किसान मसीहा को याद किया

भाकियू संस्थापक महेंद्र सिंह की जयंती मनाई गई

उदय भूमि ब्यूरो
गढ़मुक्तेश्वर।
सिंभावली में किसान मसीहा महात्मा महेंद्र सिंह टिकैत की 85वीं जयंती पर कांग्रेस सेवादल के स्वयंसेवकों व भाकियू पदाधिकारियों द्वारा उनके चित्र पर माल्यार्पण करते हुए किसानों के लिए उनके बलिदान को याद किया। मंगलवार को आयोजित हुए कार्यक्रम में कांग्रेस सेवादल के प्रदेश महासचिव सरदार राजेंद्र सिंह औलख ने उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि किसान आंदोलन की जैसी आवाज चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत ने देश में बुलंद की, वैसा असर अब दिखाई नहीं देता। चुनाव के प्रचार में सियासी पार्टियों में आरोप-प्रत्यारोप की जंग छिड़ी रहती है मगर किसानों के मुद्दे नदारद दिखाई दिए हैं। ऐसे में चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत की याद आना स्वाभाविक है। इस कार्यक्रम में अतिथि भाकियू के पूर्व राष्ट्रीय सचिव चौधरी सतबीर सिंह ने कहा कि उन्होंने किसान शक्ति को न केवल एकजुट किया, बल्कि लखनऊ से दिल्ली तक की सत्ता के सिंहासन भी हिला दिए थे। भारतीय किसान यूनियन की नींव रख कर चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत ने देश में किसान आंदोलनों को नई ताकत दी थी। किसान नेता एसपी कर्दम व हाजी कौसर ने कहा कि उनकी बात और उनके कद जैसा दूसरा किसान नेता अभी तक देश के सामने नहीं आया है। 1987 में शामली का करमूखेड़ी बिजलीघर जहां से किसान राजनीति के महानायक का उदय हुआ,किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने फायरिंग की, जिसमें किसान जयपाल सिंह और अकबर शहीद हो गए थे। चौधरी टिकैत की आवाज इतनी दमदार हो गयी थी कि तत्कालीन यूपी के सीएम वीर बहादुर सिंह को करमूखेड़ी की घटना पर अफसोस दर्ज कराने के लिए 11 अगस्त को सिसौली आना पड़ा था। इव अवसर पर भोले खान ,हरेंद्र पंवार, मनोज कुमार, शेरअली ,ओमप्रकाश सैनी, हरबीर ,देविन्द्र ,विनोद तोमर, दिनेश शर्मा, जीतेन्द्र रोहताश , लवकेश इत्यादि थे और महात्मा टिकैत को याद किया।