखावे के लिए सिर्फ कागजों में कार्रवाई करता हुआ दिखाई दे रहा हैं। मामला संज्ञान में आने के बाद भी शिक्षा विभाग ने नोटिस जारी कर अपना पल्ला झाड़ लिया। जबकि शिक्षा विभाग की उदासीनता के चलते सैकड़ों बच्चों का भविष्य अधर में लटका हुआ हैं।

गौतमबुद्धनगर के शिक्षा विभाग ने सेक्टर-81 गांव सालारपुर नोएडा स्थित शिवशक्ति एजुकेशन एकेडमी को करीब डेढ माह पूर्व नोटिस जारी किया गया। पूर्व में इस स्कूल की बिसरख के खंड शिक्षा अधिकारी ने जांच की थी जिसमें स्कूल प्रशासन पर मान्यता सम्बंधी दस्तावेज नहीं पाए गए थे। इस स्थिति में यदि कोई स्कूल बिना मान्यता के संचालित होता है तो एक लाख रुपए जुर्माना और नियमों का उल्लंघन लगातार किए जाने पर दस हजार रुपए प्रतिदिन का जुर्माना निर्धारित किया जाता है। जांच के बाद विभाग द्वारा स्कूल को नोटिस जारी किया गया था, लेकिन उसके बाद भी एजुकेशन एकेडमी के संचालक बिना किसी डर के संचालन कर रहा हैं।

नए सत्र 2023-23 शुरू हो रहा है, ऐसे में स्कूल नए बच्चों का दाखिला न लें इसके लिए स्कूल प्रबंधन को फिर से शिक्षा विभाग ने नोटिस जारी किया है। साथ ही स्कूल में नामांकित बच्चों को उनके घर के समीप ही बच्चों को दाखिल कराया जाए। आरोप है कि स्कूल की संचालिका प्रतिभा सिंह, सहसंचालिका अंकित शुक्ला को चार-पांच बार नोटिस दिए जारी करने के बाद भी स्कूल का संचालन लगातार जारी हैं। पूर्व में नोटिस दिए जाने के बाद भी स्कूल के संचालक उसे बंद नही कर रहा हैं। जिसकी वजह से स्कूल में पढऩे वाले बच्चों का भविष्य दांव पर लग गया है। बिना मान्यता के स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्रों को आगे चलकर परेशानी उठानी पड़ सकती है। उनके द्वारा जारी परीक्षा परिणाम को स्वीकार नहीं किया जाएगा, तो वहीं टीसी आदि भी अन्य स्कूलों में मान्य नहीं मानी जाएंगी, लेकिन शिक्षा विभाग सिर्फ नोटिस दिए जाने तक सीमित रह गया है।

सूत्रों का कहना हैं कि स्कूल के संचालन में किसी रसूखदार, सत्ताधारी नेता और शिक्षा विभाग के अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त हैं। जिनका कहना हैं कि नोटिस से कुछ नही होता है, बाद में इसमें समझौता करा देंगे। बता दें कि शिक्षा विभाग भी सिर्फ दिखावे के लिए कागजों में ही अपनी कार्रवाई करता नजर आता हैं, धरातल पर कोई कार्रवाई होती नजर नही आती हैं। खंड शिक्षा अधिकारी भी जांच के नाम पर अपनी जेब गरम करते नजर आते हैं। अगर शिक्षा विभाग ने समय पर कार्रवाई नही की तो न जाने कितने सैकड़ों बच्चों का जीवन अंधकार की ओर चला जाएगा।