खेतों में किराए के ड्रोन से डाल सकेंगे यूरिया: श्रद्धा अनंग

-फसलों पर कीटनाशक, यूरिया समेत अन्य रसायनों का भी इन ड्रोन के जरिए हो सकेगा स्प्रे

गाजियाबाद। जिले के किसानों के लिए यह अच्छी खबर है। किसान ड्रोन के जरिए जल्द ही अपने खेतों में कीटनाशक और यूरिया आदि का छिड़काव करवा सकेंगे। सहकारिता विभाग की ग्रामीण सहकारी समितियों में किराए पर किसानों को ड्रोन उपलब्ध कराएगी। इसके लिए सहकारिता विभाग ने इफको को प्रस्ताव भेज चुका है। वहां से जल्द मंजूरी मिलने की उम्मीद हैं। जिला सहकारी समिति कृषि संबंधी कार्यों को ड्रोन का प्रयोग करने जा रहा है। यह ड्रोन किसानों को मामूली किराए पर उपलब्ध होंगे। इनके लिए एक ऑपरेटर को भी तैनात किया जाएगा। फसलों पर कीटनाशक, यूरिया समेत अन्य रसायनों का स्प्रे भी इन ड्रोन के जरिए किया जा सकेगा। इससे किसानों का समय और मेहनत बचेगी। साथ ही रासायनिक छिड़काव के दौरान आने वाली स्वास्थ्य संबंधी परेशानी से भी बच सकेंगे। इसके लिए इंडियन फॉर्मर कॉरपोरेशन (इफको) के पास प्रस्ताव बनाकर भेजा जा चुका हैं। वहां से मंजूरी मिलने के बाद विभागीय की ओर कार्रवाई शुरू की जाएगी।

सहकारिता विभाग की सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक श्रद्धा अनंग का कहना है कि किसानों को खेती के आधुनिकीकरण और किसानों के लाभ के लिए ग्रामीण सहकारी समितियों द्वारा ड्रोन उपलब्ध कराए जाएंगे। ड्रोन के माध्यम से रासायनिक छिड़काव, यूरिया के अलावा कई दूसरे कृषि कार्य आसानी के साथ किए जा सकेंगे। इस संबंध में विभाग की ओर से कार्रवाई शुरू कर दी गई है। कृषि के कार्यों में ड्रोन का प्रयोग करने से छोटे किसानों की तुलना में बड़े किसानों खेतों के मालिकों को अधिक लाभ होगा। अधिकतर किसान खेतों की रखवाली के लिए नौकर रखते हैं। वहीं, सिंचाई के दौरान पानी का प्रवाह जांचने के लिए खेतों में जाना पड़ता है। ड्रोन के माध्यम से सिंचाई और अन्य समय में एक स्थान पर रहकर पूरे खेत की निगरानी की जा सकेगी।

सहायक आयुक्त ने बताया कि ड्रोन के प्रयोग के लिए किसानों को बहुत कम किराया देना होगा। 500 से 1000 रुपए प्रति घंटा के हिसाब से किसान ड्रोन का इस्तेमाल कर सकेंगे। इनके प्रयोग से कई दिनों का काम कुछ घंटे में पूरा हो जाएगा। उम्मीद है कि नए साल जनवरी के अंत तक कुछ सहकारी समितियों में ड्रोन उपलब्ध करा दिए जाएंगे। हालांकि ड्रोन का इस्तेमाल आपराधिक घटनाओं में भी होने लगा है। ऐसे में निजता के प्रति अतिसंवेदनशील ग्रामीणों में ड्रोन के इस्तेमाल को लेकर संदेह होना स्वाभाविक है। लोगों के संदेह के निराकरण के लिए सहकारिता विभाग सुरक्षा उपायों पर ध्यान रखेगा। समितियों में ड्रोन का रखवाने से पहले स्थानीय पुलिस को इस संबंध में जानकारी दी जाएगी। ऑपरेटर बिना सोसायटी की अनुमति के ड्रोन का इस्तेमाल नहीं कर सकेगा।