कोरोना काल में भी खूब बिक रही जीडीए की प्रॉपर्टी

गाजियाबाद। कोरोना काल में शहर और आसपास के लोग जीडीए की संपत्ति दिल खोलकर खरीद रहे हैं। एक साल पहले तक नीलामी में दो-चार प्रापर्टी बिकती थीं, लेकिन इन दिनों प्रापर्टी की खूब सेल हो रही है। पहले आओ, पहले पाओ योजना हिट होती जा रही है। इस योजना के तहत 121 संपत्ति बिकी हैं। खुली नीलामी में आरक्षित दरों से दोगुना रेटों में संपत्ति बिक रही है। जीडीए की रिपोर्ट के अनुसार जून से सात दिसंबर तक कुल 295 प्रापर्टी बिकी हैं। इनकी कीमत 175 करोड़ है। मकान, फ्लैट, भूखंड, औद्योगिक भूखंड, ग्रुप हाउसिग भूखंडों के अलावा 12 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को भी दस साल के लिए निजी कंपनियों को लीज पर दिया गया है। जून 2019 से माचज़् 2020 तक जीडीए की सौ प्रापटीज़् ही बिकी थीं। इनकी कीमत 137 करोड़ है। कोविड के चलते नीलामी बंद हो गई। जून 2020 में प्रापर्टी सेल में उछाल आया और अब प्रत्येक शुक्रवार और शनिवार को प्रापर्टी बिक रही है। हाल ही में आरडीसी के दस क्योस्क एक साथ एक ही व्यक्ति द्वारा 59 लाख रुपये सालाना की दर पर लीज पर लिए हैं। जीडीए की विभिन्न आवासीय योजनाओं में रिक्त पड़ी करीब तीन सौ करोड़ की संपत्ति को बेचने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए बड़े बिल्डरों और पूंजी निवेशकों को बुलाकर साइट सवेज़् कराया जा रहा है। मधुबन-बापूधाम, इंदिरापुरम, गोविदपुरम, कर्पूरीपुरम, राजेंद्रनगर और कोयल एंक्लेव में आवासीय, व्यवसायिक और संस्थागत भूखंड खाली पड़ी हैं। उधर, जीडीए सचिव संतोष कुमार राय के मुताबिक कर्पूरीपुरम में प्रापर्टी बेचने के लिए हर शुक्रवार और शनिवार को पहले आओ, पहले पाओ योजना के अलावा खुली नीलामी का आयोजन हिदी भवन में किया जा रहा है। शहर के लोग बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। जरूरतमंदों के साथ ही पूंजी निवेशक भी प्रापर्टी खरीद रहे हैं। अगले दो महीने के भीतर तीन सौ करोड़ की अनसोल्ड प्रापर्टी बेचने की योजना है। मधुबन-बापूधाम आवासीय योजना की प्रापटीज़् बिक्री पर फोकस किया जा रहा है। करीब सौ आवासीय भूखंडों की योजना शीघ्र ही लांच होगी।