वैशाली, नोएडा से मोहननगर तक मेट्रो ट्रेन फेज-3 में फंसा फंडिंग का पेंच

गाजियाबाद। मेट्रो ट्रेन का विस्तार करने के लिए वैशाली और नोएडा सेक्टर-58 से मोहननगर तक मेट्रो ट्रेन फेज-3 प्रोजेक्ट को लेकर जारी कवायद के बाद एक बार फिर फंडिंग का पेंच फंस गया है। इन दोनों रूट की करीब 3800 करोड़ रुपए की फंडिंग का दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की थी। मगर मेट्रो ट्रेन के लिए फंड देने में प्रदेश सरकार की ओर से इनकार कर दिया गया है। सोमवार को अपर मुख्य सचिव आवास नितिन रमेश गोकर्ण की अध्यक्षता में हुई वर्चुअल बैठक में शासन की ओर से इस प्रोजेक्ट के लिए 50 फीसदी अंशदान देने से मना कर दिया गया। वर्चुअल बैठक में जीडीए सचिव बृजेश कुमार ने अपर मुख्य सचिव को फंडिंग पैटर्न से अवगत कराया गया। प्रदेश शासन अब प्रदेश के मेट्रो प्रोजेक्ट में दिए जाने वाले फंडिंग पैटर्न की जानकारी जीडीए को भेजेगा। उसके आधार पर जीडीए नए सिरे से फंडिंग पैटर्न तैयार कर शासन को भेजेगा।

अपर मुख्य सचिव आवास की अध्यक्षता में हुई वर्चुअल बैठक में कहा कि जीडीए ने मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए जो फंडिंग पैटर्न भेजा है, उसमें 50 फीसदी अंशदान प्रदेश सरकार से मांगा गया है। उन्होंने कहा कि शासन ने इतना अंशदान पूरे प्रदेश में किसी भी शहर के लिए मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्ट में नहीं दिया है। ऐसे में यह देना संभव नहीं होगा। उन्होंने कहा कि जीडीए दोबारा से फंडिंग पैटर्न का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजे। शासन स्तर पर उस पर विचार किया जाएगा।

जीडीए सचिव बृजेश कुमार ने अपर मुख्य सचिव आवास से आग्रह किया कि वह फंडिंग पैटर्न के बारे में जानकारी दें तो जीडीए उसी के आधार पर दोबारा से फंडिंग पैटर्न तैयार कर भेज देगा। जीडीए सचिव बृजेश कुमार ने बताया कि शासन से मेट्रो ट्रेन के लिए फंडिंग पैटर्न को लेकर जो भी जानकारी आएगी, उसके आधार पर मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्ट का फंंडिंग पैटर्न तैयार कर शासन को भेजा जाएगा। ताकि यह प्रोजेक्ट आगे बढ़ सके। इस बैठक में जीडीए के अधिकारियों के अलावा नगर निगम समेत अन्य अधिकारी भी शामिल थे।