जिले में सक्रिय जालसाज, एसिड अटैक पीडि़त से 4.85 लाख की ठगी

-दुकान बेचने के नाम पर लिए लाखों रुपए, रुपये वापस मांगने पर सत्ताधारी नेताओं का रसूख दिखाकर अब दे रहा है धमकी

गाजियाबाद। जालसाजों ने दुकान बेचने के नाम पर एसिड अटैक पीडि़त से करीब पौने पांच लाख रुपए ठग लिए। पीडि़त को न तो दुकान दी और न ही रुपए लौटाये। रुपए वापस मांगने पर अब पीडि़त को अंजाम भुगतने की धमकी दी जा रही। बताया जा रहा है अपराधियों को सत्ताधारी नेताओं का संरक्षण प्राप्त है। जिस कारण पुलिस भी कार्रवाई करने से बच रही है। एसिड पीडि़त को मदद मिले यह भले ही सरकार की प्राथमिकता हो लेकिन यहां पीडि़त न्याय के लिए भटक रहा है।
ऐसे में सवाल उठ रहा है कि कैसे पीडि़तों को न्याय मिले जब सत्ताधारी दल के नेता ही पीडि़त की मदद करने के बजाय आरोपियों का साथ देने में लगे हैं। ऐसा ही एक मामला एसिड अटैक पीडि़त का है।

जहां शातिरों ने पहले उसे अपने झांसे में लेकर दुकान देने का लालच दिया। पीडि़त ने भी रिश्तेदारों से उधार रुपए लेकर शातिरों को दुकान की एवज में बयाने के तौर पर लाखों रुपए दे दिए। मगर जब समयानुसार उसका बैनामा नही हुआ तो पीडि़त शातिरों के पास पहुंचा। फिर शातिरों ने अपना असली खेल दिखाना शुरु कर दिया। पीडि़त को पहले दो, चार माह तक दुकान का बैनामा करने की बात कहकर टालते रहे। फिर बाद में दुकान बेचने से मना कर दिया और रुपए भी देने से मना कर दिया। जबकि रुपयों का सभी लेनदने कागजों में हुआ। जब पीडि़त ने शातिरों से रुपए मांगे तो पहले उसे धमकाया फिर सत्ताधारी नेताओं से दबाव बनाना शुरु कर दिया।

बताया जा रहा है कि शातिरों का यह कारनामा कोई पहला नही है। न जाने कितने लोगों को अपने जाल में फंसाकर लाखों रुपए की ठगी कर चुके है। एक तरफ योगी सरकार के नेता आरोपियों को जेल और पीडि़तों को न्याय दिलाने की बात करते है और दुसरी तरफ कुछ सत्ताधारी नेता अपनी पॉवर का गलत इस्तेमाल करने से नही चूक रहे हैं। एसिड अटैक पीडि़त व्यक्ति ने शातिर जालसाजों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर मुख्यमंत्री, डीजीपी, जिलाधिकारी, पुलिस कमिश्नर एवं घंटाघर कोतवाली पुलिस को पत्र देकर कार्रवाई की मांग की है।

एसिड अटैक पीडि़त अमित कुमार पुत्र राजकुमार निवासी सोहन लाल सिहानीगेट घंटाघर कोतवाली क्षेत्र में अपने परिवार के साथ रहते है। पीडि़त का कहना है कि घर के सामने एक किराये की दुकान में अपना जीवन यापन करने के लिए सर्राफा का काम करता था। वहीं एक दिन अमित कुमार पुत्र राम किशन निवासी न्यू कोर्ट गांव उसकी दुकान पर आया और गोल मार्किट गुफा वाला मंदिर घंटाघर पर दुकान बेचनी की बात कहीं। जहां 28 लाख में दुकान देने की बात तय हुई। पीडि़त ने बयाने के तौर पर अमित कुमार को 8 अप्रैल 2021 को 85 हजार रुपए नगद दे दिए। एग्रीमेंट के समय 4 लाख रुपए और एग्रीमेंट की शर्त के अनुसार 27 अप्रैल 2021 को दे दिए। बाकी रुपए बैनामा कराने पर देने की बात हुई।

पीडि़त से दुकान देने की एवज में 4 लाख 85 हजार रुपए ले लिए गये। एग्रीमेंट के अनुसार दोनों पक्षो में 8 माह में दुकान का बैनामा करने की बात तय हुई थी। मगर जब समयानुसार पीडि़त ने दुकान का बैनामा करने की बात कहीं तो दुसरे पक्ष अमित कुमार ने दुकान का बैनामा करने से मना कर दिया। जब रुपए वापस मांगे तो अमित कुमार व उसका परिवार पीडि़त से मारपीट करने लगा। इस बीच अमित कुमार ने पीडि़त को 4 लाख 85 हजार रुपए का यूनियन बैंक खाते का चेक नंबर 079440 का 12 दिसंबर 2022 का चैक दिया। आरोप है कि जब पीडि़त ने उक्त चेक को अपने खाते में डाला तो वह चैक कैंसिल हो गया। उसके बाद पीडि़त ने जब यह बात दुसरे पक्ष को बताई तो उसने रुपए देने से मना कर दिया और कहा कि तेरे रुपए नही मिलेंगे। हमारी पुलिस और भाजपा सरकार में अच्छी पकड़ है। तेरी कोई नही सुनेगा, अगर तूने कहीं शिकायत की तो उसका अंजाम बहुत बुरा होगा। गौरतलब हो कि युवक एसिड अटैक पीडि़त है। इस मामले में पीडि़त ने आलाधिकारियों एवं मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है। सूत्रों का कहना है कि अमित कुमार का भाई वैभव उर्फ गोलू की भाजपा संगठन में अच्छी पकड़ है।

जिसके चलते पुलिस कार्रवाई करने से बचती नजर आ रही हैं। ठगी का यह कोई पहला मामला नही है। आरोपी ने इससे पूर्व गत 26 जनवरी 2022 को अपने मालिक विनोद धमिजा की कंपनी कान्हा ट्रेडिंग कंपनी से करीब 48 लाख रुपए की ठगी कर चुका है। जब इसका खुलासा हुआ तो वहां आरोपी ने कार्रवाई से बचने के लिए पहले 10-10 लाख के चार चैक दे दिए। उसके बाद हथियारों के बल पर आरोपी ने अपने भाई व व्यापारियों के साथ मिलकर चेक छीन लिया। जिससे कोई सबूत न रह जाए। जिसकी शिकायत पूर्व में पीडि़त विनोद धमिजा ने सिहानी गेट थाने में की है। मगर सत्ताधारी का संरक्षण प्राप्त होने के चलते अभी तक कोई कार्रवाई नही की गई। जब पीडि़त को न्याय नही मिला तो पीडि़त ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और मामला अब विचारधीन है। बताया जा रहा है कि आरोपी पहले दुकान बेचने के नाम पर लोगों से बयाना पकड़ते है और फिर उसे न दुकान बेचते हैं और न ही रुपए वापस करते है।