किसान आंदोलन : अब सिंघु बॉर्डर पर पंचायत

भारत बंद की तैयारियां, कांग्रेस-टीएमसी का सपोर्ट

नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों ने 8 दिसम्बर को भारत बंद के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसी क्रम में किसानों ने रविवार को सिंघु बॉर्डर पर पंचायत की। पंचायत में केंद्र सरकार की नीयत पर सवाल खड़े किए गए। वक्ताओं ने कहा कि मांगे पूरी होने तक आंदोलन समाप्त नहीं किया जाएगा। पंचायत के जरिए किसानों ने 9 दिसम्बर को सरकार के साथ प्रस्तावित छठे दौर की वार्ता के संबंध में भी रणनीति तैयार की। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने भी किसानों के बंद का समर्थन किया है। वहीं, एनडीए के सहयोगी दल जनता दल यूनाईटेड के नेता केसी त्यागी ने केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी के उस बयान से असहमति जताई है, जिसमें उन्होंने कांग्रेस पर किसानों को भड़काने का आरोप लगाया था। केसी त्यागी ने कहा कि कांग्रेस का उत्तर भारत में अस्तित्व नहीं बचा है। कांग्रेस के भड़काने से किसान उनके बहकावे में नहीं आने वाले हैं। बता दें कि कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा है कि सरकार कृषि कानूनों में संशोधन करने को तैयार है, मगर इन कानूनों को वापस नहीं लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि देशभर में एमएसपी जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 6 दशक तक राज किया, मगर कृषि के लिए उनका बजट क्या था। मोदी सरकार ने किसानों के हित में कदम उठाया है। सरकार ने किसान सम्मान निधि को आरंभ किया। सरकार किसानों की आमदनी को दोगुनी करना चाहती है। उन्होंने आरोप लगाया है कि कांग्रेस निरंतर किसानों को सरकार के खिलाफ भड़का रही है। सनद रहे कि नए कृषि कानूनों के विरोध में पिछले 11 दिन से किसान आंदोलन चल रहा है। किसानों और सरकार के बीच शनिवार को आयोजित पांचवें दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही थी। अब 9 दिसम्बर को छठे दौर की वार्ता होनी है।