जीडीए में अधिकारियों को सुधारने की कवायद शरू

– ओएसडी संजय के पर कतरे, भूमि अर्जन अनुभाग के प्रभारी के पद से हटाया

उदय भूमि ब्यूरो
गाजियाबाद। सीनियर आईएएस अधिकारी कृष्णा करूणेश के गाजियाबाद विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष का चार्ज संभालने के बाद व्यवस्था सुधारने की कवायद शुरू हो गई है। जीडीए में मजबूत और रसूखदार माने जाने वाले विशेष कार्यअधिकारी (ओएसडी) संजय कुमार के कार्यक्षेत्र में कटौती की गई। भूमि अर्जन विभाग का काम संजय कुमार से हटाकर ओएसडी सुशील कुमार चौबे को सौंपी गई है। जीडीए सचिव संतोष कुमार राय ने आदेश जारी कर तत्काल इस पर अमल करने का निर्देश दिया है। इस परिवर्तन को जीडीए में व्यवस्था सुधारने की शुरूआत कही जा रही है। आने वाले समय में काम के प्रति लापरवाह और विभाग को नुकसान पहुंचाने वाले कई अधिकारियों के पर कतरे जाएंगे। दरअसल जीडीए पिछले काफी समय से एक बदनाम विभाग बना हुआ है। शासन स्तर पर भी जीडीए की अव्यवस्थाएं और बदहाली को लेकर चिंताएं जताई जाने लगी थी। प्रदेश के साधन संपन्न विभागों में गिने जाने वाले गाजियाबाद विकास प्राधिकरण अव्यवस्थाओं का इस कदर शिकार हुआ कि उसे कई बार कर्मचारियों की तनख्वाह देने के लिए मोहताज होना पड़ा। इसके बावजूद व्यवस्था सुधारने की कवायद नहीं हुई। चेहेतों और काम को लेकर बेपरवाह अधिकारियों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपे जाने का परिणाम यह हुआ कि जीडीए की माली हालात सुधरने के बजाय बिगड़ते चले गये। कई अधिकारियों को साइडलाइन करके और शंटिंग में डालकर सिर्फ चहेतों को मलाईदार पोस्टिंग दी गई। शासनादेश के विपरीत जाकर प्रवर्तन, संपत्ति कंप्यूटर, विज्ञापन, भू-अर्जन, निर्माण सहित अन्य विभागों में मनमानी तैनाती हुई। मधुबन बापूधाम आवासीय योजना जीडीए की महत्वाकांक्षी योजना है। लेकिन इस योजना को लेकर भी लापरवही बरती गई। किसानों का मुआबजा, भू-अर्जन सहित कई अन्य शिकायतें लगातार बढ़ रही थी। जीडीए उपाध्यक्ष का चार्ज संभालने के बाद कृष्णा करूणेश ने स्पष्ट कर दिया था कि संस्थान का हित सर्वोपरि होता है और सभी अधिकारी एवं कर्मचारी को समझना होगा कि जीडीए का हित सबसे आगे है। जीडीए की माली हालत सुधारने और उसे वापस पटरी पर लाने के लिए हर तरीके को अपनाया जाएगा। बहरहाल जीडीए सचिव द्वारा जारी ताजा आदेश को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है और आने वाले समय में व्यापक पैमाने पर तब्दीलियां देखने को मिलेंगी।