तमिलनाडु में हिंदी को बढ़ावा देने को लेकर राज्यपाल से की मुलाकात

– राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित के साथ अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री तरुण मिश्र की हुई चर्चा

उदय भूमि संवाददाता
चेन्नई। दक्षिण भारत के राज्यों में हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकारों द्वारा पर्याप्त प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। अन्य राज्यों में तो थोड़ा बहुत कुछ काम हो भी रहा है लेकिन, तमिलनाडु मैं तो हिंदी बिल्कुल ही  अछूती है। तमिलनाडु की किसी भी सरकार द्वारा हिंदी के लिए कुछ नहीं किया गया।जबकि हिंदी राष्ट्रभाषा है और हिंदी भाषा के  उपयोग का लाभ तमिलनाडु के लोगों को भी खूब मिलेगा। अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री तरुण मिश्र ने  सोमवार को तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित से मुलाकात के दौरान यह बातें कही। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के लोग देश के विभिन्न राज्यों में जा रहे हैं। काम धंधे एवं रोजगार के सिलसिले में तमिलनाडु के लोग उत्तर भारत के हिंदी राज्यों में जाते हैं। व्यापार के लिए हिंदी भाषा का प्रयोग काफी लाभकारी साबित हो रहा है। ऐसे में तमिलनाडु में हिंदी को लेकर जो मानसिकता है उसमें तत्काल बदलाव लाने की जरूरत है।

राज्यपाल से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान तरुण मिश्र ने कहा कि उनकी मुलाकात सामान्य एवं शिष्टाचार भेंट थी। तरुण मिश्र भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता हैं और भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ मुरली मनोहर जोशी के सचिव रहे हैं। वर्तमान में भाजपा दक्षिण के राज्यों में अपनी पैठ बनाने में लगी हुई है और तमिलनाडु उसका अगला निशाना है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के तमिलनाडु दौरे के अगले दिन तरुण मिश्र के चेन्नई पहुंचने और फिर राज्यपाल से मुलाकात को लेकर कई राजनैतिक कयास लगाए जा रहे हैं। तमिलनाडु भाजपा के पुराने कार्यकर्ताओं के साथ तरुण मिश्र के पुराने संबंध भी हैं।

तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित के साथ चेन्नई स्थित राज भवन में बातचीत करते अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री पंडित तरुण मिश्र।

पत्रकारों द्वारा पूछे गए इन राजनीतिक सवालों को तरुण मिश्र पूरी तरह से टाल गए। उन्होंने कहा कि यह कोई राजनीतिक मुलाकात नहीं थी। मुलाकात के दौरान हिंदी भाषा को कैसे बढ़ावा दिया जाए इसको लेकर चर्चा हुई। तमिलनाडु की सरकारों द्वारा हिंदी की पूरी तरह से उपेक्षा की गई है। राज्यपाल से इस मामले में विशेष ध्यान देने का आग्रह किया गया। कई और मुद्दों पर बात हुई लेकिन विषय राजनैतिक नहीं था। मुलाकात के दौरान मिथिलांचल की संस्कृति को लेकर भी चर्चा हुई। राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने मिथिला की संस्कृति, मिथिला के लोगों का रहन सहन, मिथिला के विकास एवं शैक्षणिक स्थिति को लेकर भी जानकारी ली। तरुण मिश्र ने कहा राज्यपाल को मिथिला से लगाव है और वह यहां की गतिविधियों में रुचि भी रखते हैं।