किसान आंदोलन : सरकार भी एक्टिव मोड में

गृह मंत्री अमित शाह ने कृषि मंत्री संग चर्चा की
नितिन गडकरी से मिले हरियाणा के डिप्टी सीएम

नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों की भूख हड़ताल से इतर केंद्र सरकार भी एकाएक एक्टिव मोड में नजर आ रही है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सोमवार को एक बार फिर गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। दोनों मंत्रियों के बीच महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई है। माना जा रहा है कि सरकार जल्द कोई नई घोषणा करने के मूड में है। उधर, हरियाणा के उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से दिल्ली में मुलाकात की है। दुष्यंत दिल्ली में निरंतर भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को मंत्रियों के संपर्क में हैं। दरअसल हरियाणा में किसानों की तरफ से दुष्यंत चौटाला पर दबाव डाला जा रहा है। हरियाणा में दुष्यंत की पार्टी भाजपा की खट्टर सरकार की सहयोगी है। डिप्टी सीएम चौटाला ने इसके पहले केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की थी। उस मुलाकात के बाद चिल्ला बॉर्डर से किसान हट गए थे। वहीं, किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी का कहना है कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के मसले पर गुमराह कर रही है। गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले दिनों कहा था कि सरकार 23 फसलों को एमएसपी पर नहीं खरीद सकती है, क्योंकि इससे 17 लाख करोड़ का खर्च होता है। उधर, दिल्ली में सिंघु, टीकरी, पलवल और गाजीपुर आदि बॉर्डर पर किसान नेता भूख हड़ताल पर बैठे हैं। किसान प्रतिनिधियों का कहना है कि कृषकों का रुख बिल्कुल साफ है। तीनों कृषि कानूनों को सरकार को वापस लेना चाहिए। भाकियू नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार से वार्ता के लिए समिति गठित की जाएगी। उधर, जामिया के कुछ छात्र सोमवार को किसानों को समर्थन देने गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे थे। जिन्हें किसानों ने बैरंग लौटा दिया। जामिया मिल्लिया के इन छात्रों को किसानों ने मंच नहीं दिया। ऐसे में किसानों और छात्रों के मध्य कहासुनी भी हो गई। किसान आंदोलन के कारण सिंघु बॉर्डर, टीकरी बॉर्डर, औचंदी बॉर्डर, प्याऊ मनियारी, सबोली, मंगेश बॉर्डर बंद हैं।