सड़क पर दिखे गोवंश तो मालिकों पर लगेगा जुर्माना: डॉ. अनुज कुमार सिंह

-नगर निगम का जारी निराश्रित पशुओं को गौशाला लाने का अभियान

गाजियाबाद। शहरों की सड़कों या सार्वजनिक स्थानों पर मवेशियों को खुला छोडऩा अब महंगा पड़ेगा। सड़क पर घूमने के लिए गोवंश को छोडऩे वालों पर नगर निगम ने कार्रवाई तेज कर दी है। अब सड़क पर घूमने वाले गोवंश को पकडऩे के बाद उसके मालिकों से नगर निगम जुर्माना वसूल करेगा। साथ ही गौशाला भेजने पर होने वाला खर्च और पशु के खाने पर होने वाले खर्च भी पशुपालक से वसूला जाएगा। नगर निगम द्वारा लगातार निराश्रित गोवंशों को गौशाला तक पहुंचाने का कार्य बहुत ही बेहतर तरीके से किया जा रहा है। जिसमें गाय, बैल या अन्य गोवंश को हानि न पहुंचे सुविधा का विशेष ध्यान भी रखा जा रहा है। उप मुख्य पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी के नेतृत्व में प्रतिदिन निराश्रित गोवंश को सड़कों से गौशाला लाने का कार्य चल रहा है। कैटल कैचर अभियान को रोस्टर के अनुसार नगर निगम की संबंधित टीम चल रही है। जिसके क्रम में न केवल गोवंशों को उनके उचित स्थान पर लाया जा रहा है। बल्कि उनके रहने सहने का इंतजाम भी पुख्ता किया जा रहे हैं। बढ़ती ठंड को देखते हुए नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक के निर्देश अनुसार गोवंशों के लिए अलाव व तिरपाल की व्यवस्था भी अलग से कराई गई है।

उपमुख्य पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी डॉ अनुज कुमार सिंह ने बताया शहर की सड़कों पर लगातार गोवंश की संख्या में इजाफा हो रहा है। जिसकी शिकायत नगर निगम में पहुंच रही है। समस्या पर अंकुश लगाने और शिकायतों का निस्तारण करने के लिए कार्रवाई तेज कर दी गई है। उन्होंने बताया कि सड़कों पर घूम रहे गोवंश को कैटल कैचर वाहन के जरिये नंदी पार्क गोशाला में रखा जाता है। गोवंश को छुड़ाने के लिए मालिकों से जुर्माना वसूल किया जा रहा है। लेकिन इसके बावजूद सड़कों पर गोवंश घूमते दिख रहे है। जिस पर अंकुश लगाने का प्रयास शुरू किया गया है। उन्होंने बताया कि इसके दो कारण है, पहला पालतू दुधारू पशुओं से दुग्ध व्यापार करने वाले शहरवासी पशुओ का सुबह दूध निकालने के बाद उन्हें खुला छोड़ देते है।

यह शहर में दिन भर घूम-घूम कर जगह-जगह ग्रीन बेल्ट व पार्क में उगी घास को भोजन के रूप में इस्तेमाल करते है। दूसरा कारण पशु पालकों द्वारा दुधारु पशुओं को तब तक पाला जाता है, जब तक वह दूध देते है। दूध देने वाले गोवंश गंभीर बीमारी से ग्रसित होने या दूध देना बंद कर देने पर उन्हें सड़कों पर छोड़ दिया जाता है। ऐसे पशुपालकों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। सड़कों पर मिलने वाले गोवंश मालिकों से प्रति गोवंश 2 हजार रुपए का जुर्माना और पशु के बच्चे पर 1000 रुपए जुर्माना लगाया जाता है। साथ ही जितने दिन गोवंशों को नंदी पार्क में रखा गया है, जो पशुपालक इन्हें छुड़ाने आएगा, उनसे निगम चारे के अलावा, पशु को पकडऩे और लाने ले जाने का 150 रुपए प्रतिदिन जुर्माना अतिरिक्त वसूला जाएगा। इसी क्रम में ऐसे पशुपालक जो अपने गोवंशों को सड़क पर खुला छोड़ते हैं। उनसे नगर निगम अब तक 1 लाख 12 हजार 350 रुपए आर्थिक दंड के रूप में निगम द्वारा वसूला गया है। कहीं भी आवारा पशु सड़कों पर ना दिखाई दे इसके लिए नगर आयुक्त द्वारा संबंधित अधिकारियों को विशेष अभियान चलाने के लिए कड़े निर्देश भी दिए गए हैं।

Dr. Anuj Singh
डॉ. अनुज कुमार सिंह नगर निगम के उप मुख्य पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी

पशुपालकों द्वारा अपने पशुओं को सड़कों एवं सार्वजनिक स्थलों में विचरण के लिए छोड़ दिया जाता है, जिससे गंभीर दुर्घटनाओं की संभावना बनी रहती है। साथ ही मवेशियों के जीवन और अंगों के लिए भी खतरा रहता है। जिस पर रोक लगाने के लिए प्रतिदिन अभियान चलाकर कार्यवाही की जा रही है। यदि सड़क पर उनके पशु घूमते हुए मिलेंगे तो उनके विरुद्ध जुर्माना एवं अन्य कार्रवाई की जाएगी। ऐसे पशुपालकों को चिह्नित भी किया जा रहा है। शहरवासियों से अपील है कि खुले में अपने पशुओं का न छोड़े, इनसे हादसें की संभावना रहती है। साथ ही टै्रफिक व्यवस्था भी प्रभावित होती है। लापरवाह पशु पालकों पर जुर्माना लगाया जाएगा, अगर उसके बाद भी दोबारा पशु पालक द्वारा पशुओं को खुले में छोड़ा जाता है तो जुर्माने की राशि बढ़ाते हुए संबंधित के खिलाफ भी कठोर कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. अनुज कुमार सिंह
उपमुख्य पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी
नगर निगम गाजियाबाद।