उद्यमियों ने दिया करोड़ों का राजस्व लेकिन मूलभूत सुविधाएं देने में भी यूपीएसआईडीसी है असमर्थ

– यूपीएसआईडीसी के औद्योगिक क्षेत्र मे मूलभूत सुविधाओं का टोटा
– सुविधाओं के नाम पर आंख मूंदे है सरकार, बैंक और फॉयर स्टेशन की है कमी
-सड़क बनाना तो दूर औद्योगिक क्षेत्र में गड्ढे तक नही भरे जाते

उदय भूमि ब्यूरो
धौलाना। मसूरी-गुलावठी मार्ग स्थित औद्योगिक क्षेत्र पूरे देश में अपनी अलग पहचान रखता है इस औद्योगिक क्षेत्र से सरकार करोड़ों रुपए का राजस्व वसूलती है। लेकिन उत्तर प्रदेश स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन का यह औद्यगिक क्षेत्र अपनी बदहाली  आंसू बहा रहा है। यहां की समस्याओं को न तो यूपी एसआईडीसी ने दूर करने की सुध ली न ही शासन प्रशासन ने इस ओर ध्यान दिया। आलम यह है कि इस औद्योगिक क्षेत्र की बदहाली का मामला आज तक किसी जनप्रतिनिधि ने नही उठाया। यहां के हालातों का जायजा लिया जाए तो हर कोई हैरान हो सकता है। उदय भूमि ने जब इस औद्योगिक क्षेत्र का जायजा लिया तो स्थिति सामने आई कि औद्योगिक क्षेत्र के हालात बद से बदतर है। जिस यूपीएसआईडीसी में संचालित  ईकाइयों से सरकार को करोड़ों का राजस्व मिलता है, उसी कामधेनु सयंत्र को सुविधाओं से लैस करने की जगह सरकार उपेक्षित कर रही है। यही दर्द उद्यमियों को खल रहा है। फेस टू में फैक्ट्री चला रहे बबलू चौधरी का कहना है कि औद्योगिक क्षेत्र यूपीएसआईडीसी में वाहन लेकर निकलना एक चुनौती बन गया है। सड़को के नाम पर यंहा गहरे गड्ढे हैं। इसके अतिरिक्त गंदगी के आलम ने इस क्षेत्र को और भी बदतर कर दिया है। औद्योगिक क्षेत्र को विकसित हुए 20 वर्ष से भी अधिक का समय बीत चुका है। देश की कई नामी कंपनियां इस क्षेत्र में काम कर रही है। हजारों की तादाद में श्रमिक हर रोज इन उद्योगों में काम करने के लिए जाते हैं। करोड़ों रुपये का राजस्व देने के बावजूद आजतक भी औद्योगिक क्षेत्र की बदहाली को दूर करने की सुध नहीं ली गई है। उद्यमी अजय चौहान बताते हैं कि सरकारें आती जाती रही। मगर  समस्याए जस की तस रही। यूपीएसआईडीसी में बनी सड़को पर जल भराव की स्थिति से लोगों का काफी परेशानी हो रही है, गड्ढे और गहरे हो गए हैं। गड्ढों में तब्दील हो चुकी जर्जर सड़कों का नजारा तालाबों जैसा दिखता है। उद्यमी अजय अग्रवाल का कहना है कि यहां सड़क बनाना तो दूर यहां गड्ढे तक नही भरे जाते है। निरंतर लापरवाही दुर्घटनाओं को न्यौता देती है। औद्योगिक क्षेत्र की कोई सड़क नहीं रही है चलने योग्य नहीं रही है। विभागों को चाहिए कि सड़कों को शीघ्र गड्ढा मुक्त करें।
एमजीआर इंड्रस्ट्रियल एसोसिएशन अध्यक्ष दीपक शर्मा का कहना है कि फेस एक ,दो तीन में यहां सड़क के नाम पर गड्ढे मिट्टी कंकड़ पत्थर नजर आएंगे पहले से ही जर्जर सड़क को बारिश ने गड्ढों में तब्दील कर दिया है। जिससे वाहन चालकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। प्रतिदिन इस रोड पर वाहन खराब हो रहे हैं बारिश के समय खराब हुई सड़क का पैचअप कार्य तक नहीं किए गए। वर्तमान हालातों में कोई भी उद्यमी यहां उपलब्ध मूलभूत सुविधाओं की हालत देखकर उद्योग लगाने में रुचि नहीं दिखा रहा। यंहा बैकं कमी है व फायर स्टेशन के अभाव मई प्रति वर्ष कोई न कोई  उद्योग आग से स्वाहा हो जाता है। जो को उद्यमियों को खलता है। जर्जर सडके,पार्को व नालों की दुर्दशा किसी से छिपी नहीं है। स्ट्रीट लाइटों के  रख  रखाव की बात बेमानी है।