नगर निगम बोर्ड बैठक में भ्रष्टाचार पर महासंग्राम मेयर ने कहा…गर्दन काट दूंगी बैठक में 30 लाख की घूसकोरी का उठा मुद्दा (देखे वीडियो)

नगर निगम बोर्ड बैठक में जोरदार हंगामा, 27 प्रस्तावों पर लगी मुहर
-पुनरीक्षित बजट-1684.37 करोड़ पास, प्रारम्भिक अवशेष-1611.47 करोड़ रुपए
-गाजियाबाद का नाम बदलने को निगम से मिली मंजूरी, गजनगर या हरनंदी नगर होगा नाम 

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गाजियाबाद। आखिर जैसे कयास लगाए जा रहे थे, वैसे ही नगर निगम की हुई बोर्ड बैठक में पार्षदों ने जमकर हंगामा किया। मंगलवार को सुबह 11 बजे से शाम साढ़े चार बजे तक नगर निगम मुख्यालय स्थित सभागार में महापौर सुनीता दयाल की अध्यक्षता एवं नगर आयुक्त विक्रमादित्य मलिक व पार्षदों की मौजूदगी में वंदे मातरम गान कर बोर्ड बैठक की शुरुआत की गई। बोर्ड बैठक में मुख्य प्रस्तावों के अलावा अनुपूरक 28 प्रस्ताव रखे गए थे। इनमें से 27 प्रस्तावों पर चर्चा करने और पार्षदों के हंगामा किए जाने के बाद प्रस्तावों पर मुहर लग गई। नगर निगम की बोर्ड बैठक होने के चलते नगर निगम मुख्यालय को पुलिस फोर्स की भारी संख्या में तैनाती के चलते छावनी में तब्दील कर दिया। एसीपी नंदग्राम रवि कुमार सिंह समेत भारी संख्या में पुलिस फोर्स बैठक समाप्त होने तक मुख्यालय परिसर में मुस्तैद रहे।

पुलिस फोर्स की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच बोर्ड बैठक का समापन हुआ। नगर निगम के सदन सचिव अपर नगर आयुक्त अरुण यादव ने एजेंडे के प्रस्ताव पढ़कर सुनाएं। शहर में सामुदायिक केंद्रों को लीज पर देने के प्रस्ताव पर पार्षदों ने हंगामा किया। इसी बीच कई पार्षदों के बीच नोकझोंक भी हुई। नगर निगम की शहर में दुकानों का किराया बढ़ेगा। इस पर सदन में मुहर लग गई। नगर निगम सदन की बैठक में सुबह से हंगामा होता रहा। बोर्ड बैठक में अपर नगर आयुक्त अरुण कुमार यादव, चीफ इंजीनियर एनके चौधरी, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी डॉ. संजीव सिन्हा, लेखाधिकारी डॉ. गीता रानी, उद्यान प्रभारी डॉ. अनुज कुमार सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथिलेश सिंह, जलकल महाप्रबंधक कामाख्या प्रसाद आनंद, प्रकाश प्रभारी आश कुमार, मुख्य नगर लेखा परीक्षक विवेक सिंह, सहायक नगर आयुक्त पल्लवी सिंह, एग्ज्यूकेटिव इंजीनियर फरीद अख्तर जैदी, देशराज सिंह, जोनल प्रभारी सुनील राय, लेखा परीक्षक रोहताश शुक्ला, विमलकांत सिंह, संपत्ति प्रभारी भोलानाथ समेत अन्य अधिकारी बैठक के दौरान उपस्थित रहे।

गाजियाबाद शहर का नाम गजनगर या हरनंदी नगर रखे जाने के प्रस्ताव पर इसे शासन को भेजने का निर्णय लिया गया। वहीं, वार्ड-60 के भाजपा पार्षद सचिन डागर ने राजेंद्रनगर में जगजीवन राम कॉलोनी में पार्क की जमीन पर 30 फीट चौड़ा रास्ता देने का मामला उठाया। उन्होंने सदन में कहा कि यह रास्ता पार्क की जमीन से दे दिया गया, जो गलत है। पार्क की जमीन पर सड़क किसने बना दी। इसकी किसी को जानकारी नहीं है। पार्षद सचिन ने कहा कि इसकी एवज में 30 लाख रुपए की रिश्वत ली गई। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि महापौर सुनीता दयाल ने साहिबाबाद थाने में फोन कर रास्ते की जमीन पर कब्जा करने वालों को थाने से फोन कर छुड़वाया गया। भाजपा पार्षद के सदन में यह कहते ही हंगामा शुरू हो गया। भाजपा पार्षदों ने ही पार्षद सचिन के खिलाफ हल्ला बोल दिया। भाजपा पार्षद शीतल देओल ने महापौर का सदन में इस अपमान कहा। इसके लिए माफी मांगनी चाहिए। इस पर महापौर सुनीता दयाल ने गुस्से में आकर कहा कि अगर किसी ने मेरे ऊपर 30 लाख रुपए रिश्वत लेने का आरोप झूठा लगाया तो गर्दन काट दूंगी। उसकी उंगली अलग हो जाएंगी। 40 साल का कलेजा हैं, उंगली न उठाए। 30 लाख की जिस अधिकारी ने रिश्वत ली है। वह सस्पेंड होंगे।

महापौर ने कहा कि केंद्रीय राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह का फोन आने पर उद्यमियों की मदद की गई। वहीं, पार्षद सचिन ने कहा कि महापौर पर कोई आरोप नहीं लगाया गया। बल्कि जो हुआ वह बयां किया है। इस मामले में हंगामा बढ़ता देख नगर आयुक्त विक्रमादित्य मलिक ने तुरंत ही लंच करने का ऐलान कर दिया। वहीं, महापौर सुनीता दयाल ने कहा कि बोर्ड बैठक में गाजियाबाद जनपद का नाम बदलने का प्रस्ताव रखा गया हैं। उन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव अब शासन को भेजा जाएगा। जनपद का नया नाम क्या होगा। इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व शासन ही तय करेगा। इसके अलावा शहर में कूड़ा निस्तारण के लिए जमीन की व्यवस्था और इंदिरापुरम कॉलोनी को हैंडओवर के मामले में मंडलायुक्त की अध्यक्षता में डीएम, महापौर, नगर आयुक्त आदि अधिकारियों के साथ बैठक होने का निर्णय लिया गया।

पांच पार्षदों ने किया गाजियाबाद का नाम बदलने का विरोध
गाजियाबाद जनपद का नाम बदलने का प्रस्ताव नगर निगम बोर्ड बैठक में रखा गया है। महापौर सुनीता दयाल ने बताया कि यह प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा। शासन जनपद का क्या नाम रखेगा, वह शासन तय करेगा। बोर्ड बैठक में सपा पार्षद आदिल मलिक व कांग्रेस पार्षद अजय शर्मा समेत पांच पार्षदों ने विरोध जताया। जबकि 100 पार्षदों में से 95 पार्षदों ने सहमति जताई। भाजपा पार्षद प्रवीण चौधरी, कार्यकारिणी उपाध्यक्ष राजीव शर्मा एवं शीतल देओल ने प्रस्ताव का स्वागत करते हुए इसे शासन को भेजे जाने की बात कहीं। गाजियाबाद का नाम काफी समय से बदलने की मांग की जा रही थी। लेकिन यह ऐतिहासिक काम अब पूरा होने जा रहा है। जो भी नाम तय किया जाए। वह शासन स्तर से ही किया जाए। दरअसल, मुगल शासन के दौर में गाजियाबाद का मौजूदा नाम मिला था। मुगल बादशाह औरंगजेब के शासन काल में यहां के नवाब गाजीउद्दीन के नाम पर सन-1740 में हिंडन नदी किनारे बसे शहर का नामकरण किया गया था। हाल के समय में कई बार गाजियाबाद का नाम बदलने की मांग हो चुकी है। दावा किया जाता है कि महाभारत काल में यह हस्तिनापुर का ही हिस्सा था।

40 सामुदायिक केंद्रों को लीज पर देने के प्रस्ताव पर पार्षदों ने किया हंगामा
नगर निगम बोर्ड बैठक में शहर में 40 सामुदायिक केंद्रों को लीज पर देने पर जमकर हंगामा हुआ। पार्षदों ने आपत्ति जताई। महापौर के समझाने पर यह प्रस्ताव पास हो गया। इसके अलावा इंदिरापुरम कॉलोनी को हैंडओवर करने का मामला मंडलायुक्त सेल्वा कुमारी जे. की अध्यक्षता में बैठक होगी। उसके बाद सड़क, पार्क सीवर, सामुदायिक केंद्र को ही हैंडओवर करने और विकास कार्य कराने पर सहमति बनीं। बोर्ड बैठक में पास हुए 27 प्रस्तावों में 20-20 लाख रुपए के प्रत्येक वार्ड में विकास कार्य होंगे। निगम अपनी जमीन पर हॉस्पिटल बनाएगा। पार्षदों का कोटा समान रहेगा।

राजनगर डिस्ट्रिक्ट सेंटर (आरडीसी) का कॉमर्शियल क्षेत्र और स्वर्णजयंतीपुरम कॉलोनी को भी जीडीए से हैंडओवर करने की प्लानिंग की जाएगी। 43 बस शेल्टरों का बीओटी व पीपीपी मॉडल पर निर्माण किया जाएगा। इसके लिए कंपनी विज्ञापन कर सकेगी। यह प्रस्ताव पास किया गया। इसका 10 साल का टेंडर छोड़ा जाएगा। ई-रिक्शा पर शुल्क लगेगा। शहर के एंट्री गेट भव्य प्रवेश द्वार का निर्माण किया जाएगा। आवारा पशुओं पर नोएडा की तर्ज पर 10,15 व 20 हजार रुपए जुर्माना लगेगा। दिवंगत सीडीएस बिपिन रावत के नाम की मूर्ति स्थापित होगी। एसटीपी के अनुरक्षण की धनराशि का प्रस्ताव पास हुआ। पार्क का नाम राम पार्क, शिवाजी पार्क रखा जाएगा। स्पोर्ट्स सेंटरों का निर्माण होगा। ट्रेड लाइसेंस के प्रस्ताव पर सहमति नहीं बनने पर इसे शासन को भेजने का निर्णय लिया गया। कर्मचारियों को सर्दी की वर्दी दी जाएगी।

बैठक में पुनरीक्षित 1684.37 करोड़ का हुआ पास
नगर निगम बोर्ड बैठक में लेखा विभाग की ओर से पुनरीक्षित बजट पेश किया गया। लेखाधिकारी डॉ.गीता कुमारी ने बजट को पेश किया। इसमें कुल 1684.37 करोड़ रुपए का बजट रखा गया। बीते साल के सितंबर माह तक नगर निगम ने 904.82 करोड़ रुपए वास्तविक खर्च का डेटा पेश किया। पूरक बजट में सदन में विस्तार से चर्चा होने के बाद इसे पास कर दिया गया। बजट में हाउस टैक्स से 149 करोड़ रुपए,जलकल से 89 करोड़, सीवर से 56 करोड़, विज्ञापन कर से 22 करोड़, प्रेक्षागृह से करीब 15 लाख रुपए सहित कुल 344 करोड़ रुपए की आय दशाई गई है। सितंबर महीने तक नगर निगम ने 108 करोड़ रुपए की इनकम दर्शाई गई थी। 1684.37 करोड़ रुपए खर्च दर्शाई गई।