गौतम पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल में मनाया गया पर्यावरण दिवस

-पौधरोपण करने के बाद देखभाल करना भी बेहद जरूरी: पूनम गौतम
– शहर को स्वच्छ एवं सुंदर बनाने के लिए बदलनी होगी आदत: आशीष गौतम

गाजियाबाद। पर्यावरण बचाने के लिए प्रयास करने होंगे। पौधारोपण के साथ उनकी देखभाल का भी संकल्प लेना होगा। ऐसा नहीं होना चाहिए कि पौधरोपण करने के बाद देखभाल करना भूल जाएं। समाज पर्यावरण संरक्षण के प्रति गंभीर नहीं है। इसका नुकसान भी उठाना पड़ रहा है। पर्यावरण संरक्षण के प्रति लगातार अभियान चलाने की आवश्यकता है। जिसकी शुरुआत हमें अपने घर या फिर प्रतिष्ठान से करनी होगी। उक्त बातें सोमवार को विश्व पर्यावरण दिवस पर गौतम पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल पी ब्लॉक प्रताप विहार में स्कूली बच्चों के साथ पौधा रोपित करते हुए प्रधानाचार्य पूनम गौतम ने कहीं। उन्होंने पर्यावरण दिवस पर प्रकाश डालते हुए बताया कि हर वर्ष 5 जून का दिन विश्व भर में पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया जाता है।

इसकी शुरुआत 1972 में 5 जून से 16 जून तक संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा आयोजित विश्व पर्यावरण सम्मेलन से हुई। 5 जून 1973 को पहला विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया। हर साल पर्यावरण दिवस की थीम भी तय की जाती है। इस बार की थीम है- सॉल्यूशन टू प्लास्टिक पॉल्यूशन यानी प्लास्टिक पॉल्यूशन हैश टैग के साथ अभियान भी चलाया जा रहा है। इसका उद्देश्य प्लास्टिक से पर्यावरण को हो रहे नुकसान के प्रति लोगों को जागरूक करना है। प्लास्टिक पर्यावरण संरक्षण के लिए खतरा है। प्लास्टिक वेस्ट पर्यावरण, स्वच्छता व मानव के स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर समस्या है। जिसके लिए हमें प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध लगाना होगा। इस दौरान स्कूल के शिक्षकों व बच्चों ने फलदार एवं फूलों के 50 से अधिक स्कूल परिसर में पौधे रोपित किए।

डायरेक्टर आशीष गौतम ने कहा वर्तमान समय में पौधारोपण करने की बहुत आवश्यकता है। कोरोना काल में इसका पता भी लगा है। इससे सीख लेनी चाहिए और पौधारोपण बढ़-चढ़ कर करना चाहिए। पर्यावरण बचाना ही हमारा धर्म है। शहर को स्वच्छ एवं सुंदर बनाने के लिए लोगों को पहले अपनी खुद की सोच और आदत बदलनी होगी। उपप्रधानाचार्य तनूजा ने बच्चों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करते हुए कहा पर्यावरण सुरक्षा और उसमें संतुलन हमेशा बना रहे इसके लिए हमें जागरूक व सचेत रहना होगा।

प्रत्येक प्रकार के हानिकारक प्रदूषण जैसे जल, वायु, ध्वनि, इन सब खतरनाक प्रदूषण से बचने के लिए कदम उठाने की जरूरत है। तभी हम अपनी धरती को बचा सकेंगे और उसकी सुंदरता को बढ़ा सकेंगे। वैसे तो हम नदियों को मां मानते हैं, लेकिन दूसरी तरफ लोग नदियों को दूषित भी कर रहे हैं। नदियों को दूषित होने से बचाना है। इसकी शुरुआत हमें अपने घर से ही करनी है। स्वयं जिम्मेदारी लेकर आगे बढ़ना है। धरती ही हमारा घर है और हमे इसे हर हाल में बचाना है। अपनी धरती की आस्तिव को बनाए रखने के लिए और पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए हर संभव प्रयास करें।