किसान आंदोलन : दिल्ली में 9वें दौर की वार्ता

2 केंद्रीय मंत्रियों ने किसानों संग बातचीत की

नई दिल्ली। दिल्ली के विज्ञान भवन में शुक्रवार को केंद्र सरकार और किसानों के बीच 9वें दौर की बातचीत शुरू हुई। इस बीच दोनों पक्षों ने अपने-अपने तर्क रखे हैं। किसानों ने तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को दोहराया है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसानों के हित में सरकार हरसंभव कदम उठाने को तैयार है। कृषि कानूनों से किसानों का कोई नुकसान नहीं होगा। नए कृषि कानूनों के खिलाफ जारी गतिरोध दूर नहीं हो सका है। इसके चलते किसान आंदोलन का आज 51वां दिन है। सरकार और किसानों के बीच अब तक 8 दौर की वार्ता हो चुकी है। शुक्रवार को 9वें दौर की वार्ता चल रही है। ऐसे में खबर मिली है कि किसानों की 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली रद्द करने पर सहमति बन गई है। वरिष्ठ किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने ऐसी अपील कर तमाम किसान संगठनों को पत्र लिखा है। इसके बाद किसान संगठन मान गए हैं। केंद्र सरकार को इस संबंध में औपचारिक तौर पर सूचना भी दे दी गई है। फिलहाल सरकार और किसान संगठन की तरफ से आधिकारिक बयान नहीं आया है। उधर, विज्ञान भवन में वार्ता के दौरान केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने किसानों को एफसीआई से जुड़ी जानकारी दी। हालांकि किसान बैठक में निरंतर कानूनों को निरस्त करने की मांग करते रहे। उधर, केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने कहा है कि देश के किसान नेता किसानों को तकलीफ दे रहे हैं। हाड़ कंपाती ठंड में उन्हें बर्बाद करने का काम कर रहे हैं। किसानों की आय दोगुना करना सरकार का मकसद है। सरकार किसान बिल में संशोधन करने को तैयार है। इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का जो भी निर्णय आएगा, केंद्र सरकार उसे मानेगी और किसानों को भी कोर्ट का निर्णय मानना चाहिए।