एमएसएमई ने ईबाइकगो और एएसएसएआर के रणनीतिक गठजोड़ को दी अनुमति

-ईवी अपनाने, रोजगार, पर्यावरण सुरक्षा को गति देने का समर्थन किया
-ईबाइकगो की नजर परिचालन बढ़ाने पर, 10,000 रोजगार के साथ आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा देश

उदय भूमि ब्यूरो
नई दिल्ली। भारत के सबसे तेजी से बढऩे वाले ई मोबिलिटी स्टार्टअप ईबाइकगो एडवांस्ड सर्विसेज फॉर सोशल एंड एडमिस्ट्रेटिव रीफॉम्र्स (एएसएसएआर) और ईओडीबी ईज ऑफ  डूइंग बिजनेस-कारोबार करने की सहूलियतद्ध के बीच रणनीतिक गठजोड़ का स्वागत करते हुए केंद्रीय माइक्रो, स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइजेज (एमएसएमई) के मंत्री प्रताप चंद्र सारंगी ने कहा
भारत के सबसे तेजी से बढऩे वाले ई मोबिलिटी स्टार्टअप ईबाइकगो और एडवांस्ड सविज़्सेज फॉर सोशल एंड एडमिस्ट्रेटिव रीफॉम्र्स (एएसएसएआर) के बीच रणनीतिक गठजोड़ का स्वागत करते हुए और इसके लिए बधाई देते हुए केंद्रीय माइक्रो, स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइजेज (एमएसएमई) मंत्री प्रताप चंद्र सारंगीने कहा मैं ईबाइकगो और एएसएसआर को इस रणनीतिक साझेदारी के लिए बधाई देता हूं। ईबाइकगो और एएसएसआर के प्रयास एक दूसरे के पूरक हैं। इसलिए यह एक अच्छा कदम है। हरित ऊर्जा समाधानों से पारिस्थितिकी का संरक्षण और उसकी सुरक्षाए रोजगार के मौके बनाना और आर्थिक स्वतंत्रता के प्रति जोर देने वाली इस साझेदारी के हमारे देश के स्थायी विकास पर सकारात्मक प्रभाव होंगे। इस गठजोड़ की शुरुआत वल्र्ड ईवी डे, 9 सितंबर 2020 को हुई थी। देश में ईवी (इलेक्ट्रीक वाहनों) को अपनाए जाने के अभियान को सरकारी सहायता देने के लिए एएसएसएआर की नियुक्ति रणनीतिक साझेदार के रूप में हुई थी। इस साझेदारी के तहत ईओडीबी और ईबाइकगो मिलकर भिन्न ई-कामर्स और लॉजिस्टिक कंपनियों जैसे अमैजन, बिग बास्केट, स्विग्गी आदि में 3000 ईवी बाइक को बढ़ावा देंगे और तैनात करेंगे। इसमें माइक्रो, स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइजेज (एमएसएमई) का समर्थन शामिल है जो भिन्न सरकारी योजनाओं और सरकारी, निजी बैंकों के जरिए माइक्रो उपक्रमों के लिए तेजी से बेहतर क्रेडिट सुविधाओं, वित्त और बैंक गारंटी का सशक्तिकरण कर रहा है। इस समय भारतीय सड़कों पर तीन करोड़ दुपहिए चल रहे हैं और ईबाइकगो का लक्ष्य इनमें से 30,000 को ईवी में बदलने का है। ये 3000 बाइक इसकी पहली खेप हैं। पहले चरण में इन बाइक्स को सात शहरों में तैनात किया जाएगा। इनका लक्ष्य इस प्रकार है। दिल्ली में 900, मुंबई में 700, बैंगलोर में 700, पुणे में 200, अमृतसर में 150, हैदराबाद में 150 और जयपुर में 200 है। डॉ टी इरफान खान, संस्थापक और सीईओए ईबाइकगो ने कहा इस गठजोड़ में हमारी दोहरी दिलचस्पी है। सबसे पहले तो यह भारत में ईवी को अपनाया जाना तेज करने के क्रम में है और आत्मनिर्भर भारत की कल्पना को पूर्ण करने की दिशा में काम है क्योंकि यह ईंधन के मामले में दूसरे देशों पर कम निर्भर होगा। देश के सकल घरेलू उत्पाद पर इसका सकारात्मक प्रभाव होगा और ईवी अपनाने वालों के लिए पर्यावरण अनुकूल और किफायती आवाजाही का लाभ उठाना संभव करेगा। दूसरा फायदा यह है कि इससे रोजगार के कई मौके बनेंगे और यह सब नए जमाने के कारोबारी मौकों के जरिए होगा। किसी व्यावसायिक दुकान में 10 लाख रुपए का निवेश ज्यादा से ज्यादा 4.6 लोगों को नौकरी देगा। पर ईबाइकगो के कारोबारी साझेदारी के जरिए 10 लाख रुपए का निवेश अगर ईवी बाइक्स में किया जाए तो करीब 50 लोगों को नौकरी मिलने का वादा रहता है। ये वो लोग होते हैं जो 10वीं पास भी हों तो आथिज़्क रूप से निर्भर हो सकते हैं और डिलीवरी एक्जीक्यूटिव हो सकते हैं। एएसएसएआर के कंट्री डायरेक्टर अभिजीत सिन्हा ने कहा कि ईज ऑफ  डूइंग बिजनेस कारोबार करने की सहूलियत की हमारी चाहत आपदा में अवसर की प्रधानमंत्री की अपील और आत्मनिर्भर भारत के तहत मौके तलाशने की जरूरत के अनुकूल है। ईबाइकगो के साथ यह गठजोड़ उपयुक्त है और सही समय पर किया गया है। यह रोजगार के मौके बनाने की सीधी कोशिश की तरह है और इलेक्ट्रीक बाइक की तैनाती के साथ हरेक तिमाही में 10,000 तक रोजगार बढ़ेंगे। भारत की एक अग्रणी पायलट परियोजना नेशनल ई हाईवेदिल्ली.आगरादृजयपुर ईवी के लिए एनएचद्ध पर काम कर रही है। इस साझेदारी से हमें एनएचईवी के साथ हाईवे पर अपने वादे के अनुसार इलेक्ट्रीक कार और बसें तथा अब शहरों में ईबाइकगो के सात दुपहिए तैनात करने में मदद मिलेगी। भारत इस समय एक ऐसा बाजार है जहां ईवी की पहुंच कम है। वैश्विक ईवी बाजार भारत का हिस्सा बहुत मामूली 0.5 प्रतिशत है और इसमें चीन का हिस्सा सबसे ज्यादा 30 प्रतिशत है। फै्रंचाइज मॉडल का लाभ उठाते हुए ईबाइकगो ईवी को अपनाना बढ़ाने में अहम भूमिका निभा सकता है और इस तरह 2030 तक भारतीय सड़कों पर 28 मिलियन ईवी लाने का भारत सरकार का सपना पूरा करने में सहायता कर सकता है।