कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों की भूख हड़ताल

सिंघु और टीकरी बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी

नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का आज 19वां दिन है। इस बीच सिंघु और टीकरी बॉर्डर पर किसानों ने भूख हड़ताल की है। दोनों बॉर्डर पर संयुक्त मोर्चा के 40 किसान नेता भूख हड़ताल पर बैठे हैं। शाम 5 बजे तक वह अनशन पर रहेंगे। इसके अलावा देशभर में जिला मुख्यालयों पर किसानों का धरना-प्रदर्शन चल रहा है। ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद की गई है। किसी भी स्थिति से निपटने को पुलिस बल मुस्तैद है। किसानों ने सोमवार को सुबह 8 बजे से भूख हड़ताल शुरू की। किसानों ने सरकार से तीनों कृषि कानून वापस लेने की पुरजोर मांग की है। सिंघु, टीकरी, पलवल और गाजीपुर आदि बॉर्डर पर किसान नेता भूख हड़ताल पर बैठे हैं। किसान प्रतिनिधियों का कहना है कि कृषकों का रुख बिल्कुल साफ है। तीनों कृषि कानूनों को सरकार को वापस लेना चाहिए। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार से वार्ता के लिए समिति गठित की जाएगी। सरकार की मनमानी को कतई बरदाश्त नहीं किया जाएगा। सिंघु और टीकरी बॉर्डर पर बड़ी संख्या में किसान डटे हैं। इसके इतर केंद्रीय गृह मंत्री ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ पुन: वार्ता की है। इस दरम्यान किसान आंदोलन से जुड़े विभिन्न बिंदुओं पर मंथन किया गया है। वहीं, जामिया के कुछ छात्र सोमवार को किसानों को समर्थन देने गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे। जिन्हें किसानों ने बैरंग लौटा दिया। जामिया मिल्लिया के इन छात्रों को किसानों ने मंच नहीं दिया। ऐसे में किसानों और छात्रों के मध्य कहासुनी भी हो गई। किसान आंदोलन के कारण सिंघु बॉर्डर, टीकरी बॉर्डर, औचंदी बॉर्डर, प्याऊ मनियारी, सबोली, मंगेश बॉर्डर बंद हैं। वहां से आवाजाही रोक दी गई है। पुलिस ने रूट डायवर्ट कर दिया है। परिवर्तित रूटों से वाहन चालक गंतव्य की तरफ जा रहे हैं। नतीजन कुछ स्थानों पर जाम की समस्या सामने आई है।